* दिव्यता*
वह अवतरित हुई
आनन्दित हुए
हम सब।
उसके
हाव भाव
देते रहे
दिव्य संदेश।
परी सी उड़ गई
एक दिन
विलीन हो गई
आकाश में।
छोड़ गई
स्मृतियों में
अनन्त
संदेश।
.......
श्रीमती विनीता सूर्यवंशी-करणीदानसिंह राजपूत :
माता-पिता
योगेन्द्र प्रतापसिंह-रीतिका-अनाया
सिह( लघु भ्राता. भाभी-भतीजी,)
रवि प्रतापसिंह-साक्षी: अद्वित ( लघु भ्राता-भाभी-भतीजा)
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