सूरतगढ़ 6 जनवरी 2015- पुस्तक प्रदर्शनी एवं साहित्य समारोह के पांचवें समापन दिवस पर मुख्य अतिथि डा. कृष्ण कुमार आशू ने कहा कि पुस्तकें मनुष्य का निर्माण करती हैं संस्कार देती हंै। आप भले ही ही मंदिर या किसी भी धार्मिक स्थान पर नहीं गए हों लेकिन पुस्तकालय गए हों तो आपका जीवन सार्थक है।
डाक्टर मंगत बादल ने कहा कि लिखे हुए अक्षरों की कीमत सदैव रहती है। इसकी बराबरी व्हाटसअप या फैसबुक नहीं कर सकते।

इस समारोह में मुख्य अतिथि भारत विकास परिषद के डा.के.एल बंसल थे। समारोह की अध्यक्षता व्यापार मण्डल सचिव दर्शन भगत परनामी ने की। संयोजन राजेश चड्ढा का था।

