* करणीदानसिंह राजपूत *
कोहरे में 20 - 25 फुट से आगे दिखाई नहीं दे रहा हो ऐसे में वाहन चलाना बहुत सोच और समझ का कार्य है ।
बहुत जरूरी हो तभी वाहनों पर बाहर निकलना चाहिए। शहरों और कस्बों से बाहर सड़कों पर कोहरे की धुंध अधिक गहरी होती है। वाहन तेज चलते हैं और उनमें से आगे का कुछ भी दिखाई नहीं देता। चालक अधिकांश रूप में तो अनुमान से आगे बढ़ते हैं और यह अनुमान खतरनाक सिद्ध होता है।
कोहरे में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। यह सभी मानते हैं जानते हैं और ऐसे समाचार भी पढ़ते हैं,मगर फिर भी सावधानी बरतने के समय लापरवाही को ओढ़ लेते हैं।
धुंध से बचें और अपने परिवारों को बचाएं और साथ में दूसरों के परिवारों को भी बचाएं।
कोहरे की धुंध दोपहर बाद छंटनी शुरू होती है और अनेक बार पूरे दिन ही सूर्य के दर्शन नहीं होते।
ऐसे मौकों पर कार जीप दुपहिया आदि निजी वाहनों से यात्रा करने में बहुत सावधानी चाहिए। हो सके तो दूर की यात्रा तो बस और उससे भी अधिक सुरक्षित रेल से यात्रा करें। ०0०
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत) सूरतगढ़
94143 81356.
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