रविवार, 25 मई 2025

एसीबी द्वारा डीटीओ पुन्याराम मीणा गिरफ्तार.एक एक कर गिरफ्तारियां

 



 * करणीदानसिंह राजपूत *

जयपुर.सवाई माधोपुर में एसीबी के एएसपी रहे सुरेंद्र शर्मा घूसकांड मामले में अनुसंधान के बाद अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सवाई माधोपुर के जिला परिवहन अधिकारी पून्याराम मीणा को  गिरफ्तार कर लिया है। उसे एसीबी ने जयपुर से हिरासत में लिया। एएसपी घूसकांड में पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.


एसीबी के डीजी डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि 19 मई को सवाई माधोपुर स्थित एसीबी चौकी प्रभारी सुरेंद्र शर्मा और दो दलाल रामराज व प्रदीप को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। एएसपी सुरेंद्र शर्मा पर सवाई माधोपुर में दलालों के नेटवर्क के जरिए हर महीने विभिन्न  विभागों के  पचासों अधिकारियों से मासिक वसूली का आरोप है। 👌इसी मामले में मंथली बंधी देने के आरोप में सवाई माधोपुर डीटीओ पून्याराम मीणा को गिरफ्तार किया गया है। * रिश्वत देना भी अपराध है। इस मामले में परिवहन विभाग, वन विभाग, पुलिस सहित अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। 

जयपुर से लिया था आरोपी डीटीओ को हिरासत में : 

 इस पूरे मामले में डीटीओ की भूमिका की भी एसीबी जांच कर रही थी। एसीबी के डीआईजी राजेश सिह के सुपरविजन में एसीबी जयपुर के एएसपी विशनाराम (जांच अधिकारी) के नेतृत्व में सीआई राजकुमार शर्मा की टीम ने डीटीओ पून्याराम मीणा को जयपुर में सीबीआई फाटक के पास से हिरासत में लिया था। आरोपी से पूछताछ और अनुसंधान के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. उससे पूछताछ और अग्रिम अनुसंधान जारी है.


एसीबी द्वारा गिरफ्तार किए गए अपने ही अधिकारी सुरेंद्र शर्मा की जांच ने पूरे सिस्टम को झकझोर दिया है। एसीबी को अब तक की जांच में 50 से अधिक अधिकारियों के नाम मिले हैं, जो हर महीने एएसपी को रिश्वत की राशि पहुंचाते थे। इन अधिकारियों की लिस्ट तैयार कर ली गई है, जिनसे अब पूछताछ की तैयारी की जा रही है।


* सुरेंद्र शर्मा की गिरफ्तारी का जाल *


एसीबी की गिरफ्तारी की योजना इतनी गोपनीय थी कि सुरेंद्र शर्मा को खुद समझ नहीं आया कि उसके खिलाफ कार्रवाई हो रही है। उन्हें सवाईमाधोपुर से  6 मई को एसीबी मुख्यालय ट्रांसफर किया गया और निगरानी बढ़ा दी गई थी। मुख्यालय में जानबूझकर 19 मई को एक

एक मीटिंग रखवाई गई, ताकि वह बाहर न जा सके। उस दिन एएसपी खुद मीटिंग की तैयारी में लगा रहा, और एसीबी की टीम ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया।


सवाईमाधोपुर में तैनाती के दौरान एएसपी ने वन, परिवहन, पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों से मासिक रिश्वत की व्यवस्थित वसूली शुरू कर दी थी। इसके लिए दो दलाल रामराज मीणा और प्रदीप उर्फ बंटी पारीक काम कर रहे थे। एसीबी के पास इन दलालों की रिकॉर्डिंग मौजूद है, जिनमें विभागीय अधिकारियों को धमकाते और वसूली करते सुना गया है। सुरेंद्र शर्मा 9 जनवरी की एक रिकॉर्डिंग में दलाल को कहता है- 'जल्दी मेरा सामान लेकर आना। यहां ‘सामान' शब्द  रिश्वत की राशि के लिए कोडवर्ड रखा हुआ था। एसीबी को अब तक अवैध खनन माफिया और विभागीय अधिकारियों से जुड़े लेनदेन की पुख्ता जानकारी मिल चुकी है। 


👌सुरेंद्र शर्मा की गिरफ्तारी के दिन एसीबी मुख्यालय में उस समय अजीब स्थिति बन गई जब दो महिलाएं सुरेंद्र शर्मा की पत्नी होने का दावा करते हुए उससे मिलने पहुंचीं। एक महिला ने बताया कि वह एक निजी स्कूल में पढ़ाती है और शर्मा से 2009 में लव मैरिज की थी। तलाक का केस कोर्ट में लंबित है, लेकिन दूसरी महिला भी बच्चों के साथ पहुंची और खुद को पत्नी बताया और उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े,जब उसे बताया गया कि सुबह एक और महिला शर्मा से मिलकर जा चुकी है। एसीबी अधिकारियों के सामने महिला ने एएसपी को फटकारते हुए कहा कि विवाद हमारे बीच था, लेकिन रिश्वत ने तुम्हें सबके सामने गिरा दिया।


सवाईमाधोपुर पुलिस चौकी में तैनात इंस्पेक्टर विवेक सोनी को भी इस मामले में संदेहास्पद भूमिका के चलते गिरफ्तार किया गया है। एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने पुष्टि की है कि चौकी स्टाफ में और भी तबादले किए जाएंगे। एसीबी डीजी डॉ. मेहरड़ा ने कहा कि सुरेंद्र शर्मा के खिलाफ कॉल रिकॉर्डिंग, बातचीत और रिश्वत के लेनदेन से जुड़े वीडियो सबूत मौजूद हैं। दलालों के जरिए सीधे-सीधे बातों में वसूली का इरादा साफ है। हम कोर्ट में इस केस को बेहद मज़बूती से रखेंगे।०0०






****

यह ब्लॉग खोजें