गुरुवार, 2 नवंबर 2023

सूरतगढ़ दोराहे पर फंसे मील : डुंगर को हराना है मगर किसके साथ जाना है?

 

* करणीदानसिंह राजपूत * 

सूरतगढ़ 2 नवंबर 2023.

कांंग्रेस पार्टी को सन 2008 से शासनिक और खर्चे से वास्तविक रूप में संचालित कर रहे गंगाजल मील परिवार को 2023 में टिकट नहीं मिला। मील कांंग्रेस का हर कार्यक्रम करते रहे और बड़े खर्चों में भी बताए अनुसार पांति भेजते रहे लेकिन भरोसे और गफलत में मारे गये। ऐसे में आक्रोश होना स्वाभाविक है। टिकट नहीं देनी थी तो पहले ही कहला देते कि आवेदन मत करो लेकिन यह भी नहीं किया। कांग्रेस की अशोक गहलोत की योजनाओं का ढोल मील से बजवाते रहे। 

* मील का निर्णय मीडिया में आया कि डूंगरराम गेदर को हराना है। मील गेदर को कांग्रेस का ही नहीं मानते। बसपा में रहते डुंगराम ने कांंग्रेस का विरोध किया तो अब वह कांग्रेसी कैसे हो गया?

* मील डुंगर को हराना चाहते हैं मगर दोराहे पर फंसे हैं कि किसके साथ लगें जिससे सफलता मिले। किसी कमजोर के साथ लगने या साथ देने से डुंगर नहीं हारा तब क्या होगा?

* भाजपा की सरकार बनने की आशा में  भाजपा या जननायक जनता पार्टी को खुला साथ देने के अलावा कोई और रास्ता नहीं। जननायक जनता पार्टी को साथ देने का निर्णय करते हैं तो भी वह रास्ता आगे भाजपा में ही मिलता है। जननायक जनता पार्टी में गंगाजल मील का भतीजा पृथ्वीराज मील ही उम्मीदवार है। यह रास्ता सुगम है और इससे मील कुटुंब का एकीकरण भी होगा। बड़े राजनीतिक समझौते होते रहते हैं और यह भी हो सकता है। प्रश्न यह है कि मील इसमें देरी क्यों कर रहे है.

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