बुधवार, 10 मई 2023

सीवरेज फर्जी भुगतान वसूली करो का आदेश. कालवा के साथ 2 इंजीनियर भी फंसे।

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ 10 मई 2023.

नगर पालिका सूरतगढ़ का सीवरेज घोटाला फर्जी भुगतान का यह पहला केस होगा जिसमें लोग अभियुक्तों को सजा होते देख सकेंगे। यह केस अब गति पकड़ चुका है और निरंतर दंड दिए जाने की कानूनी प्रक्रिया की ओर बढ रहा है।

 * बनवारी लाल मेघवाल नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष की शिकायत पर ओमप्रकाश कालवा वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष,अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह, लेखाकार सुनील कुमार के साथ भुगतान  बिल प्रमाणित करने वाले 2 इंजीनियर भी लपेटे में आ गए हैं।

 बनवारी लाल की शिकायत में केवल 3 नाम ही थे मगर जिला कलेक्टर ने जांच के बाद जो रिपोर्ट दी उसमें स्पष्ट लिखा था कि जिन कर्मचारियों ने बिल सत्यापित किया है वे सभी इसमें दोषी हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर दो इंजीनियर भी फंस गये हैं जिनके नाम भिजवाने का आदेश स्वायत्त शासन निदेशालय ने ईओ सूरतगढ को दिया है।

* जिला कलेक्टर ने 10 मार्च 2023 को रिपोर्ट जयपुर भिजवाई और उस पर कानूनी राय मंथन के बाद कार्यवाही शुरू हुई। समय लगा लेकिन निदेशक स्वायत शासन विभाग ने नगर पालिका सूरतगढ़ को आदेश जारी किया है कि मोंटी कार्लो कंपनी को गलत भुगतान हुआ कैश  वसूल किया जाए। 

* निदेशक के आदेश पर अधिशासी अधिकारी संभवत 11 मई को नगरपालिका नियमों के अनुसार वसूली का जारी करे। 

* मोंटी कार्लो कंपनी के खाते में उक्त रकम जमा हुई और अब उसे लौटानी है,सेफ्टी टैंक और कुईयां  4763 तोड़ने उनका मल 5 किलोमीटर दूर डालने मलको रेत से ढकने आदि का भुगतान उठाया गया जबकि यह कार्य हुआ नहीं था।  इसमें बिल  बनाने वाले बिल सत्यापित करने और बिल उठाने वाले पेमेंट लेने वाले मोंटी कार्लो कंपनी के प्रतिनिधि जिम्मेदार माने जाएंगे। जब काम नहीं किया तो उन्होंने पेमेंट कैसे लिया?  

* कंपनी यह भुगतान तुरंत जमा कराती है अदालत में जाती है या अपनी जमा रकम में से काटने का कहती है,यह कुछ दिन में साफ होगा।  लेकिन सरकारी रकम जो गलत फर्जीवाड़े में भुगतान कर दी गई सरकार उसे वसूल वसूल तो निश्चित रूप से करेगी। इसकी प्रक्रिया  किसी भी तरह की हो सकती है लेकिन इस वसूली प्रक्रिया से यह तो निश्चित रूप से प्रमाणित हो गया है कि अपराध हुआ है। 

** इसमें कानूनी रूप से लड़ाई को बहुत अधिक समय तक खींचा जाना संभव नहीं हो पाएगा। सूरतगढ़ के इतिहास में संभवतः यह पहला केस होगा जिसमें लोग कानूनी लड़ाई और सजा का निर्णय होते देख पाएंगे। ०0०










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