सूरतगढ़:नगरपालिका का घपला.आवासीय कालोनी मामला.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 11 सितंबर 2025.
किशनपुरा अंडर ब्रिज के पास लगभग 7 वर्ष पूर्व नगर पालिका सूरतगढ़ द्वारा काटी गई आवासीय कॉलोनी के पट्टे अभी तक जारी न होने के कारण पीड़ित खरीददारों ने 10 सितंबर को स्वायत शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा से उनके आवास( ) पर मिलकर अपनी समस्या से अवगत करवाया।
उन्होंने तुरंत संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर श्रीगंगानगर को फोन करके खसरे की तरमीम करवा कर इस प्रकरण के समुचित निस्तारण का निर्देश दिया। जयपुर
👌श्रीमती काजल छाबड़़ा के अध्यक्षता काल में नगर पालिका सूरतगढ़ द्वारा सितंबर 2018 में औद्योगिक क्षेत्र के अंडरब्रिज के पास खसरा नंबर 487/4 में आवासीय कॉलोनी के 150 भूखण्ड का प्लान तैयार करके खुली नीलामी के द्वारा लगभग 50 भूखण्ड विक्रय किए गए थे। लगभग 35 लोगों द्वारा एक माह में पूरी राशि राजकोष में जमा करवा दी गई थी लेकिन तत्कालीन नगर पालिका प्रशासन द्वारा उन्हें ना तो पट्टे जारी किए गए ना ही निशान और कब्जा दिया गया।
*माननीय सिविल न्यायालय द्वारा अक्टूबर 2019 में उक्त जमीन पर नगर पालिका को विकास संबंधी कार्य नहीं करने और पट्टे जारी नहीं करने हेतु रोक लगा दी गई। परंतु खसरे की तरमीम करवाने पर कोई रोक नहीं थी। नगर पालिका यदि चाहती तो उस एक वर्ष के कार्यकाल में पट्टे जारी करके कॉलोनी को विकसित कर सकती थी किंतु ऐसा नहीं हुआ। इस तरह से भूखंड क्रेताओं के साथ स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी की गई और उन्हें अंधेरे में रखा गया।
यदि नगर पालिका उक्त भूमि की मालिक नहीं थी, नगर पालिका के पास सीमा ज्ञान अथवा कब्जा नहीं था तो नीलामी नहीं करनी थी।
स्वायत शासन निकाय ने भी इस नीलामी पर स्थगन जारी कर दिया है। इसके पश्चात प्रतिनिधि मंडल ने स्वायत शासन निदेशक एवं विशिष्ट सचिव प्रतीक जुईकर चंद्रशेखर से स्वायत शासन भवन में मिलकर खरीददारों का पक्ष सुने बिना किसी भी तरह का निर्णय नहीं करने का निवेदन किया।
इस प्रतिनिधि मंडल में भूखण्ड क्रेता अनिल रांका ,संजय बैद,मनीराम बाजिया और पन्नालाल वैष्णव शामिल थे।०0०