शनिवार, 19 अगस्त 2023

सूरतगढ़ सीएचसी:डॉक्टर 8 बजे का मतलब 8 ही है:नौकरी करो या छोड़ो.

 

करणी दान सिंह राजपूत 

सूरतगढ़ 19 अगस्त 2023.

  सूरतगढ़ के समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों को अपनी घड़ी अच्छी तरह से दुरुस्त कर लेनी चाहिए कि सुबह 8:00 बजने में एक 2 मिनट पहले ही चिकित्सालय में प्रवेश हो जाएं।  सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक चिकित्सालय का समय है और यही चिकित्सक की ड्यूटी का समय है। सुबह 8:00 का मतलब 8:00 ही है। सीएचसी का चिकित्सक 3 घंटे ड्युटी करेगा तो जिला मुख्यालय पर सीएमएचओ तो जिले का मालिक है, वह तो एक घंटे ही ड्युटी देगा। उसका अधिकार बनता होगा। जिलाकलेक्टर भी एक दो घंटे ही ड्युटी करेगा।


👍 ड्यूटी पर समय पर  हाजिर हों ऐसी व्यवस्था अभी से बना लें ताकि कोई परेशानी ना हो। यदि 8:00 बजे के बाद अपनी मनमर्जी से 9 बजे 10 बजे और उसके बाद चिकित्सालय में प्रवेश होगा तो इस इस देरी के कारण निश्चित रूप से स्थाई परेशानी झेलनी होगी।

 राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह समय सोच समझकर निश्चित किया है।

 यदि चिकित्सक 6 घंटे ही सही ड्यूटी नहीं देनी चाहे, दो-तीन घंटे लेट आए तो निश्चित रूप से यह परेशानी जो अब डॉक्टर मरीजों को दे रहे हैं वह परेशानी उनको खुद को झेलनी पड़ेगी।


👍 यदि नौकरी की इच्छा नहीं है रुचि बिना नौकरी कर रहे हैं तो तुरंत त्यागपत्र लिख देना चाहिए। यदि नौकरी करनी है तो यह भी निश्चित है कि समय पर सुबह 8:00 बजे उपस्थित भी होना है। सरकार उचित पारिश्रमिक/ उचित वेतन देती है इसलिए काम तो करना ही पड़ेगा।

 जो संविदा के यानि ठेके पर लगे हुए चिकित्सक हैं वे भी देरी से आते हैं,तो तत्काल उनको स्थाई रूप से हटाने की कार्यवाही होनी चाहिए। उनकी रूचि नहीं है तो संविदा पर लगने की भी आवश्यकता नहीं. 

*चिकित्सालय परिसर में सरकारी आवास में रहने वाले चिकित्सक 5 मिनट में चिकित्सालय पहुंच सकते हैं। यदि उनके रुचि निजी चिकित्सा करने में है तो सरकारी नौकरी की जरूरत भी नहीं है। उन्हें अपना निजी चिकित्सालय खोलना चाहिए।  लेकिन सरकार के साथ जो अनुबंध हुआ है नौकरी का मेडिकल शिक्षा का तो वह निश्चित रूप से पूरा करना होगा। 

*रोगी 8:00 बजे से पहले चिकित्सालय में उपस्थित होते हैं और चिकित्सक 10, 10:30 तक आए तो उनको परेशानी होती है और भीड़ भी बढ़ती है। 

*चिकित्सकों को विचार करना है कि सरकारी ड्यूटी पर रहना है या प्राइवेट रूप से चिकित्सा करनी है इसके लिए सोचने और निर्णय के लिए 1 दिन बहुत है।  नौकरी करनी है तो समय पर आएं और समय पर जाएं। नौकरी नहीं करनी है तो तुरंत इस्तीफा दें। चिकित्सालय टहलने की जगह तो है नहीं कि जब चाहें आएं और जब चाहें चले जाएं। 

* जिलाकलेक्टर और सीएमएचओ  या फिर जयपुर से तुरंत निरीक्षण और निरीक्षण के समय पीआरओ से विडिओग्राफी की व्यवस्था करें। निरीक्षण सही 8 बजे शुरू हो। उसकी रिपोर्ट बने और तत्काल ही कार्यवाही के लिए सरकार को भेजी जाए।०0०

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार,

( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क सचिवालय से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़. ( राजस्थान )

94143 81356.

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