हरियाणवी नेताओं से सीखो, राज बनाना राज चलाना::कविता- करणीदानसिंह राजपूत
हरियाणा के नेताओं से सीखो,
कैसे राज बनाया जाता है,
कैसे राज चलाया जाता है।
बिकना और खरीदना,
यह तो है अखबारी भाषा है।
बिकना और खरीदना,
यह तो विरोधियों की भाषा है।
ऐसेआरोपों में कोई तंत्र नहीं होता,
ऐसे आरोपों में कोई दम नहीं होता।
दो दिन भी नहीं चल पाते,
जनता में ऐसे आरोप।
ऐसे आरोपों को भूल जाते हैं,
लगाने वाले भी सुनने वाले भी।
राज बातों से नहीं बनता,
राज बातों से नहीं चलता,
राज बनाने को,
राज चलाने को ही,
राजनीति कहते हैं।
राजनीति हर कोई नहीं सीख पाता। चुनाव लड़ना और चुनाव जीतना ही, राजनीति नहीं होती।
राजनीति में कब किसको पलट दे, जीते हुए को भी उलट दे।
लोगों की सोच सही होते हुए भी,
झूठी साबित हो जाए,
समझो कि यही राजनीति है।
दिल्ली में बैठे मोटे भैया भी,
कब क्या कर जाएं यह भी सीखो। व्हेल मछलियां कैसे मोटे मोटे मछलियों को भी गटक जाती है,
कि नामोनिशान ही नहीं रहता। राजनीति में भी कब किसको कौन गटक जाए यह मालूम नहीं पड़ता। छोटे कै बड़ा गटक जाता है क्योंकि बड़े का पेट भी बड़ा होता है,
जिसमें सब कुछ हजम हो जाता है।
बहुत बार छोटी मछली को मालूम ही नहीं पड़ता,
कि वह जिस मछ के पास,
जा रही है इतराती हुई,
समझती है संरक्षण मिलेगा,
मगर मालूम पड़ता है कि वह तो निवाला बन गई।
किसी का भाग्य हो तो,
बच कर निकल जाए,
लेकिन क्या ऐसा संभव हो सकता है।
बड़े दल में समाने के बाद,
भीतर ही भीतर घुटते रहने के,
अलावा क्या हो सकता है?
हां,खाने पीने की छूट,
खाओ मौज उड़ाओ,
मगर बोले तो शायद,
आवाज भी नहीं निकल पाए।
राजनीति में यही तो मजे हैं।
जो जीता वह कहता है,
अपने बल पर जीता।
क्या होती है जनता।
पांच साल बीतने तक,
क्या जनता को याद रहता है?
जिन पर आरोप लगाए जाते हैं,
उन्हीं से दोस्ती कर लेना,
यही तो राजनीति है।
अरे,सीखो हरियाणा के नेताओं से,
वे किस दल से हैँ किस दल में जाएंगे जनता से कैसे कैसे वादे किए हैं,
और उनको कैसे-कैसे तरीकों से निभाएंगे।
सीखो हरियाणा के राजनेताओं से, हरियाणा के राजनीतिक दलों से,
जनता तो सदा की मूर्ख होती है।
उसमें जो बुद्धि होती है,
राजनीतिज्ञ ऐसा चक्र चलाते हैं,
कि लोग भुलावे में रह जाते हैं।
राज किसको दिया था,
और किसने राज बना लिया।
समझो ऐसी राजनीति को।
जनता का काम है नारे लगाना,
जनता का काम है तालियां बजाना, जनता का काम है,
जोड़-तोड़ की खबरें पढ़ना,
राजनीति में कुछ सीखना है तो,
ताजा घटनाक्रम हरियाणा का प्रमाणित है।
सीख लो, अभी सीख लो,
कभी तुम्हारे भी काम आए,
सच्चाई और ईमानदारी के लिए नहीं, राज बनाने के लिए कुछ सीख लो।
जनता को क्या कह कर जीता चुनाव,
और आगे क्या क्या करते हुए,
राजदंड हाथ में कैसे लिया जाता है।
सीखो,
हरियाणा के नेताओं से सीखो।
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करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार,
सूरतगढ़ ( राजस्थान)