सूरतगढ़ 30 अप्रैल 2017 सूरतगढ़ निवासी j e n (जोधपुर विद्युत विद्युत वितरण निगम सूरतगढ) को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने रिश्वत मांगने के आरोप में 29 अप्रैल को गिरफ्तार किया। आशीष मूंदड़ा पुत्र विनोद कुमार मूंदड़ा यहां भगत सिंह चौक में निवासी है।आशीष मूंदड़ा को गिरफ्तार करने के बाद अदालत में पेश किया गया जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। मामला 2015 का है। इस प्रकरण से सरकारी स्टाफ को मालूम पड़ जाना चाहिए कि अच्छे खासे वेतन के बावजूद उनका पेट नहीं भरता और वे रिश्वत की मांग करते हैं और रिश्वत मांगना भी कानूनी अपराध है। श्रीगंगानगर के एडिशनल SP एंटी करप्शन ब्यूरो राजेंद्र प्रसाद ढिढारिया के अनुसार नंदलाल उपाध्याय की ओर से चक 17 एसटीबी में पालीवाल सुरतगढ़ की फर्म अमिताभ फ्लाई एस ब्रिक्स में तीन फेस विद्युत कनेक्शन को 6 घंटे विद्युत सप्लाई के स्थान पर 24 घंटे सप्लाई करने की एवज में जेईएन आशीष मूंदड़ा ने ₹50 हजार की रिश्वत मांगी थी।नंदलाल उपाध्याय ने यह प्रकरण एंटी करप्शन ब्यूरो की बीकानेर चौकी में शिकायत के रूप में प्रस्तुत किया।एंटी करप्शन ब्यूरो ने जनवरी 2016 में मामले का सत्यापन कराया।आशीष ने 40 हजार रुपए में मामला तय किया। कनिष्ठ अभियंता ने बाद में कोई भनक पड़ने पर रिश्वत तो नहीं ली लेकिन रिश्वत मांगी थी यह प्रमाणित हो गया था।रिश्वत मांगने के आधार पर निरोधक ब्यूरो की चौकी श्रीगंगानगर में यह मामला दर्ज हुआ। इस मामले के अनुसंधान में आरोप प्रमाणित हुआ।मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी गई जो ब्यूरो मुख्य कार्यालय से प्राप्त हो गई। एंटी करप्शन ब्यूरो ने जेईएन आशीष मूंदड़ा को गिरफ्तार करने के लिए कई बार प्रयास किए व उसके ठिकानों पर दबिश दी लेकिन वह गायब हो गया। 29 अप्रैल को आशीष मूंदड़ा की गिरफ्तारी संभव हुई। राजस्थान भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में रिश्वत मांगना भी अपराध है।
रविवार, 30 अप्रैल 2017
सूरतगढ़ का जेईन आशीष मूंदड़ा गिरफ्तार:रिश्वत मांगना भी कानूनी जुर्म है
सूरतगढ़ 30 अप्रैल 2017 सूरतगढ़ निवासी j e n (जोधपुर विद्युत विद्युत वितरण निगम सूरतगढ) को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने रिश्वत मांगने के आरोप में 29 अप्रैल को गिरफ्तार किया। आशीष मूंदड़ा पुत्र विनोद कुमार मूंदड़ा यहां भगत सिंह चौक में निवासी है।आशीष मूंदड़ा को गिरफ्तार करने के बाद अदालत में पेश किया गया जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। मामला 2015 का है। इस प्रकरण से सरकारी स्टाफ को मालूम पड़ जाना चाहिए कि अच्छे खासे वेतन के बावजूद उनका पेट नहीं भरता और वे रिश्वत की मांग करते हैं और रिश्वत मांगना भी कानूनी अपराध है। श्रीगंगानगर के एडिशनल SP एंटी करप्शन ब्यूरो राजेंद्र प्रसाद ढिढारिया के अनुसार नंदलाल उपाध्याय की ओर से चक 17 एसटीबी में पालीवाल सुरतगढ़ की फर्म अमिताभ फ्लाई एस ब्रिक्स में तीन फेस विद्युत कनेक्शन को 6 घंटे विद्युत सप्लाई के स्थान पर 24 घंटे सप्लाई करने की एवज में जेईएन आशीष मूंदड़ा ने ₹50 हजार की रिश्वत मांगी थी।नंदलाल उपाध्याय ने यह प्रकरण एंटी करप्शन ब्यूरो की बीकानेर चौकी में शिकायत के रूप में प्रस्तुत किया।एंटी करप्शन ब्यूरो ने जनवरी 2016 में मामले का सत्यापन कराया।आशीष ने 40 हजार रुपए में मामला तय किया। कनिष्ठ अभियंता ने बाद में कोई भनक पड़ने पर रिश्वत तो नहीं ली लेकिन रिश्वत मांगी थी यह प्रमाणित हो गया था।रिश्वत मांगने के आधार पर निरोधक ब्यूरो की चौकी श्रीगंगानगर में यह मामला दर्ज हुआ। इस मामले के अनुसंधान में आरोप प्रमाणित हुआ।मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी गई जो ब्यूरो मुख्य कार्यालय से प्राप्त हो गई। एंटी करप्शन ब्यूरो ने जेईएन आशीष मूंदड़ा को गिरफ्तार करने के लिए कई बार प्रयास किए व उसके ठिकानों पर दबिश दी लेकिन वह गायब हो गया। 29 अप्रैल को आशीष मूंदड़ा की गिरफ्तारी संभव हुई। राजस्थान भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में रिश्वत मांगना भी अपराध है।