* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 12 अक्टूबर 2025.
सूरतगढ़ में शराबबंदी आंदोलन अब मरता हुआ नारा रह गया है। होटलों में मयखाने अनेक चल रहे थे कि आज एक और मयखाना खुलने का समाचार मिला। सत्ता नेता भी बधाई देने शुभकामनाएं देने हाजिर हुए। शराब ना पीने पिलाने की शपथ के कार्यक्रम भी चल रहे हैं और दारू पीने वालों की संख्या भी बढ रही है। शराब पीना किसने छोड़ा,कितनों ने छोड़ा, यह कोई शराबबंदीआंदोलनकारी बताता नहीं है। आरोप यह भी है कि आठ बजे शराबकी दुकानें ठेके बंद हो जाने चाहिए। लेकिन चोरी छिपे बेचने वालों को पकड़ना भी जरूरी है। इतना तो होना ही चाहिए कि जो शराबबंदी आंदोलन चलाए समिति में हो,वह तो ना पिए।
* राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर आमरण अनशन में अपने प्राण त्याग देने वाले सूरतगढ़ के विधायक गुरूशरण छाबड़़ा की प्रतिमा भी राजकीय चिकित्सालय के मुख्य द्वार के पास स्थापित है और वह निरंतर अनदेखी के कारण वह बगीचा उजड़ रहा है। उसे देखने तक की फुर्सत शराबबंदी आंदोलनकारियों को नहीं है। सूरतगढ़ में शराबबंदी नशामुक्ति हालात देखते अब नारा नाटक बन गया है।०0०
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