रविवार, 6 फ़रवरी 2022

सूरतगढ़ के गढ और प्राचीन तालाब का निरीक्षण पर्यटन विभाग अधिकारी ने किया



* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 5 फरवरी 2022.

प्राचीन धरोहरों को संरक्षित रखने के अभियान के तहत गढ को देखने और कार्यवाही करने के एडवोकेट श्रीमती पूनम शर्मा के आग्रह पर राजस्थान पर्यटन विकास निगम के निदेशक भानुप्रताप सिंह ने आज गढ और प्राचीन तालाब का निरीक्षण किया।






यह निरीक्षण रिपोर्ट पुरातन संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण होगी। 

यह गढ सन 1805 में बीकानेर रियासत के महाराजा सूरतसिंह राठौड़ ने बनवाया था। पहले इस स्थान का नाम सोढल था। बीकानेर महाराजा ने इसे अपने अधीन लेकर गढ का निर्माण कराया। इसमें रंगमहल बडोपल स्थानों से बड़ी बड़ी ईंटें लाकर भी लगाई गई थी। गढ के प्रवेश द्वार पर विशाल ईंटें दिखाई देती है।

गढ में निजामत लगती थी। बाद में तहसील, पुलिस थाना,जेल,उपकोषागार आदि रहे। गढ में प्राचीन रघुनाथ मंदिर है। गढ की आगे की काफी जमीन राजस्व तहसील द्वारा नजूल सम्पत्ति के रूप में नीलामी कर बेच दी गई। उसके बाद विरोध होने पर बाद में जमीन नीलाम नहीं हुई। इससे पहले प्राचीन धरोहर संरक्षण समिति यह अभियान चलाती रही है।०0०

करणीदानसिंह राजपूत
पत्रकार
( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़।
94143 81356.
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