दारू पीने लगी है. बचाएं अपनों का जीवन
* करणीदानसिंह राजपूत *
दारू कितनी ही बहुमूल्य हो लेकिन एक समय ऐसा आ ही जाता है कि दारू व्यक्ति को पीने लग जाती है, जिससे वह बहकने लगता है और बीमार होता हुआ तड़पता हुआ बुरी मौत मरता है। दारू पीने वाला अपनी बदलती हालत से यह जान भी लेता है मगर वह बेबस सा हो जाता है, क्योंकि दारू उसको पीने लग चुकी होती है।
* परिजनों भाई बंधुओं को यह दुर्दशा दिखाई देने लग जाती है लेकिन वे जीवन बचाने की कोशिश में भागदौड़ एक डाक्टर से दूसरे डाक्टर,एक चिकित्सालय से दूसरे तीसरे चिकित्सालय तक,कस्बे से बड़े शहर और बड़े चिकित्सालय तक करते हैं। लाखों रूपये खर्च होने और जमीन जायदाद बेचने तक के बाद जब डाक्टर कह देता है। लीवर फेफड़े किडनी सभी खत्म हैं। घर पर सेवा करें जितनी कर सकें।
अधिक दारू पीना और फिर बेमौत तड़पते हुए मरना। सब देखते हुए भी पीना।
👌 दारू पीने लगी है। आपके परिजन की, मित्र की, परिचित की बहकने होश गंवाने की यह हालत है तो उसको बचाने का प्रयास अवश्य करें। ०0०
दिनांक 4 जून 2025.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत आजीवन) सूरतगढ़. राजस्थान.
94143 81356.
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