भाजपा.नेता नेतियां उम्र दराज असफल. अब नयों का जमाना. सोच लें समझ लें.
* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान में वर्तमान भाजपा सरकार यानि भजनलाल शर्मा की सरकार के 2 वर्ष पूर्ण हो गये जिनके बारे में खुशियां मनाई जा रही है, कार्यक्रम किए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि 2 साल सफलता से बीते।
भजन सरकार में बदलाव यानि भजनलाल के स्थान पर मुख्यमंत्री कोई नया होगा,मंत्री परिषद में बदलाव होगा, मंत्री परिषद में विस्तार होगा की आशाएं रही लेकिन न मुख्यमंत्री बदला न मंत्री परिषद में कोई विस्तार हुआ। वसुंधरा राजे को फिर से मुख्य मंत्री बनाए जाने की खबरें भी सोशल मीडिया में खूब रही लेकिन सभी खबरें फुस्स हो गई। सभी अनुमान धरे रह गए। राजनैतिक पदों पर भी नियुक्ति शीघ्र होने के समाचार भी आते रहे और निराश करते हुए दो साल बीत गये। इन समाचारों के बीच पद पाने की आशा आशा में अनेक नेता नेतियां उम्र दराज हो गये। भाजपा को अपने ही लोगों को ललचाए रखने में कमाल के गुर हासिल हैं। अनेक लोग नमन करते करते कमर दर्द ले बैठे और अनेक फूल मालाएं पहनाते बुके भेंट करते शिष्टाचार भेंट बताते बताते बहुत कुछ अर्पण करने धोक लगाने के बावजूद भी कुछ भी प्राप्त नहीं कर पाए। उमरिया बीती जाए रे। अनेक ऐसे उम्र दराज स्थिति में पहुंच गये या शीघ्र ही पहुंचने वाले हैं कि अब उनको कुछ भी मिलने वाला नहीं है। यंग कहलाते कुछ नहीं मिला तब वरिष्ठ नेता कहलाते हुए अब आगे कुछ भी मिलने वाला नहीं। यहां जो असली बात कहने वाली या समझाने वाली है वह बड़ी महत्वपूर्ण है कि उम्र दराज नेता नेतियां अभी भी चाहे पद मिलने की आशा करते रहें लेकिन जो कार्यकर्ता ईन असफल उम्र दराजों के अनुगामी बने हुए हैं वे इनको छोड़ कर नये यंग समझे जाने वाले नये नेताओं को धारण करलें जिनको शायद आगे कुछ मिल जाए। अब यह निश्चित समझ लिया जाना चाहिए कि जो उम्र दराज हो गये हैं, उनका अच्छा वक्त था तो वह बीत गया है, अब अच्छा वक्त लौटकर आने वाला नहीं है। असफल नेता नेतियां जिनकी अब कहीं कुछ भी नहीं चल रही, उनके पीछे चलना,पागलपन है। पुरानों को छोड़ कर नये नेताओं को धारण कर लेना ही बुद्धिमानी है। नये नेताओं नेतियों का ही जमाना आगे कुछ फल दे सकता है।
राजस्थान में सन् 2026 में नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव होंगे और उनमें उम्र दराज के बजाय नये नेता नेतियों का जमाना होगा। उम्र दराज खुद हट जाएंगे तो उनके लिए शुभ होगा और नहीं हटे तो असफल होकर जो स्थिति बची है वह भी खो देंगे। टिकट ही नहीं मिलेंगे तब कोई सामने होते हुए प्रणाम हैलो भी नहीं करेगा।
18 दिसंबर 2025.
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