* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 31मई 2025.
नगर पालिका सूरतगढ़ में मृत सफाई कर्मचारियों के वारिस वाल्मीकि परिवारों का लाखों रुपया नगरपालिका में दबा पड़ा है। करीब 30 लाख से अधिक रूपया है। वाल्मीकि परिवारों को रुपया देने के लिए रिकॉर्ड तैयार नहीं किया जा रहा। स्थापना शाखा में रिकॉर्ड और एकाउंट्स मेंटेन में गड़बड़ी है जिसकी जिम्मेदारी वहां के प्रभारी की है और इस कारण से तीन चार साल से भुगतान के दस्तावेज नहीं बनाए जा रहे। बिना पैसे के काम करने को कोई राजी नहीं, यदि ईमानदारी से काम किया जाता तो वारिसों को रूपयों का भुगतान समय पर हो जाता।
हर मृतक परिवार के अनुमानित सात आठ लाख रूपये पड़े हैं और लापरवाही यह है कि जिम्मेदार अधिकारी स्टाफ पर एक्शन नहीं ले रहे।
👌 इसके अलावा करीब 150 कर्मचारियों का जो रूपया वेतन में से काटा वह पीएफ,पेंशन फंड आदि में जमा नहीं करवाया गया। प्रत्येक कर्मचारी के 1लाख 50 से 2 लाख रूपये तक हैं।*
* स्थापन्न शाखा में सारा रिकॉर्ड संधारण होता है जहां मंत्रालयिक कार्य से एकदम अनजान दमकल की फायरमेन श्रीमती सुप्रभा को लगाया हुआ है। सरकारी आदेश है कि दमकल कर्मचारियों को अन्यत्र नहीं लगाया जाए,लेकिन यहां सरकारी आदेश की अवहेलना की गई। सुप्रभा स्थापन्न शाखा का क ख ग भी नहीं जानती। इस कमी को मृत कर्मचारियों के परिवार भोग रहे हैं।
* सेवा निवृत्ति से 6 माह पहले पेंशन आदि व रूपये संबंधी हिसाब के संपूर्ण कागजात तैयार कर दिए जाने का आदेश है मगर वह भी यहां पालन नहीं हो रहा है। सेवानिवृत्त भी संभाले देखे जाने जरूरी है।
* सारा मिला कर करीब 1करोड़ से अधिक रूपयों का हिसाब किताब मेंटेन में कागजात बने नहीं हैं।
इस घोर लापरवाही के लिए अधिशासी अधिकारी, लेखाधिकारी और स्थापन्न शाखा प्रभारी सीधे जिम्मेदार हैं। इनके ऊपर है क्षेत्रीय उपनिदेशक स्थानीय निकाय बीकानेर जिनकी भी है जिम्मेदारी।
* सूरतगढ़ में भाजपा सरकार का राजकाज योजनाएं की देखरेख करने वाले पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया की जिम्मेदारी बनती है कि मृत कर्मचारियों का रूपया अति शीघ्र उनके वारिसों को भुगतान हो तथा स्थापन्न शाखा से तुरंत ही सुप्रभा को हटाकर दमकल शाखा में भेजा जाए। यह गड़बड़ी उजागर होने के बाद अब आगे एक दिन भी नहीं चलनी चाहिए।
०0०
****