रविवार, 25 मई 2025

सूरतगढ़ नगरपालिका में हेराफेरियां नहीं रूकी.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

नगरपालिका सूरतगढ़ भ्रष्टाचार हेराफेरी दस्तावेज घोटालों में बदनामी में सबसे आगे है। 

लोगों को पक्की आशा और विश्वास होता है कि प्रशासक आने पर बदलाव होता है लेकिन यहां नहीं हुआ। सरकार ने उपखंड अधिकारी संदीपकुमार काकड़ को 26 नवंबर 2024 को प्रशासक नियुक्त किया लेकिन नगरपालिका कार्यालय में कार्यों और स्टाफ की ड्युटी के प्रति अवहेलना और भ्रष्टाचार नहीं रूका। 

* शहर की सड़कें नालियां गंदगी कचरे से भरी है। बाजारों और वार्डों के अतिक्रमण नहीं हटाए जा रहे। जब ज्ञापनों के दिए जाने के बावजूद साफ सफाई नहीं हो रही है, अतिक्रमण नहीं हटाए जा रहे तो यह सब जानबूझकर कर हो रहा है जिससे शहर परेशान हो रहा है। क्या दुर्घटना चाहते हैं प्रशासक संदीप कुमार काकड़ और अधिशासी अधिकारी पूजा शर्मा? कार्य के प्रति अवहेलना से यह लगता है कि शहर में दुर्घटना होने पर कोई उच्चाधिकारी ही कोई एक्शन लेगा। आवासन मंडल कालोनी अतिक्रमण शिकायत में सीएमओ को झूठा जवाब दिया हुआ है कि 34 अतिक्रमण चिन्हित किए हैं, पुलिस जाब्ता मिलते ही हटा दिए जाएंगे। अक्टूबर 24 से अब तक पुलिस जाब्ता नहीं मिला।

👌 एडीएम दीनानाथ बब्बल की अचानक उपस्थिति जांच के बाद भी प्रशासक  नगरपालिका में ड्युटी की लापरवाही रोक नहीं पाए हैं। कार्यालय में अपनी मर्जी से ही आना जाना चलता रहेगा।

👌 अग्निशमन की ड्युटी क्रमबद्ध 24 घंटे चलती है। लेकिन यहां अग्निशमन के नगरपालिका नियुक्ति प्रशिक्षित स्टाफ को वहां से हटा कर दफ्तर के एसी रूमों में दफ्तरी कामों में लगाया हुआ है। काम अधिक का भी कोई बहाना नहीं चल सकता। * अग्निशमन स्टाफ को हटाकर वहां  ठेके पर स्टाफ लगा रखा है। जिनके प्रशिक्षण की और प्रमाण पत्रों की प्रमाणिक होने की गारंटी नहीं है।* भ्रष्टाचार तो यह है कि जब अग्नि शमन का स्टाफ है तो ठेके पर और अधिक कैसे लगा सकते हैं? नगरपालिका कोष को प्रमाणिक रूप से हानि पहुंचाना। लेकिन शहर में आग की घटना हो गई तो सीधे रूप में प्रशासक और ईओ   जिम्मेदार होंगे और तुरंत एक्शन भी हो जाएगा। सरकार का आदेश है कि दमकल कर्मचारियों को किसी अन्य कार्य पर नहीं लगाया जाए। यहां तो अन्य कार्य पर लगाया हुआ है और अधिक भ्रष्टाचार किया हुआ है कि दमकल में ठेके पर कर्मचारी लगाए हुए हैं।

👍 ईओ ड्युटी के प्रति और सरकारी आदेशों की अवहेलना करे तो उनका पालन करवाना प्रशासक की पूरी जिम्मेदारी है। अब यहां सबसे बड़ा सवाल है कि क्या प्रशासक गंभीर हैं? 

* अभी होर्डिंग ठेके का घोटाला ताजा ही हुआ है। जिसकी शिकायतें भी हो चुकी हैं।

** जिला कलेक्टर डा.मंजू का  10 मई तक नाले नालियां साफ करा लिए जाने का निर्देश था जो सूरतगढ़ नगरपालिका प्रशासन ने हवा में उड़ा दिया है। शहर के नाले नहीं यहां तो मुख्य बाजारों की नालियां भी मिट्टी से बंद पड़ी हैं। 

* सवाल है कि किसके कहने में नगरपालिका प्रशासन ईओ चल रही है कि उसके विरुद्ध कोई एक्शन नहीं होगा और उसकी डिजायर शिकायत के बिना स्थानांतरण नहीं होगा? क्या वे बचा लेंगे? एसीबी ने अपने ही सवाईमाधोपुर के एएसपी सुरेंद्र को सींखचों में डाल दिया और ताजा खबर यह है कि वहां के डीटीओ को भी गिरफ्तार कर लिया। ये समाचार और कार्वाईयां बता रही है कि सभी विभाग सावधान हो जाएं और अपनी भ्रष्टाचार मुक्त ड्युटी करें।



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