मेरा लेखन पत्रकारिता आज से करीब 58 साल पहले शुरू हुई। मेरा पहला लेख 'ज्वाला साप्ताहिक'जयपुर में प्रकाशित हुआ था।
जब इस छपे हुए लेख की प्रति मुझे डाक से मिली तो मैं नाच उठा था। मेरा पहला लेख था इसलिए मुझे बहुत खुशी हुई थी।
इस लेख से ही मेरे लेखन और पत्रकारिता की शुरुआत हुई और आगे बढ़ता गया।यह लेख वैज्ञानिक लेख था। ज्वाला सप्ताहिक में 8 जुलाई 1965 को यह प्रकाशित हुआ था। पांच बत्ती पर ज्वाला साप्ताहिक का कार्यालय था।
यह लेख मैं छपे हुए रूप में आपके सामने प्रस्तुत करते हुए बहुत ही प्रसन्नता अनुभव कर रहा हूं।
मैं आप सभी के सामने प्रतिदिन कुछ ना कुछ लेख कहानियां रिपोर्ताज आदि प्रस्तुत करूंगा ताकि आप सभी यह देख सकें कि पहले और आज की पत्रकारिता में कितना अंतर आया है। जब साधन नहीं थे तब भी समाचारों का संकलन और प्रकाशन किस तरह से होता था। पत्रकारिता और लेखन के जोश ने ही मुझे निरंतर आगे बढ़ाया। आज मैं इस समय 78 वर्ष की उम्र में प्रवेश कर चुका हूं और मेरे लेखन से नए पत्रकारों को लेखकों को कुछ सीखने को मिलेगा तो मुझे बहुत बड़ी खुशी होगी। पाठकों को भी मेरे लेखन को पढ़ना चाहिए।
21 नवंबर 2022.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
(राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ (राजस्थान)
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