मंगलवार, 22 अगस्त 2023

👍 कुछ शर्म है तो सूरतगढ़ जिले की मांग बंद करो.प्रशासन भी सोया है

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* करणीदानसिंह राजपूत *

गहलोत हमें सूरतगढ जिला दें और हम जनता को सड़क ही नहीं देना चाहते। शहर के दुकानदार व्यापारी संगठनों के अध्यक्ष और पदाधिकारी सभी के लिए शर्मनाक है मगर फिर भी शर्म को ओढे हुए हैं। 

दुकानों के बाहर थड़ियों को सड़कों को सामान रख कर बाधित करना। सड़कों पर पांच सात फुट तक सामान रखना। सड़कों पर जाम लगता है और जिनकी ड्युटी है वह स्टाफ आंखें बंद कर लेता है। 

रेलवे रोड बीकानेर रोड भगतसिंह चौक से त्रिमूर्ति मंदिर रोड सभी सड़कों के बाहर सामान और बोर्ड।

रेलवे रोड की सब्जी मंडी के कोने की दो दुकानों के आगे सड़क के बीच में दुकानें। चलने में बाधा। टक्करें। अनेक बार शिकायतें। उपखण्ड अधिकारी को निरीक्षण का आग्रह। उपखंड अधिकारी संदीप कुमार काकड़ के पास आधे घंटे का समय नहीं। साहब से कहा था कि नगरपालिका को भेजोगे तो वहां कुए से बड़ा है डस्टबिन ( कचरा पात्र) उपखंड अधिकारी के पास नगर में पनपते न्यूसेंस निरीक्षण का समय नहीं हो तब जिलाकलेक्टर को ही लिखा जाए कि आप देखो सूरतगढ की बदहाली। कोई तो देखेगा? 

सब्जी की दुकानों के लिए 20 जुलाई को लिखित दफ्तर में दी और वह सैनेटरी इंसपेक्टर के नाम मार्क हुई। दिन गिन लिए जाएं कि सैनेटरी इंसपेक्टर के पास एक माह से टाइम क्यों नहीं है? 

इसके बाद नगरपालिका अध्यक्ष परसराम जी भाटिया को आवेदन और दुकानदारों का सहमति पत्र की शटर से बाहर सामान नहीं रखेंगे। 

👍भाटिया जी ने कहा मीटिंग कर कार्यवाही करते हैं   दुकानदारों ने तो बाजार का हाल बेहाल कर रखा है। सोचा कि अब नगरपालिका प्रशासन कार्यवाही जरूर करेगा। सोमवार को तो कर ही देगा। अध्यक्ष जी को दिया पत्र भी डस्टबिन में चला गया। काम अध्यक्ष को नहीं करना उनको तो प्रशासन को कहना है। 

ये हालात हैं और ये प्रशासन है। लेकिन बात यह है कि दुकानदार सड़क की छ फुट जगह देना नहीं चाहते और सूरतगढ को जिले की मांग कर रहे हैं। अशोक गहलोत जिला दे दे। 

👍 भाजपा कांग्रेस आप बसपा आदि राजनीतिक दलों की भी शहर के प्रति कोई जिम्मेदारी होगी। विधायक बनने को तैयार हैं तो शहर के बाजारों सड़कों की बाधाएं शाम को देखने निकलें। अपने मोर्चों युवा और महिला मोर्चों को शाम के समय अवलोकन और रिपोर्ट हालात लिखने का काम कराएं। 

👍भाजपा का शहर भाजपा का बाजार कहलाता है और भाजपा बुरे हालात बना कर तीसरी बार जीतने की मिट्टी मिली आशा कर रही है।

* जब तक रोजाना सामान जब्ती और जुर्माने की रसीदें कटनी शुरू नहीं होती,ये शर्मनाक हालत सुधरने वाली नहीं है। 

** एक बार फिर चाहते हैं कि उपखंड अधिकारी 23 अगस्त को शाम को बाजार का निरीक्षण करलें। 

👍 दड़बे में गंदगी में रहना है। सुधरना नहीं है। सुधारना नहीं है और कुछ शर्म है तो सूरतगढ़ जिले की मांग बंद करो।

👍 लेकिन प्रशासन की ड्युटी बनती है कि कोई गंदगी में दड़बे में रहना चाहे तो वह अपनी साफ सुथरी ड्युटी पूरी करे चाहे इसके लिए सख्ती करनी पड़े। दड़बे दूर करे।०0०

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