मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023

अखबार का पेमेंट और विज्ञापन बंद: बेवकूफी भरा किसका निर्णय.

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

नगरपालिका सूरतगढ़ ने साप्ताहिक ब्लास्ट  की आवाज के विज्ञापन बंद कर दिए और आदेशों पर छापे विज्ञापनों का  हजारों रूपये का पेमेंट भी रोक दिया। मील कालवा की लड़ाई में एक दूसरे का अब तक कुछ भी बिगाड़ नहीं सके लेकिन यह बेवकूफी भरा निर्णय हुआ जो लिखित में नहीं है। यह निर्णय करने वालों को इसका नतीजा भी भोगना पड़ेगा। पहले भी भोगा है। अखबार मरता नहीं लेकिन गंदी हरकतें करने वालों को ठिकाने जरूर लगा देता है। अब इस हरकत में जो लोग हैं उनके लिए यह चुनौती है कि वे ठिकाने लगेंगे और नया ठिकाना भी बना नहीं पाएंगे। 

* नगरपालिका में मील के निर्देश चल रहे हैं। मील के नाम पर किसने यह मोर्चा खोला है। यह मील को सोचना है। बड़े मील ही समझदार होते तो 2008 से 2013 तक सत्ता में रहने के बाद 2013 और 2018 में सत्ता से दूर नहीं रहते। अभी 10 साल सत्ता से बाहर और आगे कोई ठिकाना नहीं। आखिर ऐसे हालात अपने आप तो पैदा नहीं होते और पांच दस दिन में पैदा नहीं होते। ऐसे हालात बेवकूफी भरे निर्णयों से कामों से होते हैं जो नजदीकी लोग कान भर कर करवाते हैं। मील ने मान लिया है कि आगे राजनीति नहीं करनी है तो उनको नजदीकी रहने वाले लोगों के कहने पर चलते रहना चाहिए और सूरतगढ़ क्षेत्र में यह सब करते रहना चाहिए जो टिकट से भी दूर करता रहे, चुनाव की बात तो तब होगी जब टिकट मिलेगी। मेरा कुछ दिन पहले एक लेख था ' मील अपना रवैया बदलें।'


** सबसे बड़ा सवाल है कि मील और कालवा की लड़ाई अखबार ब्लास्ट की आवाज ने तो नहीं करवाई। मील और कालवा की लड़ाई कांग्रेसियों की ही आपसी लड़ाई है। यह लड़ाई भाजपा बसपा आप ने भी नहीं करवाई। इस आपसी लड़ाई में एक दूसरे का अभी तक कुछ भी रत्ती भर भी बिगाड़ नहीं पाए। 

👍 मील में दम है तो सीवरेज के गलत भुगतान के मुकदमें में पावर दिखाते। यह मुकदमा तो सीधे ओमप्रकाश कालवा के विरुद्ध  सूरतगढ़ पुलिस थाने में ही दर्ज है। कांग्रेस पार्टी का कोई जनप्रतिनिधि घोटाला करे तो यह तथ्य मील की तरफ से जयपुर तक क्यों नहीं पहुंचाए गये और कालवा को सस्पेंड क्यों नहीं करवाया गया? इसका एक सीधा मतलब यह निकलता है कि जयपुर में कुछ भी चलती नहीं है। कर्मचारियों के स्थानांतरण करवाना पावर में नहीं गिना जा सकता। कालवा अगर भ्रष्ट है भुगतान गलत करने पालिका कोष को हानि पहुंचाने वाला कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाला है तो फिर वह खुला कैसे घूम रहा है? 


* सवालों के घेरे में कालवा भी है। अखबार के भुगतान और विज्ञापन बंद पर कालवा ने महीने भर से कोई कार्यवाही क्यों नहीं की है?


* अंतिम पैराग्राफ.

 अखबार नहीं मरते। अखबार वाले भी किसी को मार नहीं सकते। अखबार ठिकाने और राजनीति को तूली लगा देते है।*

14 फरवरी 2023.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क सचिवालय से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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