* करणीदानसिंह राजपूत *
सब कुछ जानते हुए की मामला झूठा है, झूठा बनाया गया है, षड़यंत्र रचकर किसी को फंसाने बदनाम करने को केस झूठा बनाया गया है,में पुलिस अदालत में झूठी गवाही देना भी अपराध है। झूठी गवाही देना मतलब खुद के सिर पर आफत लेना होता है। अनपढ़ तो ऐसे में दोस्ती आदि में झूठ में फंस जाए लेकिन जब पढालिखा,बिजनेस करनेवाला, आदमी झूठी गवाही देने में उलझता है तो गले में डाली यह आफत वर्षों तक कोर्ट के चक्कर कटवा ही देती है। सामने वाला झूठी गवाही पर केस करे और साबित कर दे तब कैद की सजा और जुर्माना भी हो सकता है। सावधान रहें कि कोई आपको झूठी गवाही के लिए तैयार करले और आफत गले में डाल लें। ऐसा हो रहा हो तब अपने परिवार में पुत्र पत्नी और किसी अन्य मित्र से सलाह जरूर करें और मामला भी बताएं। सलाह लेते साफ कह दें कि मामला तो झूठा है। झूठी गवाही दिलवाने वाले को ही स्पष्ट इनकार करें कि यह आफत गले में डालना नहीं चाहता।०0०
* 27 अप्रैल 2025.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार( राजस्थान सरकार से मान्यता लाईफटाईम)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356.
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