* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 2 जनवरी 2025.
कोई भी गैस प्लांट सूरतगढ़ आबादी में बिना स्वीकृति के बनाया जा रहा हो और प्रशासन के बंद करने के कागजी आदेश पर भी कार्य बंद नहीं करे तो नागरिकों को अपने भविष्य के बारे में केवल नेताओं और अपने कालोनियों के नेताओं पदाधिकारियों के कागजी पत्रों और आलसीपन पर भरोसा नहीं करके सामूहिकता से फैसला करें। एक दिन का भी इंतजार क्यों हो। यहां मई 2024 में पहली रिपोर्ट प्रकाशित हुई और सही रूप में प्रशासन अभी तक नहीं जागा। कारण जब लोग ही नहीं जागे तब प्रशासन अधिकारी तो एक दो साल के लिए ही आते हैं।
* कोई भी प्लांट बिना स्वीकृति के अवैध बन रहा है तो उसके सीज ( जब्ती) और सील मोहर,नोटिस चिपकाने के अलावा पानी और बिजली के कनेक्शन तुरंत कटवाने की मांग से ही कुछ हो सकता है। इसकी विडिओग्राफी भी साथ में हो। प्रशासन द्वारा निर्माण कर रहे सभी कर्मचारियों को प्लांट क्षेत्र से बाहर निकाला जाए। इसके अलावा कोई समाधान नहीं है। कं चाहे कोई भी सुरक्षा की गारंटी देने की कोशिश करे। आबादी से हटाया जाना ही जरूरी है।
क्या प्रशासन का अधिकारी मौके पर पहुंचा और रिपोर्ट तैयार की? अभी पूरे शहर सूरतगढ़ को जागना जरूरी है।नजदीकी कालोनियां वाले तो घटना होने पर चपेट में आएंगे लेकिन शहर भी सुरक्षित नहीं रह सकता।
👌 मध्यप्रदेश का भोपाल गैस कांड 3 दिसंबर 1984 को हुआ था जिसका जहरीला कचरा 337 टन ( 1 टन में 1000 कुंटल) 40 साल बाद 30 दिसंबर 2024 को हटाया गया है। यह जहरीला कचरा भी हाईकोर्ट के आदेश से हटाया गया है। 12 कंटेनरों में हवा रहित बैगों में भरा गया। 30 दिसंबर को यह पैकिंग शुरू हुई जो 31दिसंबर 2024 को यह कार्य पूरा हुआ। 100 मजदूरों को पीपीई किट पहनाई गई और हर आधे घंटे बाद मजदूर बदले गये। उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी बाद में कराया गया। भोपाल से 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट राम की कं तक कचरे को पहुंचाया गया। इसके लिए वहां एक सुरक्षित क्षेत्र बनाया गया। कचरे को जलाने से पहले भी एक बार जांच होगी।
👌 उच्च न्यायालय में यह रिपोर्ट 3 जनवरी 2025 को प्रस्तुत की जाने की तारीख तय की हुई है। उच्च न्यायालय में 6 जनवरी 2025 को सरकार पेश होगी।
भोपाल गैस कांड में हजारों लोग तो तुरंत ही मारे गए थे। आरोप था कि 15000 से 20000 मारे गये। सरकारी तौर पर ही मरने वालों की संख्या 5800 मानी गई। घायलों और बीमार लोग सालों तक पीड़ा भोगते रहे थे।०0०
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