डुंगरराम गेदर की आंखों पर परसराम भाटिया का चश्मा:1 साल विधायक काल.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 3 दिसंबर 2024.
जनप्रिय की मोहर लगाए विधायक डुंगरराम गेदर का एक साल पूरा हुआ जिसमें परसराम भाटिया के लाखों के घोटाले भ्रष्टाचार दिखाई नहीं देना अमिट मिसाल बना कि चुप रहुंगा न देखूंगा न बोलूंगा न कहीं शिकायत करूंगा? परसराम भाटिया के नगरपालिका अध्यक्ष पद 120 दिन के घोटालों पर अनदेखी की। इसे गेदर की मजबूरी समझ सकते हैं।
* कांग्रेस के सूरतगढ़ के सिक्के पर एक तरफ डुंगरराम गेदर है और दूसरी तरफ परसराम भाटिया है। इसे अनेक तरीकों से बखान किया जा सकता है। गेदर और भाटिया एक ही हैं। एक दूसरे से चिपटे हुए। भाटिया जो भ्रष्टाचार घोटाले करते रहे उसकी पूरी जानकारी गेदर को रही है।
* लोगों का मानना है कि कांग्रेस के इस सिक्के की मार्केट वैल्यू यानि कीमत गिरी है और आगे और गिरेगी क्योंकि गेदर दूसरी तरफ लगे भाटिया को हटा नहीं सकते। दूसरा सिक्का तो टकसाल में ढाल लें लेकिन कोई और चेहरा दूसरी तरफ लगाने लायक हो। बोल्ड स्टेप उठाएं तो एक तरफ गेदर का चेहरा हो और दूसरी तरफ केवल कीमत और स्लोगन हो। इतनी हिम्मत गेदर दिखा पाएंगे, ऐसा लगता नहीं है।
* गेदर भाजपा पर सवाल उठा सकते हैं तो परसराम भाटिया के सारे भ्रष्टाचारों से पार्टी को अवगत करा सकते हैं। यदि इसमें देरी करते हैं तो सिक्के की कीमत इतनी अधिक गिर जाएगी कि फिर पार्टी में भी चल नहीं पाएगा।
👌 लोगों का यह भी मानना है कि डुंगरराम गेदर को परसराम भाटिया ने घेर रखा है और उस घेरे को अन्य कोई तोड़ नहीं रहा और कोशिश भी नहीं कर रहा। वहीं यह सोच भी है कि कोई कांग्रेसी साथ नहीं दे रहा है और केवल परसराम भाटिया ही हर धरना प्रदर्शन चला रहे हैं तो घेरा परसराम भाटिया का ही रहेगा।
* डुंगरराम गेदर याद करें कि पिछले विधायक रामप्रताप कासनिया कि वे हंसी उड़ाते थे कि " मेरी तो चालै कोनी"। राजस्थान में 2018 से 2023 तक कांग्रेस राज था। सूरतगढ़ से भाजपा के विधायक रामप्रताप कासनिया थे। कासनिया अनेक मामलों में खुला बिना संकोच कहते थे कि उनकी चलती नहीं है इसलिए काम नहीं हो रहे।
* गेदर कासनिया की खिल्ली उड़ाते रहे थे लेकिन अब बिना संकोच सच्च बताएं कि उनकी तो कासनिया जितनी भी नहीं चल रही। गेदर नहीं बोलें नहीं बताएं तो भी लोग जानते हैं कि गेदर की कुछ भी नहीं चल रही। अभी तो एक साल ही बीता है और आगे इस सिक्के की कीमत और गिरेगी।
* नगरपालिका सूरतगढ़ और पंचायत समिति सूरतगढ़ के चुनावों से पहले ही कांग्रेस के इसे डुंगर कांग्रेस कहें जिसके हालात बेकाबू से होंगे कि इन दोनों स्थानों पर चेयरपर्सन यानि अध्यक्ष और प्रधान भाजपा का होगा।
👌 परसराम भाटिया के कार्यकाल में अनेक पट्टे फर्जी बने,पंप हाऊस की जमीन का पट्टा बना दिया। शिक्षा अधिकारी और शिक्षक के पट्टे बना दिए। आठ पार्षद परिवारों व पार्षदों के पट्टे बना दिए जो नियमानुसार बनाए नहीं जा सकते थे।जानकीदासवाला निवासी एक स्वामी विधायक के नजदीकी एक कांग्रेस नेता के नाम पट्टा बना दिया जिनमें प्रमाण के लिए तीन वोटर लीस्ट में सूरतगढ़ का निवासी बनाए दस्तावेज लगे। तीनों वोटर लीस्टें स्कैनर से फर्जी तैयार कर लगाई गई।
