रविवार, 26 मार्च 2023

पूजा छाबड़ा के आमरण अनशन का मुख्यमंत्री तक दबाव:वार्ता की संभावना.






* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ जिला बनाओ अभियान में पूजा छाबड़ा के आमरण अनशन से मुख्यमंत्री तक दबाव पड़ा है जिसके कारण मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन और प्रशासन में कुछ हलचल शुरू हुई है। ऐसी प्राथमिक हलचल में मंत्री और सरकारी प्रशासनिक अधिकारी मीठे शब्दों में वार्ता करते हैं और अंदर की ताकत का अंदाजा लगाते हैं। ऐसी प्रक्रिया कोई नयी नहीं है। सालों से चल रही है और इसमें अनेक बार सफलता छूता संघर्ष धड़ाम हो जाता है और बाद में सरकार बात ही नहीं करती।

पूजा छाबड़ा के आमरण अनशन के छठे दिन 26 मार्च 2023 को पुलिस ने उठाया और बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। 

इसके बाद सरकारी प्रक्रिया शुरू हुई जिसे मीठी प्रक्रिया मानी जाती है। 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री  गोविंद राम मेघवाल, जिला कलेक्टर बीकानेर भगवती प्रसाद, एडीएम सिटी, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल डॉक्टर गण व अधिकारी शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा छाबड़ा जी  स्वास्थ्य की जानकारी लेने पीबीएम हॉस्पिटल  पहुंचे। इतना लावलश्कर देख कर ही व्यक्ति प्रभावित हो जाता है। 

मुख्यमंत्री ने आपके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है। आप अनशन त्याग दें और आंदोलन चलाते रहें। ऐसे आंदोलन को कभी सरकार ने माना नहीं और कभी बात नहीं की। सरकार भुलावा देती है और टाल देती है। मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि बने मंत्री यह नहीं कहते की आपकी मांग सही है और इस पर बात करेंगे। हालांकि यह प्रथम भेंट एक संदेश है और हाल जान लिया। पूजा अनशन पर है। यदि वार्ता हो तो कोई भी समिति का सदस्य पास में नहीं। समिति है इसलिए सरकार समिति को बात के लिए आमंत्रित करे और उससे कोई समाधान हो बात मानी जाए। इसके लिए समिति में भी अच्छे जानकार हो जो हर बिंदु पर शासन प्रशासन को सही रूप में समझा सके। शासन प्रशासन से खुद प्रभावित नहीं हो। अभी तो समिति की ही मजबूती नहीं दिख रही। इसमें ही ताकतवर व्यक्तियों की जरूरत है बदलाव की जरूरत है। केवल नाम लिखने से संख्या बढाने से ताकत नहीं आती। एक बड़ा तथ्य यह है कि श्रीगंगानगर से बीकानेर तक करीब 240 किलोमीटर में कोई जिला मुख्यालय नहीं। यही समझाना है कि सूरतगढ़ बीच में बड़ा सेंटर है जहां सारे संसाधन स्धाई मौजूद हैं। 



* दबाव बढाना जरूरी है ताकि दो चार दिनों में फिर मंत्री आएं। पूजा छाबड़ा जैसा पावरफुल या बड़े पद वाला आमरण आनशन पर बैठाना जरूरी है।०0०


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