- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़ 5 जनवरी 2016.
बोधि प्रकाशन की पुस्तक प्रर्दशनी में राजस्थानी हिन्दी के जानेमाने साहित्यकार डा.भरत ओळा की चार पोथियों घुळगांठ माथै घुळगांठ,कित्ती कहाणी खत्म,भरत ओळा की चुनिन्दा कहाणियां और गोगा गाथा का एक साथ विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में अध्यक्षता कृष्ण स्याग ने की एवं मुख्य अतिथि मालचंद तिवाड़ी व विशिष्ट अतिथि मोहनजी डेलू,पूर्ण शर्मा पूरण और रामेश्वर गोदारा थे।
पत्र वाचन पूर्ण शर्मा पूर्ण नें किया।
मुख्य अतिथी के रूप में मालचंद तिवाडी नें कहा कि कहानी लिखना किसी सच को परोसना नहीं है। पहले कहानीकार घटना को अंगीकार करता है तब पाठको के सामने रखता है। ओळा अपने आस-पास के वातावरण के परिचित है। वे अपने आस पास मटियां मेंट हो चुके पात्रों में से कथानक उठाकर सृजन करते है। इनका सपना है राजस्थानी कहानी को विश्व स्तर पर स्थापित कर देना।
लेखक भरत ओळा नें अपनी रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।