* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 15 अगस्त 2025.
आपातकाल का सूरतगढ़ (राजस्थान) में विरोध कर लोकतंत्र की बहाली के लिए आंदोलन करने वाले लोकतंत्र सेनानियों ने आज स्वतंत्रता दिवस के जिला समारोह में भाग लिया।
सूरतगढ़ में आपातकाल के विरोध में राजस्थान की एकमात्र सभा हुई थी। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 की आधी रात में आपातकाल की घोषणा की और 26 जून को यहां रेलवे स्टेशन के सामने दोपहर बाद सरकार को चुनौती देने वाले भाषणों से सभा हुई। उसके बाद संघर्ष शुरू हुआ। उस संघर्ष में जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों
सरदार गुरनाम सिंह कम्बोज (93)
करणीदानसिंह राजपूत( 80)
मुरलीधर उपाध्यक्ष (75 ) ने एवं
वीरांगना लक्ष्मी ( हरिराम चीनिया ) और
गुड्डी ( पत्नी हनुमान पुरी) ने जिला समारोह मे भाग लिया। गुरनाम सिंह और मुरलीधर उपाध्याय ने आपातकाल व इंदिरा गांधी के विरोध में नारे लगाते हुए गिरफ्तारी दी थी और जेलों में बंद रखे गए।
करणीदानसिंह राजपूत को विरोध में लेख आदि लिखने के कारण निशाना बनाया गया। अखबार भारतजन पर सेंसर लगाया, खबरें काटी और रोकी जाने लगी। अखबार के विज्ञापन रोके गए और फिर अखबार जब्त भी किया गया। जार्ज फर्नांडिस के अखबार प्रतिपक्ष की रिपोर्टिंग से भी सरकार नाराज थी। फर्नांडिस पर डायनामाइट केस बनाया गया औरराष्ट्र द्रोह में मौत की सजा फांसी देने की ओर मामला चलाया जा रहा था लेकिन ले सभी आपातकाल समाप्ति के कारण बच गये। उसी केस के अभियुक्त के. विक्रम राव से करणीदानसिंह राजपूत सम्मानित भी हुए। करणीदानसिंह को श्रीगंगानगर में गिरफ्तार किया गया। आरोप लगाया गया कि पब्लिक पार्क में आपातकाल और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का विरोध करते भीड़ इकट्ठी कर रखी थी। 30 जुलाई 1975 से 3 दिसंबर 1975 तक गंगानगर जेल में बंद रहे।
हरिराम चीनिया को संगरिया में गिरफ्तार किया व श्रीगंगानगर जेल में बंद रखा गया था। हनुमानपुरी ने सूरतगढ़ में नारे लगाते गिरफ्तारी दी थी और बीकानेर जेल में बंद रखे गए थे। सूरतगढ़ के कुछ आपातकाल विरोधियों और उनकी वीरांगनाओं ने आजस्वतंत्रता दिवस जिला समारोह में शुरु से समापन तक भाग लिया। ये सभी आपातकाल विरोध की सभा से जुड़े थे।०0०
०००