सीमेंट कंक्रीट अच्छी हालत सड़क पर इंटरलोकिंग सड़क वार्ड नं 32 में बनी और एक गली में तो बालू रेत पर टाईलें लगा दी,नंदी शाला में तूड़ी खरीद का न्यूनतम टेंडर 810 था जिसका भुगतान 840 से किया जो पकड़ा गया।
* विधानसभा में एक मुद्दे पर कहा सूरतगढ़ में जमीनों के टायर लगते हैं और जमीनें सड़कों के पास आ जाती है। एक बड़े खसरे भूखंड को टायर परसराम भाटिया ने अपने अध्यक्षीय काल में हस्ताक्षर कर टायर लगा दिए थे और उसकी कीमत करोड़ों रूपये की कर दी। इस भूखंड को टायर लगाने से इन्कार करने पर ही मील से विवाद हुआ और ओमप्रकाश कालवा कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में गये।
👍नगरपालिका में ईओ पूजा शर्मा ने अपनी भाभी बबीता शर्मा का गैरकानूनी पदोन्नति कर सफाईकर्मी से जमादार बनाया। सूरतगढ़ सिटी थाने में प्रदीप शर्मा पर रिवाल्वर हथियार का झूठा मामला बनाने का आरोप थानाधिकारी सीआई और पुलिस कर्मियों पर लगाते हुए महाराणा प्रताप चौक पर धरना लगाया। शहर को बंद करवाया था कि भ्रष्टाचार सहन नहीं होगा। विधानसभा सभा में भी इस पर पुलिस के विरुद्ध सरकार के विरुद्ध बोले। अब इसकी जांच रिपोर्ट और प्रदीप शर्मा ने क्या बयान दिए वे लोगों को बताएं कि क्या हुआ?
प्रदीप शर्मा का मामला उठाया तो फिर नगरपालिका में ईओ पूजा शर्मा के घोटालों पर चुप क्यों रहे हैं। ईओ ने अपनी भाभी बबीता शर्मा का नियम विरुद्ध प्रमोशन कर जमादार बना दिया। भाभी को अनुचित लाभ देकर नगरपालिका को नुकसान पहुंचाया। लेकिन इस प्रमाणित भ्रष्टाचार पर सरकार को शिकायत नहीं की।
* नगरपालिका गरीबों के घर अतिक्रमण बताते तुड़वाती रही और बड़े लोग अतिक्रमण करते रहे। गेदर नहीं बोले।
** शहर में फैली गंदगी पर पूरा मौन धारण है। ईओ पूजा शर्मा ने 20 फरवरी 2024 को जोईन किया और 10 महीनों में सफाई व्यवस्था सुधारने, वर्षा पानी निकासी पर निरीक्षण नहीं किया। 10 महीनों में कुल दो या तीन दिन एक दो घंटे के लिए ही निरीक्षण को निकली। शहर की इस दुर्गति पर भी नहीं बोला गया।
👍 कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया के कार्यकाल के अनेक घोटाले जो सभी प्रसारित हो गये। शिकायतें हो गई। कुछ मुकदमें भी हो गये लेकिन विधायक डुंगरराम गेदर अपने साथ परसराम भाटिया को चिपकाए रहे हैं।
* भाजपा नेता सुरेश मिश्रा और शरणपालसिंह की सूरतगढ़ में राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर एक कालोनी शिप्रा कालोनी बनी है। उसमें अनेक गड़बड़ी होने के समाचार छपे। परसराम भाटिया ने जांच की मांग उपखंड अधिकारी से की। उन्होंने एक कमेटी तहसीलदार की अध्यक्षता में बनाई और यह समाचार भी छपा। उसके बाद भाटिया चुप हो गये। इस पर या नगरपालिका में बड़े घोटालों पर गेदर एक भी घोटाले पर नहीं बोले।
