सुपर क्रिटिकल दो यूनिटों के पानी संग्रहण टैंक निर्माण में भारी घोटाला:
पूर्व विधायक स.हरचंदसिंह सिद्धु द्वारा सूचनाएं मांग जाने पर हड़कंप:
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़। सूरतगढ़ सुपर थार्मल पावर स्टेशन में करोड़ों रूपए के घोटाले होते रहे हैं और इंटक यूनियन ने एक बार अत्यन्त महत्वपूर्ण शिकायत की थी कि सीबीआई जांच से सारा खुलासा हो सकता है।
ताजा प्रकरण सुपर क्रिटिकल दो यूनिटों के पानी संग्रहण टैंक की तह के निर्माण में भारी घोटाला हो रहा है। तह में जो मसाला लगाया जा रहा है उसमें निर्धारित बजरी में खुले आम स्थानीय रेत मिला कर इस्तेमाल की जा रही है। राष्ट्रीय उच्च मार्ग के पास एक स्थान पर बजरी लाकर अनलोड की जाती है। वहां पर जेसीबी मशीन से बजरी में रेत मिलाया जाता है। इसके बाद यह मिलावटी बजरी थर्मल में ले जाई जाती है। कई दिनों से यह कार्य चल रहा है जो करोड़ों रूपए का है। इस घोटाले में बड़े राजनीतिक पहुंच वाले लोग शामिल हैं।
पूर्व विधायक स.हरचंदसिंह सिद्धु ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले में बड़े लोग और बड़ी कंपनी शामिल हैं तथा थर्मल के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह घोटाला हो नहीं सकता।
सिद्धु ने सुपर क्रिटिकल यूनिटों के निर्माण के मुख्य अभियंता से सूचना के अधिकार नियम के तहत महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी और उसके बाद यह मामला अचानक बड़े अखबार में खबर में प्रगट हुआ कि डिग्गी निर्माण में घोटाला हो रहा है।
सिद्धु ने ठेकेदार कंपनी का नाम, राशि,जी शेड्यूल जिस के आधार पर ठेका हुआ,डिग्गी खुदाई का ठेका किस कंपनी का हुआ व खुदी हुई मिट्टी वहीं बिछाकर समतल कर दी गई या कितनी दूर फेंकी गई। सिद्धु ने इनकी प्रमाणित प्रतियां मांगी हैं। सिद्धु ने यह आवेदन 26 अक्टूबर को किया। सिद्धु ने थर्मल जाकर और राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर अवलोकन भी किया।
सिद्धु ने आरोप लगाया कि इसकी तत्काल ही कार्यवाही होना जरूरी है अन्यथा इतनी पावरफुल यूनिटों की डिग्गी के घटिया निर्माण से अरबों रूपयों का नुकसान कभी हो जाएगा।
सिद्धु ने कहा कि यह जाँच तो आसानी से हो सकती है। खदान से कितनी बजरी आई। उसका रिकार्ड खदान में और वहां के धर्म कांटों पर होगा। कितने ट्रक आदि आए और थर्मल में कितनी बजरी सप्लाई व इस्तेमाल हुई। सिद्धु का आरोप है कि कुछ नेता थर्मल में राजनीति करते हैं और उन्होंने ही घोटालों में छिपे तौर पर ठेकेदारों के माध्यम से लूट में हिस्सेदारी कर रखी है। सिद्धु ने कहा है कि सही जाँच से थर्मल के बड़े इँजीनियर फंस सकते हैं वहीं नेताओं के चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं। विदित रहे कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने 20 जून 2013 को 2 सुपर क्रिटिकल यूनिटों का शिलान्यास किया था जिनकी प्रत्येक की क्षमता 660 मैगावाट है।