* करणीदानसिंह राजपूत *
प्रधानमंत्री पद पर दो बार बैठे नरेन्द्र मोदी तीसरी बार लोकसभा चुनाव में डरे हुए हैं। दो बार आसानी से जीतने वाली पार्टी नेता को तीसरी बार जीतने के लिए कांग्रेसियों, भ्रष्टाचारियों दुष्कर्मियों तक का स्वागत करते हुए भाजपा में मिलाना पड़ रहा है। तीसरी बार मोदीजी बहुत डरे हुए क्यों हैं जिसके कारण गये बीते लोगों को भाजपा में मिलाया जा रहा है।
अबकी बार चार सौ पार की घोषणा करने वाले मोदीजी को भाजपा की जीत पर शंका का डर क्यों सता रहा है? भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को इसके कारण खोजने चाहिए।
* सन् 2014 में मोदीजी आसानी से प्रधानमंत्री बने। उस समय किसी कांग्रेसी को और भ्रष्टाचारी को भाजपा में नहीं लिया था।
** सन् 2019 में भी मोदीजी आसानी से प्रधानमंत्री बने थे।उस समय भी किसी कांग्रेसी को और भ्रष्टाचारी को भाजपा में शामिल करने की जरुरत नहीं पड़ी थी।
*** तो अब सन् 2024 के चुनाव में इतना अधिक डर है कि वे सभी कार्य कर रहे हैं जो संघ के भाजपा के संस्कारों के एकदम विपरीत है।
क्या इस बार जीत में संशय है और इसलिए भाजपा में कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों, बैंकों का लाखों करोडो़ं कर्ज लेकर डकारने वालों, हत्याकांड आरोपियों,कालाबाजारियों को शामिल किया जा रहा है कि किसी तरह से हौवा खड़ा करके जीत जाएं। प्रधानमंत्री बनने की हैटट्रिक बनाने के चक्कर में क्या क्या खो रहे हैं? यह मोदीजी भूल नहीं रहे बल्कि जानते हुए भुला रहे हैं।
* प्रधानमंत्री जी की गलतियों से संघ स्वयं सेवकों व भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ताओं को कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों का स्वागत करना पड़ रहा है। रेप आरोपों के अभियुक्तों तक को साथ बैठाना पड़ रहा है। महिला कार्यकर्ताओं के बीच दुराचारियों पर इसलिए भरोसा करेंगे कि तीसरी बार फिर मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाना है।
👍 कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों पर भरोसा है कि ये वोट दिलाएंगे अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा क्यों नहीं रहा?अपने कार्यकर्ता दो बार जिता लाए लेकिन इसबार शंका क्यों है?
👍👍 कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों के पास कौनसे वोट हैं? भ्रष्ट लोगों से दुखी जनता ने भाजपा का साथ दिया था। अब भाजपा भ्रष्ट लोगों को मिलाने लगी है तो जनता भाजपा को वोट क्यों देगी ? जनता नाराज हो रही है।
👍भाजपा नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेशों के अध्यक्ष आदि खुश हो रहे हैं, लेकिन देश की जनता को कोई खुशी नहीं हो रही।
👍👍 कांग्रेसी कह रहे हैं हर ओर चर्चा है कि कांग्रेस में जो भ्रष्टाचारी थे वे निकल गये अब कांग्रेस शुद्ध हो रही है और भाजपा भ्रष्टाचारियों को मिला कर अशुद्ध हो रही है। भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ताओं की नेता सुन नहीं रहे। नाराजगी भीतर भीतर बढ रही है। भाजपा नेताओं को भरोसा है कि देश भक्ति की भावनाओं में डूबे कार्यकर्ता भाजपा को छोड़कर और कहीं नहीं जा सकते। लेकिन यह सोच गलत भी हो सकता है। भाजपा के बड़े नेता और घुसाए हुए नेता तो एक हो गये लेकिन आम कार्यकर्ता और आम जनता को तो कुछ भी नहीं मिला फिर वे भाजपा को वोट क्यों दें? भाजपा नेताओं का भ्रम टूट सकता है और चौंकाने वाले परिणाम भी आ सकते हैं।
👍👍👍 मोदीजी की सरकार दो बार बहुमत से बन जाती है तो अब तीसरी बार 400 सीटों से भी अधिक सीटों की आवश्यकता ही क्यों है?
👌 क्या संविधान में कोई बड़ा बदलाव करना चाहते हैं? हालांकि मोदीजी ने कहा है कि संविधान में कोई भी बदलाव नहीं कर सकता लेकिन अपने मन का नहीं कहा। मोदीजी ने यह नहीं कहा- मैं संविधान में कोई संशोधन नहीं करूंगा। लोग मोदीजी की बातों पर पहले विश्वास करते थे। इस बार 2024 में जनता के मन को कोई भी पढ नहीं पाया। सारे देश में तूफान से पहले की शांति छाई है। क्या है जनता का मन? सत्ता या विदा.०0०
दुर्गा अष्टमी.16 अप्रैल 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता 60 वर्ष.
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356.
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