सूरतगढ़ भाजपा मतलब 'स्वागत करो पार्टी.'
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ भारतीय जनता पार्टी अब केवल स्वागत करो पार्टी बन गई है। जयपुर से श्रीगंगानगर या जिले में कहीं भी किसी समारोह में बैठक में मंत्री या भाजपा के नेता को पहुंचना होता है तो अधिकतर कोटा श्रीगंगानगर सुपरफास्ट ट्रेन में जयपुर से सवार होते हैं और सुबह सूरतगढ़ उतर कर यहां फ्रेश होकर जलपान कर आगे रवाना होते हैं।
सूरतगढ़ में जब नेता सुपरफास्ट से प्लेटफार्म पर कदम रखते हैं तभी स्वागत का फोटो सेशन शुरू हो जाता है। भाजपा के लोग स्वागत करते हैं मालाएं पहनाते हैं नारे लगाते हैं। ये फोटो विडिओ सोशल मीडिया पर चलाना। अपने आपको बड़ा बताना भी नेतागिरी का प्रमुख प्रमाण होता है इसलिए इसमें सर्वाधिक रूचि रखी जाती है।इलाके में आने वाले नेताओं को भी इसमें खुशी मिलती है कि कार्यकर्ता कितने सजग हैं और वे दिल खोलकर स्वागत करवाते हैं।
* भाजपा के पदाधिकारी कार्यकर्ता स्वागत में दिल लगाकर भाग लेते हैं। यहां तक कि एक दूसरे से अपने को आगे दिखाने के लिए भी प्रयास करते हैं। भाजपा के नेता इसके अलावा कुछ भी नहीं करते। शहर की किसी भी समस्या पर किसी विभाग में न जाते हैं न कभी अधिकारी से मिलते हैं। मांग पत्र देना बातचीत कर समस्या का समाधान निकालना आदि में कभी समय नहीं देते। लोगों के लिए समय नहीं देना रिकॉर्ड है तो वहीं स्वागत में समय देते रहना भी रिकॉर्ड है।
* पीड़ित जनता से मिले बिना,काम किए बिना ही ऊंचे पदों विधायक, सांसद,किसी बोर्ड का अध्यक्ष, नगरपालिका अध्यक्ष बनने की आशाएं हैं और इसीलिए बड़े नेताओं मंत्रियों का स्वागत कर मेलजोल करना ताकि वे कभी काम आ सकें,सिफारिश कर सकें। बिना नींव के बिना सामग्री के महल खड़ा करने का तरीका ही आज की राजनीति है।इस ईच्छा में स्वागत करो की नीति है। यह पार्टी की नीति नहीं है। इसलिए यहां भाजपा को स्वागत करो पार्टी कहना अधिक ठीक लगता है। ०0०
दि.19 मई 2025.