गुरुवार, 3 दिसंबर 2015

सूरतगढ़ पालिका ने लठ प्रदर्शन के बाद हटाया करोड़ों का कब्जा:


ईओ प्रियंका बुडानिया कब्जे पर गई और हटाने का आदेश दिया:
कब्जा निर्माण करने वाले ने हरे पेड़ के बड़े डाले काट डाले और पेड़ को काटे जाने की भी तैयारी थी:
नगरपालिका संपत्ति का बोर्ड लगाया गया:
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़ 3 दिसम्बर 2015.
राजकीय चिकित्सालय की चार दीवारी के चिपते करोड़ों रूपए के बहुत बड़े भूखंड सड़क के हिस्से पर हो रहे अतिक्रमण निर्माण को नागरिक संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के पालिका में लठ प्रदर्शन और चेतावनी दिए जाने के बाद जेसीबी से हटवा दिया गया। 


समिति के लोग पालिका आँगन पर धरना लगा कर बैठ गए। ईओ के पालिका में पहुंचने पर चेतावनी के साथ पत्र दिया। समिति ने आरोप लगाया कि वार्ड पार्षद लक्ष्मण शर्मा ने इसकी शिकायत 1 माह पहले ईओ को की थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई।
समिति ने लिखित में आरोप लगाया कि नगरपालिका कर्मचारी दुलाराम डूडी बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर रहा है तथा वह खुले आम कहता है कि  पालिकाध्यक्ष व कई पार्षदों की संलिप्तता है। ईओ द्वारा कार्यवाही करने से यह प्रमाणित हो रहा है कि इसमें अध्यक्ष की मिलीभगत है।
समिति ने लिखा कि अगर प्रशासन संज्ञा शून्य हो जाए तो हम लोग जमीन को मौके पर जाकर मुक्त कराऐंगे। इसमें किसी प्रकार की कानून व्यवस्था बिगड़ी तो पालिका प्रशासन की समस्त जुम्मेवारी होगी। यह भी लिखा गया कि इसकी सूचना उपखंड मजिस्ट्रेट को भी दी जा रही है।
यह पत्र ईओ को दिया गया। ईओ को चेतावनी दी गई जिसमें महिलाएं तक शामिल थी।
ईओ को कहा गया कि अतिक्रमण हटवाया जाए व पालिका के उस कर्मचारी दुलाराम डूडी के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण भी दर्ज कराया जाए। जब तक ये कार्यवाहियां पूरी नहीं की जाती पालिका में धरना जारी रहेगा।
इसके बाद ईओ प्रियंका बुडानिया मौके पर पहुंची तथा दुलाराम परिवार के व्यक्ति को बुलवाया। उसने जो कागजात दिखलाए वे नहीं माने गए। मोबाइल पर किसी से कागजात दिखाने का कहती रही। ईओ को एक व्यक्ति कह रहा था कि यह मंडी समिति का नोटिस है लेकिन ईओ का कहना था कि पालिका में क्या दस्तावेज है?
जब पहले कह दिया गया था कि निर्माण नहीं करें तो निमार्ण क्यों शुरू किया गया।
दुलाराम डूडी को मौके पर बुलाया गया लेकिन वह एक घंटे तक नहीं पहुंचा।आखिर ईओ ने अतिक्रमण हटाने वाले पालिका कर्मचारियों को कब्जा हटाने व पालिका संपत्ति का बोर्ड लगाने का आदेश दिया।
इसके बाद जेसीबी मशीन से कब्जा हटवा दिया गया। वहां पर दो अधपक्के कोठे बने हुए थे। वहां पर किसी की रिहायश नहीं थी और दोनों कोठों में कोई सामान भी नहीं था। कोठों के तोडऩे से जो सामान मिला वह पालिका ने जब्त कर लिया।
चिकित्सालय और सिटी थाने के बीच में 80 फुट चौड़ी सड़क है जिस पर पहले अतिक्रमण हो चुके हैं और वह सिकुड़ कर आधी रह गई है।












 

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