सोमवार, 19 फ़रवरी 2024

ओम कालवा की वापसी:कासनिया का गेम तो अब शुरू हुआ है.

 




* करणीदानसिंह राजपूत *

कांग्रेस राज में पूर्व विधायक गंगाजल मील से हुई तनातनी के कारण कांग्रेस से भाजपा में घुसे नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को निलंबित कराया गया जिसे भाजपा राज में बहाल कर दिया गया। कांग्रेस राज में निलंबित कराया तो न्यायिक जांच शुरू कराकर उस काल के 5 महीनों में भी पूरी क्यों नहीं कराई गई? परिणाम में कुछ निकलने वाला नहीं था इसलिए निलंबन में लटका कर छोड़ दिया गया था? इसका जवाब कांग्रेस ही दे सकती है लेकिन कांग्रेस की नाव के अपने आपको एकमात्र खेवनहार समझने वाले मील अब कांग्रेस में नहीं हैं तब मील के कांग्रेस से निर्वासन काल में जवाब कौन दे?

* असल में विधानसभा चुनाव 2023 में सूरतगढ़ से हनुमान मील को टिकट नहीं मिलना और कांग्रेस के टिकट पर डूंगरराम गेदर के जीतने से बदलाव हो गया। मील की पहली हार टिकट नहीं मिलना। मील की दूसरी हार भाजपा के कासनिया का समर्थन करना। यह कासनिया के आगे अपनी राजनीति का आत्मसमर्पण करने जैसा रहा। अब मील फिलहाल लुप्त से हो गये हैं और जल्दी से राजनीति में लौटना और कुछ कर पाना मुश्किल है। मील के ग्रुप और सलाहकार भी फिलहाल कुछ कर पाने का छोड़ बोल पाने की हालत में भी नजर नहीं आते।

* कासनिया विधानसभा चुनाव में पराजित हुए लेकिन इसकी गुलगांठ जैसी राजनीति का गेम अब शुरू हुआ है। गुलगांठ खोलने की सूझबूझ हरेक में नहीं होती और कासनिया को समझ पाना ही मुश्किल है। हरेक के पास ऐसी दिल में दाब कर रखने की चतुरता नहीं है। 

* मील पंचायत समिति संभाल पाते हैं या नहीं? अब आगे का गेम वहां ही होगा जहां हजारी मील प्रधान हैं। अभी पंचायत समिति का तो एक कागज ही नहीं खुला है। लोकसभा चुनाव ऐन सिर पर हैं इसलिए यह समय टल जाए लेकिन बहुत समय तक पंचायत समिति को सुरक्षित बस्ते में रख पाना मील के लिए असंभव सा होगा। 

* नगरपालिका और पंचायत समिति भाजपा की थी और भाजपा यहां वापस पूरी ताकत से आने का गेम शुरू कर चुकी है। 

** नगरपालिका में ओमप्रकाश कालवा की यह वापसी साधारण नहीं है। ओमप्रकाश कालवा की नीतियां कार्यशैली बदली हुई सख्त नजर आए तो समझ लेना चाहिए कि गेम शुरू होने का पक्का सबूत है। 

👍 लोग सड़कें खुली अतिक्रमण मुक्त साफ सुथरी ठोकरें मुक्त,नाले नालियां साफ और रात को गलियां रोशनी दार चाहते हैं। * कागज पर समय से काम और कितने दबे हैं वे भी निकलें।

👍 जनता के लिए मिलने का भी समय हो। हर वक्त पार्षद और कोई न कोई मीडिया वाला बैठा हो तो पीड़ित अपनी बात चैयरमैन और ईओ को कैसे बताएगा? ०0०

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