* करणीदानसिंह राजपूत *
सोशल मीडिया वाट्सएप ग्रुप,फेसबुक, इंस्टाग्राम, युट्यूब पर बहादुरी से वे भी दूसरों के वक्तव्य लगाते हैं लेकिन असल में बहुत डरपोक है कि अपनी तो कभी टिप्पणी भी नहीं लगाते। पूरी घटना या रिपोर्ट खुद बना कर लिखकर लगाना तो दूर की बात है। ये नेताजी से अधिकारी से अच्छे संबंध का सूचक नहीं है बल्कि सच्च सामने आता है और लोग अनुमान लगा लेते हैं कि यह तलवे चाटने वालों में है या दो पैसे लिए हुए हैं सो लिखने में कतरा रहा है या दानदाता का शुक्रिया कर रहा है। आजकल ऐसे बहादुरों की संख्या हर रोज बढती जा रही है।स्मार्ट मोबाइल खरीदते ही चाटुकारिता शुरू हो जाती है। ऐसे बहादुर फिर यह भी चाहते हैं कि चाटुकारिता पर भी लोग शाबासी दें,सराहना करें। भारत सरकार राज्य सरकारों के मंत्रियों अधिकारियों पर कुछ लिखना कैसे हो,पार्षद पंच सरपंच भी कुछ गलत कर दें तो उनके ऊपर भी नहीं लिख पाते। जनता के बीच मोबाइल पर फोटो लेते घटना भाषण रिकॉर्ड करते दिखाई देते हैं लेकिन वह रिकार्डिंग कहीं दिखाई नहीं जाती। बहादुरी दिखाने का यह भी एक तरीका है।
👍 लेकिन सच्चाई यह है कि ये लोग ऐसे तलवा चाट लोग ही असल में आम जनता के दुश्मन हैं।आपके आसपास भी होंगे और पहचानते भी होंगे।0०
13 जुलाई 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार, ( राजस्थान सरकार द्वारा अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356.
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