अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा ने भरोसा तोड़ा:कार्यग्रहण वक्त के बोल झूठे साबित.
* करणीदानसिंह राजपूत *
नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा ने अपने कार्यग्रहण के भव्य समारोह में जो घोषणाएं की वे पूरी की कोशिश भी नहीं कर,झूठों के बादशाह,शहर का बंटाधार करने वाले साबित हुए हैं। इनके 3 साल के कार्यकाल में केवल नगरपालिका ही बर्बाद नहीं हुई संपूर्ण शहर ही खराब हुआ। कालवा ने विकास कार्य न करा कर शहर का सत्यानाश कर दिया।
* ओमप्रकाश कालवा ने 2 दिसंबर 2019 को अपने कार्य ग्रहण समारोह में जनता के साथ जो वादे किए वे सारे झूठे निकल गए। उन वादों के अनुसार काम नहीं किया।
* कालवा ने कहा कि जनता ने उन पर भरोसा किया है, उस पर खरे उतरेंगे लेकिन कालवा 3 साल के बाद में खोटे सिक्के साबित हुए, जो कहीं चलने योग्य नहीं रहे।
*कालवा ने कहा था कि 45 वार्ड हैं सभी पार्षदों से समस्याओं के बाबत जानकारी प्राप्त करके सभी वार्डों में विकास कार्य करवाए जाएंगे। लेकिन अनेक पार्षदों से राय ही नहीं ली गई। बहुत से वार्ड ऐसे हैं जहां पर सड़कों का भी टोटा है,वहां काम ही नहीं हुए। ओम प्रकाश कालवा ने क्या क्या वादे किए थे?
नगर पालिका में ईमानदारी बरती जाने के बजाय
भ्रष्ट कार्यप्रणाली चली जो लोगों के लिए पीड़ा जनक रही। पार्षदों ने ही पालिका अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
* समारोह में कालवा के मित्र पीलीबंगा के पालिका अध्यक्ष राजकुमार फंडा ने कहा था कि पालिका को सभी चोर समझते हैं इसलिए इस शब्द को सभी हटाएंगे और नगर पालिका में पार्षद ठेकेदारी नहीं करेंगे। लेकिन फंडा का यह भरोसा भी टुकड़े टुकड़े हो चुका है।
*नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के कार्यभार ग्रहण करने के भव्य समारोह में पूर्व विधायक गंगाजल मील पीसीसी सदस्य हनुमान मील ने भी बहुत बड़ा भरोसा जताया था, लेकिन सारे भरोसे अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा ने चकनाचूर कर दिये। गंगाजल मील हनुमान मील और कांग्रेस पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया के भरोसे भरे भाषणों की कालवा ने तीन साल में हवा निकाल कर इनकी छवि को भी धूमिल कर दिया। परसराम भाटिया तो पहले ही सतर्क हो गये और अध्यक्ष पर अनेक आरोप लगा दिए थे। गंगाजल मील और हनुमान मील को बहुत बाद में पालिकाध्यक्ष के तीन साल पूरे होने पर समझ में आया। भूमाफिया के अतिक्रमण तोड़े जाने के बाद हालात और भ्रष्टाचार सामने आने पर इन मीलों की आंखें खुली की खुली रह गई। मीलों को अब मालुम हुआ की ओमप्रकाश कालवा ने जो भरोसा दिलाया था वह तो खंड खंड कर दिया है। यह तो खरा नहीं खोटा सिक्का साबित हो रहा है। लोग कहने भी लगे थे कि यह मील साहेब का सिक्का है और खोटा है। इन बातों पर मील ने अब विश्वास किया कि लोग सच्च बोल रहे हैं और आरोपों में दम है। गंगाजल मील ही सबसे बड़ा भरोसा कर रहे थे और अब उन्होंने नजरें फेरी है जिसके बाद नगरपालिका में तूफान मचा है और अध्यक्ष से लोग किनारा करने लगे हैं। अभी भी कुछ पार्षद अध्यक्ष के नजदीक बने हुए हैं लेकिन सख्त कार्यवाहियों के शुरू होने पर वे भी अपने आपको बचाने के लिए प्रयास करेंगे और अधिक दिन साथ नहीं रहेंगे।
करणी प्रेस इंडिया में ओमप्रकाश कालवा के कार्यग्रहण समारोह के समाचार छपे थे।
उन समाचारों की कॉपी यहां अवलोकनार्थ सभी के सामने रखी जा रही है। निर्णय करें के ओमप्रकाश कालवा ने किस तरह से लोगों का भरोसा तोड़ा और शहर को 3 सालों में जो विकास मिलना चाहिए था वह कुछ भी नहीं हो पाया।
ओमप्रकाश कालवा अपनी कार्यप्रणाली से जनता की नजरों में गिर चुके हैं।जनता के कार्य जो नगरपालिका में होने चाहिए थे वे नगर पालिका अध्यक्ष की उदासीनता के कारण, कार्य नहीं करने की प्रणाली के कारण नहीं हो पाये हैं।
13 जनवरी 2023.
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