श्रीगंगानगर:भाजपा को जिंदा रखने को जिलाध्यक्ष कैसा हो?
* करणीदानसिंह राजपूत *
भारतीय जनता पार्टी में आए दिन विशाल भारत अखंड भारत के नारे और विचार आते रहते हैं लेकिन श्रीगंगानगर जिले में पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के परिणामों की समीक्षा करें भीतर से संगठन को खंगालें तो अनेक टुकड़े नजर आते हैं जो जोड़ने असंभव हैं। जब संगठन कमजोर होता है तो विधानसभा चुनाव में टिकटों का चयन सही नहीं हुआ और विभिन्न गुटों ने और उपेक्षित मूल ओबीसी ने जाति समाज के नाम पर टिकटों को हराया। मूल ओबीसी के लोगों ने विधानसभा चुनाव में आवाज तो उठाई मगर उनकी वोटिंग पावर को कमजोर आंका गया। जिलाध्यक्ष सरदार शरणपालसिंह मान का चुनावी मंचों पर जो व्यवहार देखा गया वह चुनाव से पहले परिणाम प्रदर्शन कर रहा था। जिलाध्यक्ष पद तो बहुत पावरफुल होता है जो सभी समुदायों को जोड़ कर रखे। लेकिन मान का कार्यकाल चुनाव और संगठन दोनों में कमजोर रहा। जिलाध्यक्ष में चुनाव और संगठन एकाकार हो तब ही पार्टी मजबूत और चुनाव जीतने वाली बनती है।
श्रीगंगानगर जिले में विभिन्न समुदायों सिख जाट अरोड़ा को संगठन में अधिक बार प्रतिनिधित्व देकर जिलाध्यक्ष बनाया गया।सामान्य और एससी को भी जिलाध्यक्ष बनाया लेकिन मूल ओबीसी को कभी प्रतिनिधित्व की भावना से देखा नहीं गया। चुनाव और संगठन दोनों में ही ओबीसी समुदाय अपने को उपेक्षित समझने लगा और अब यह भावना भीतर तक जमी हुई है। भाजपा के नेता पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि अभी भी इस स्थिति को गंभीरता से नहीं सोच रहे। यह ठीक है कि अनेक व्यक्ति जिलाध्यक्ष पद पर आने के ईच्छुक हैं। लेकिन एक बार यानि इस बार जाट सिख अरोड़ा आदि के अलावा मूल ओबीसी की ताकत को यह पद देकर भी देखना चाहिए। यह बदलाव का कदम नगर निकायों और पंचायत चुनावों से पहले भाजपा को मजबूती एवं विकास की ओर ले जाने वाला सिद्ध हो जाए। संगठन मजबूत होगा और नगर निकायों एवं पंचायतों में भाजपा पदासीन होगी तो आगामी यानि 2028 के विधानसभा चुनावों तथा 2029 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पार्टी शिखर पर होगी। अब सबसे बड़ा वैचारिक मुद्दा यही है कि पार्टी में यह बोल्ड निर्णय हो कि "एक हों मजबूत हों" विजय का संकल्प और भावना को सर्वोपरि रखते हुए विभिन्न समुदायों के नेता कार्यकर्ता त्याग की भावना को भी साथ रखते हुए मूल ओबीसी के कार्यकर्ता में से ताकतवर को आगे लाकर जिलाध्यक्ष के पद पर आसीन कराने में सहयोगी बनें। इस बदलाव के लिए सभी ओर भ्रमण करते और सभी लोगों को टटोलते खंगालते बोल्ड स्टेप एक निर्णायक को उठाना होता है।०0०
6 दिसंबर 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता 61 वां वर्ष,
( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत स्वतंत्र पत्रकार)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356
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