* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ के सुभाष चौक और महाराणा प्रताप चौक के बीच में एक मित्र निरंजन सिंह भारतीय से भेंट हो गई या कहूं कि भारती ने भेंट करली। महाराणा प्रताप चौक से आगे सुभाष चौक की तरफ पैदल आगे बढ रहा था कि लगा किसी ने पीछे से कंधे को छुआ है। कुछ क्षणों के बाद फिर कंधे पर स्पर्श हुआ तब पीछे मुड़ कर देखा तो पुराना मित्र निरंजन भारतीय खड़ा मिला। अचानक की यह भेंट कुछ बातें हुई और सोचा फोटो खिंचवालें। गजब का चांस हुआ। ब्लास्ट की आवाज के संपादक महेंद्र जाटव आ पहुंचे। उनका परिचय निरंजन से कराया और महेंद्र से फोटो खिंचवाया। 2 मई 2025 की रात के 8 बजकर 53 मिनट पर यह फोटो हुई।
निरंजन से सन् 1972 में सूरतगढ़ में ही परिचय हुआ। हनुमान सिंह सिसोदिया कंपाउंडर निरंजन को लेकर आए थे। निरंजन भी पत्रकारिता में आने के ईच्छुक थे इसलिए हनुमानजी ने मिलवाया था। ऐसे यह मित्रता शुरू हुई।
निरंजन ने दैनिक नवज्योति में संवाददाता के पद पर कार्य किया लेकिन बाद में वन विभाग में सरकारी नौकरी में चले गए। अनूपगढ़ क्षेत्र में ही वन विभाग में ड्युटी लगी। अभी पांच छह साल पहले 'वनपाल' पद से सेवा निवृत्त हुए हैं।
*अनूपगढ़ में रहते हैं और अपने मिलनसार स्वभाव से लोकप्रिय हैं।
दि.2 मई 2025.०0०
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