बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

मील भादू कासनिया के त्रुटियों भरे विकास और नागपाल की चुप्पी कभी भुला नहीं सकेंगे

 



* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ में विकास के नाम और काम पर करोडों रुपये लगा कर शहर को जो स्वरूप दिया वह आने वाली पीढियां याद करेंगी।
*मील साहब के समय ओवरब्रिज बना बड़ोपल रोड और आनंद विहार बसंत विहार कालोनियों में आवासों के बीच में उतरा। सूरतगढ़ के मास्टर प्लान में शिवबाड़ी क्षेत्र और पशु चिकित्सालय में चढना उतरना था। सूर्योदय नगरी को शहर में आने जाने,बीकानेर अनूपगढ़ श्री गंगानगर आवागमन के लिए एकदम सही था। लेकिन नहीं बनाया गया। बड़ोपल रोड की दुकानें और आवास की कीमतें बनेंगी। जिन लोगों का दबाव रहा। आज बड़ोपल रोड की दुकानें स्कूल आदि की हालत अच्छी नहीं। पुल का भी बहुत अधिक उपयोग नहीं। कालोनियों में हर समय मौत का खतरा।
** भादू साहब के समय में सीवरेज सिस्टम बना। बनते समय और अब तक लोग परेशान हैं और आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। कहीं चैम्बर ढक्कन सड़कों में छह ईंच दबे हुए तो कहीं छह ईंच ऊंचे उठे हुए।
*** कासनिया काल में राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। इंदिरा सर्किल और आसपास का संपूर्ण सौन्दर्य आवागमन खत्म। गुरुशरण छाबड़ा राजकीय महाविद्यालय, आकाशवाणी केंद्र भवन सबके आगे दीवार। पूरे इलाके का सत्यानाश। उच्च मार्ग को हनुमानजी खेजड़ी मंदिर,बाबा  रामदेव के और पीछे से बाईपास निकालने के सुझाव सालों से थे। शहर में यह सड़क मात्र रहता। जेल के पीछे आदि मंदिरों आदि के लिए अंडर पास हो जाते। फ्लाईओवर उन शहरों में बनते हैं जहां जगह उपलब्ध नहीं हो। यहां तो जगह उपलब्ध थी। 26 करोड़ से फ्लाईओवर की स्वीकृति हुई। यदि बाईपास बनता तो कुछ अधिक लग जाते मगर शहर का सत्यानाश होने से बच जाता। करोड़ों रुपये के भवन होटल,शौ रूम आदि व सरकारी भवन कालेज आदि का स्वरूप बच जाता।
* यदि लोग जागरूक हों तो अभी भी राजस्थान उच्च न्यायालय के द्वार खुले हैं। वाट्सएप सोशल मीडिया या समाचार पत्रों से तो कोई हल निकलने वाला नहीं। इस वहम को भी निकाल देना चाहिए कि वर्क शुरू होने के बाद कुछ हो नहीं सकता। जनता को दुविधा देने वाला निर्माण बीच में रुकवाया जा सकता है तुड़वाया जा सकता है और स्थान भी बदला जा सकता है।
**** मील साहब का काल 2008 से 2013 तक रहा। भादू साहब का काल 2013 से 2018 तक रहा। अब कासनिया साहब का काल 2018 से शुरू हुआ जो 2023 तक चलेगा।
***** नागपाल साहब सभी निर्माणों पर चुप्पी साधे हुए हैं। नागपाल साहब का काल 2003 से 2008 तक रहा।
* मील भादू कासनिया नागपाल से अभी भी कुछ विकास कराना शहर को चमन बनाना बाकी रह गया है? इनके अलावा किन्हीं नयों की खोज में किन बातों  की झिझक है? समय की आवश्यकता और बदलाव को समझ लेना चाहिए।०0०
2 फरवरी 2022.
करणीदानसिंह राजपूत
पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
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