शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2022

पालिकाध्यक्ष ओम कालवा जवाब दें:अवैध जूस हाउस को तोड़ने में क्यों लगे 4 माह 21 दिन?

 

* करणी दान सिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 21 अक्टूबर 2022.

नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर अतिक्रमण को तोड़ने से बचाने का आरोप है और वे जनता के बीच अपनी स्थिति को स्पष्ट करें। बलवीरो चौक पर बेशकीमती व्यावसायिक स्थान पर अतिक्रमण कर चलाए जा रहे जूस हाऊस को आरोप लगाए जाने के बाद भी तोड़ने से 4 माह 21 दिन तक बचाकर क्यों रखा गया था? इस मामले में अध्यक्षजी अभी क्लीन चिट नहीं है और उनसे स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा है। आरोप ऐसा है कि अध्यक्ष जी को तुरंत जवाब देना चाहिए। 

नगर पालिका सूरतगढ़ की भग्गुवाला कुआ से नेशनल हाईवे पर पहुंचने वाली सड़क के ठीक मध्य में बलवीरो चौक पर स्थित एक अवैध जूस हाउस को बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई। 

 ओम प्रकाश कालवा आरोपों से घिरे हुए हैं और इस अवैध जूस हाउस को तोड़ने के बाद जवाब दे हैं कि इसकी शिकायत मांगपत्र के बाद  तोड़ने में 4 माह 21 दिन की देरी क्यों हुई ? कुल 142 दिन तक ओमप्रकाश कालवा इसे तोड़ने से रुके हुए क्यों रहे? कालवा क्या कर रहे थे?ओमप्रकाश पर आरोप है कि इस अतिक्रमण को बचाने के प्रयास में रहे चूंकि वे अध्यक्ष हैं इसलिए अतिक्रमण को तुडवाने की उनकी जिम्मेदारी सबसे अधिक थी।

 हम याद दिलाना चाहते हैं ओम प्रकाश कालवा पर अतिक्रमण के गंभीर आरोप का एक ज्ञापन मोहम्मद फारुख के लेटर पैड पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर सूरतगढ़ को 27 मई 2022 को दिया गया। उसमें अतिक्रमण हटाने के मामले में केवल 7 दिन का समय दिया गया था कि अगर यह नहीं हटाए जाते हैं तो 3 जून से धरना शुरू किया जाएगा। धरना तो नहीं लगा लेकिन मोहम्मद फारुख के लेटर पैड पर जो आरोप लगाए गए थे उसमें बलबीरो चौक के अवैध जूस हाउस और अतिक्रमण का भी हवाला था। 

यह अतिक्रमण नगर पालिका प्रशासन की ओर से 17 अक्टूबर 2022 को तोड़ा गया।  अब सवाल यह पैदा होता है जिसका जवाब नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को देना है कि जब लिखित में यह आरोप लग गया था तब इस अतिक्रमण को 4 महीने 21 दिन तक कैसे बचा कर रखा गया था? अध्यक्ष महोदय इस को बचाने में थे या नहीं थे? 

27 मई को आरोप लगा तो एक-दो दिन में यह अतिक्रमण उसी समय तोड़ दिया जाना चाहिए था।

फारुख के लैटरहैड पर दिये गये ज्ञापन पर अन्य पार्षदों आदि के भी हस्ताक्षर थे।

परसराम भाटिया जो पार्षद हैं और साथ में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पद भी है। इसके अलावा श्रीमती विमला,बसंत कुमार बोहरा,प्रियंका कल्याणा,लखविंदर सिंह,सुरेंद्र टाक मनोनीत, जसराम टाक,मुमताज अली,बबलू, अमित कल्याणा और पूर्व जिलाध्यक्ष युवा कांग्रेस के हस्ताक्षर थे। यह ज्ञापन मोहम्मद फारुख के लेटर पैड पर जिस पर कांग्रेस का हाथ का चुनाव निशान भी था उस पर दिया गया था। जब यह ज्ञापन दिया गया उस समय पूर्व पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल गगनदीप विडिंग महेंद्र गोदारा दलीप स्वामी भी मौजूद थे।

* अब यह अतिक्रमण तो 17 अक्टूबर को टूट गया लेकिन यह किस दबाव से टूटा यह बहुत बड़ी बात है क्योंकि नगर पालिका अध्यक्ष तो आरोप लगने के बाद भी इसे तोड़ने से बच रहे थे। 

 अतिक्रमण को ज्ञापन देने के बाद भी बचाए हुए थे। अब दिन गिने। मई के 5 दिन, जून के 30 दिन,जुलाई के 31 दिन, अगस्त के 31 दिन, सितंबर के 30 दिन और अक्टूबर के 17 दिन। इतने दिनों के बाद में यह अतिक्रमण बहुत बड़े दबाव से तोड़ा गया। यह दबाव मील के अलावा किसी और का नहीं हो सकता। कालवा से ऊपर मील। उन्हीं की छवि और कांग्रेस की छवि में बिगाड़ हो रहा था।

 नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा सवालों के घेरे में है। वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें अतिक्रमण के मामले में उनका रवैया क्या है?बलवीरो चौक के अतिक्रमण को लिखित में देने के बावजूद भी यह अतिक्रमण इतने दिन तक बचाए हुए कैसे रखा गया, क्यों रखा गया?  ओमप्रकाश कालवा को सूरतगढ़ की जनता के बीच अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए?

एक अन्य अतिक्रमण को बिकवाने व नगद 6 लाख लेने 7 लाख रू दूसरे को दिलवाने के आरोप में उपाध्यक्ष सलीम कुरैशी पर 20 अक्टूबर को पुलिस में मुकदमा दर्ज हो गया। उक्त अतिक्रमण भी 17 अक्टूबर 2022 को तोड़ दिया गया था। मामला उपाध्यक्ष का है इसलिए इस प्रकरण में भी अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को अपना ब्यान देना चाहिए और बताना चाहिए कि क्या स्वायत्त शासन निदेशालय को

 लिखेंगे?

*** 17 अक्टूबर को अतिक्रमण तोड़े जाने के बाद मांग करने वाले और अन्य सभी पार्षद चुप क्यों हैं? उपाध्यक्ष सलीम पुलिस केस में भी सभी अपने बयान दें कि वे कहां किस स्टैंड पर हैं और क्या स्थानीय निकाय निदेशालय को कार्यवाही के लिए लिखेंगे? ०0०








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