👌 डुंगरराम गेदर का एक साल का कार्यकाल ऐसा रहा है कि चुनाव में साथ देने वाले मूल कांग्रेसी,मूल ओबीसी के लोग अब साथ नहीं हैं। भाजपा समर्थकों ने अंदरखाने बेमिसाल साथ दिया था उनको तो अलग होना ही था। आज गेदर की हालत बेहद कमजोर है। जो प्रदर्शन आदि हुए उनमें 30-35 लोग और किसी में अधिक हुए तो 50 के करीब लोग आए ।
👌डुंगरराम गेदर के साथ लोग नहीं थे। लोगों ने जलन के कारण भाजपा के रामप्रताप कासनिया को हराने को गेदर को भारी मतों लगभग 60 हजार अधिक से जिताया वे खुद को ठगा हुआ मानते हुए पछतावा कर रहे हैं और इस कारण धरना प्रदर्शन में साथ नहीं दे रहे।
👌 डुंगरराम गेदर और परसराम भाटिया का साथ कांग्रेस के नेता जो टिकटार्थी रहे वे नहीं दे रहे। वे घरों में खेतों में अपने कामधंधों पर लगे हैं। उन सबका व्यवहार ऐसा है कि हमें कोई मतलब नहीं कांग्रेस से कोई रिश्ता नहीं।
👌👌 डुंगरराम गेदर का साथ कांग्रेसी नेता चाहे नहीं दें लेकिन भाजपा के नेता नगर मंडल देहात मंडलों से जिले तक के चुप रहकर साथ दे रहे हैं।
👌👌👌 राजस्थान में 2018 से 2023 तक कांग्रेस राज था। सूरतगढ़ से भाजपा के विधायक रामप्रताप कासनिया थे। मील हारे हुए थे लेकिन गंगाजल मील की धड़ल्ले से चलती रही या वे चलाते रहे। अब स्थिति उलट है राजस्थान में भाजपा का राज है विधायक डुंगरराम गेदर है। रामप्रताप कासनिया हारे लेकिन प्रशासन में रामप्रताप कासनिया और उनके बेटे संदीप कासनिया की चल रही है। डुंगरराम गेदर एक दर्शक हैं। जनता की एक भावना यह भी है।
* गेदर के पास अभी 4 साल हैं और वे बहुत बदलाव अपने स्तर पर कर सकते हैं।
👍 चर्चा में फिर आया पवन शर्मा का लापता होना और उसका मुकदमा। इसमें सूरतगढ़ के 5 लोग हैं जिन पर आरोप लगा था।
- सूरतगढ़ से लापता पवन शर्मा सिटी थाना मुकदमा नं 240 दि.12 जून 2010 में फाइनल रिपोर्ट कैसे लगी? इसकी चर्चा एक बार ताजी हुई है। इसमें सुशील धानुका, सुरेश मिश्रा, अशोक मिश्रा, नरेन्द्र राठी,राधेश्याम चुघ सभी सूरतगढ़ निवासी, शरद उर्फ पप्पू यादवकैलाश राजपुरोहित और राजेंद्र कुमार ये आमला (बैतूल) मध्यप्रदेश निवासी हैं। सूरतगढ़ के इन लोगों के पास सेना फायरिंग रेंज का ठेका था। आरोप है कि उस ठेके के गोला बारूद गलत लोगों ( अपराधी तत्वों) को बेचा जाने का मालुम पवन शर्मा को लगा तब वह काम छोड़कर आना चाहता था। ठेका कारिंदे उसे काम पूरा होने से पहले काम छोड़ने नहीं दे रहे थे। वह अचानक लापता हो गया। सूरतगढ़ के ठेकेदार उसकी पत्नी को टालते रहे धमकाते भी रहे। आखिर उसने अदालत के माध्यम से मुकदमा किया। उसका अनुसंधान कैसे हुआ कि फाईनल रिपोर्ट लगा दी गई थी। इसमें मध्यप्रदेश में कितनी जांच हुई? अनेक सवाल हैं। देखते हैं सच्च क्या है? रिपोर्ट्स क्या हैं? वैसे यह प्रकरण मुकदमे तक ब्लास्ट की आवाज में 28 जून 2010 में छप चुका। पुलिस ने कैसे अनुसंधान किया और क्या राजनैतिक या किसी नेता के दबाव से एफ आर लगी? जो भी सच्च होगा अभी एफआईआर आई है। अन्य रिपोर्ट का इंतजार है लेकिन यह मामला अब एक बार फिर चर्चा में आया है।०0०
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356
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