मंगलवार, 5 सितंबर 2023

पालिकाध्यक्ष परसराम भाटिया के कार्य:कांग्रेस को कर रहे मजबूत

 






* करणीदानसिंह राजपूत  *

फिहहाल साठ दिन के लिए नियुक्त नगरपालिका अध्यक्ष परसराम भाटिया शहर की टूटफूट गंदगी और समस्याओं को दूर करने खत्म करने की हवाई गति से काम कर रहे हैं। एकदम से अचानक होने वाले कुछ काम तो अचंभित करते हैं। 

* ओमप्रकाश कालवा को सीवरेज घोटाले में बिना काम के 1करोड़ 45 लाख रूपये कं को गलत भुगतान करने के आरोप में अध्यत्क्षता और सदस्यता से निलंबित किए जाने के बाद 29 जुलाई 2023 को परसराम भाटिया ने कार्यभार ग्रहण किया था। 

* काम करने का संकल्प और सरकारी स्तर पर अधिशाषी अधिकारी शैलेंद्र गोदारा का साथ। शैलेंद्र गोदारा स्थानांतरित हो गये। उनके स्थान पर आए जगमोहन हर्ष भी तेज गति काम पैंडिंग नहीं रखने की नीति से जनहित होते हैं। ये नगरपालिका अध्यक्ष को मजबूत बनाते हैं। 

** परसराम भाटिया को पार्टी लेवल पर पूर्व विधायक गंगाजल मील,हनुमान मील,पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष बनवारी लाल का साथ मिल रहा है जिससे काम हो रहे हैं। 





** टूटी ठोकरें लगाती सड़के,टूटे सड़क पुलिया,सीवरेज चैम्बरों के ऊंचे नीचे ढक्कन आम आदमी को करीब 5 सालों से परेशान कर रहे थे जिनको मरम्मत कर सही करवाया जा रहा है। 

* भाजपा की काजल छाबड़ा के पालिकाध्यक्ष काल में सीवरेज समस्याएं शुरू हुईं लेकिन ठीक करवाने का नाम नही लिया। विधायक राजेंद्र सिंह भादु का कार्यकाल था। गौरव पथ भी बना और बनते ही दरारें पड़ गई। खजूर के पेड़ों का नहीं लिखूंगा क्योंकि उनसे किसी के न ठोकर लगी न कोई घायल हुआ। इसके बाद ओमप्रकाश कालवा का अध्यक्ष काल और विधायक रामप्रताप कासनिया। 

* लोग टूटी ठोकरें लगाती सड़के,टूटे सड़क पुलिया,सीवरेज चैम्बरों के ऊंचे नीचे ढक्कन,गंदगी पर बोलते रहे शिकायतें करते रहे। कालवा ने शहर की समस्या दूर नहीं की। हां अपने निवास के आगे की सड़क शानदार बनवाई। सीवरेज के ढक्कन तो ठीक नहीं करवाए लेकिन उसमें घोटाला जरूर कर लिया। अब वे भाजपा में है और सीवरेज घोटाले में निलंबित है। 

* जो काजल छाबड़ा और ओमप्रकाश कालवा ने सुधार नहीं किया बल्कि कोशिश ही नहीं की। वे काम अब परसराम भाटिया कैसे कर रहा है। भाटिया के आगे कोई रूकावट नहीं है। 

* अभी एक महीना ही बीता है। 570 पट्टे भी बंट गये। ये कालवा राज में फाईलें दबी पड़ी थी। 

* परसराम भाटिया की तेज गति और अभी सफाई और बाजार की चमक भी लौटानी है। 

* सीधे रूप में इससे ढीली पड़ी कांग्रेस को मजबूती मिल रही है। पिछले चुनाव में कांग्रेस अपनी ढीलढाल से सूरतगढ में भाजपा से हारी लेकिन अब टक्कर होगी। कांग्रेस 2018 वाली नहीं रही। सन 2023 में मजबूत है।०0०

******










यह ब्लॉग खोजें