शनिवार, 17 मई 2025

डुंगर गेदर की लोकप्रियता घटी मगर भाजपा की नहीं बढी.कड़वा सच्च.लोग हैरान परेशान.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *


"कांग्रेस के डुंगरराम गेदर,राजेंद्र सिंह भादु को भाजपा के रामप्रताप कासनिया और अशोक नागपाल को भ्रष्टाचार भ्रष्टाचारियों घोटालों और सरकारी विभागों के निकम्मे अधिकारियों से अव्यवस्थाओं से कोई शिकायत नहीं है।"

कांग्रेस से भारी मतों से जीत कर सूरतगढ़ के  विधायक बने  डुंगरराम गेदर की लोकप्रियता गिरने  की हर ओर चर्चा है। चुनाव में जो असंख्य लोग डुंगर डुंगर करते थे वे अब साथ नहीं है। अनेक पछतावा भी कर रहे हैं कि डुंगर पहले जैसा नहीं रहा। कांग्रेस का न केंद्र में राज है और न राजस्थान में राज है। सूरतगढ़ में मील कांग्रेस का दबदबा रहा लेकिन अब कुछ भी नहीं है। डुंगर कांग्रेस में डुंगरराम खुद है और गिनती के लोग हैं। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष परसराम भाटिया डुंगरराम के साथ हैं। कांग्रेस में पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू भी हैं लेकिन पार्टी में गेदर को ही पूछा जा रहा है। 

*आश्चर्य यह भी है कि संस्कार वान भाजपा नेताओं की लोकप्रियता भी कहीं ऊंची चढती दिखाई नहीं दे रही, जबकि भाजपा के मोर्चे और हिंदूत्व की मशाल जगाए संगठन साथ हैं। डुंगरराम गेदर की लोकप्रियता गिर रही है तो भाजपा की ऊंची चढनी चाहिए लेकिन ऐसा लोगों को दिखाई नहीं दे रहा। भाजपा में आपसी खींच तान से बुरा हाल है और किसी को भी आम जन की समस्याओं की परेशानियों की परवाह नहीं है।

* भाजपा यहां दो बड़े खेमों में बंटी है। 

पूर्व विधायक अशोक नागपाल सतीष पूनिया के नेतृत्व से जुड़े हैं तो पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया राजेंद्र सिंह राठौड़ का नेतृत्व मानते हैं। 

* सूरतगढ़ भाजपा में शामिल हुए नेता कार्यकर्ता जो कांग्रेस या अन्य दलों को छोड़कर आए उनकी चर्चा सूरतगढ़ शहर में ही नहीं है सो विधानसभा क्षेत्र में चर्चा होने की सोच ही नहीं सकते। उनके नामों का उल्लेख करने का कोई अर्थ ही नहीं है। ये खुद को नेता समझते रहें लेकिन ये अपने आवासों से बाहर कहीं नहीं हैं।

* पिछले चुनाव में पराजित नेतृत्व करेंगे की भाजपा की नीति के तहत रामप्रताप कासनिया की चलती है। कासनिया के पास अपना पुत्र संदीप कासनिया और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा है। नागपाल के पास या कासनिया के दूसरी ओर तीन पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष हैं जिनमें आरती शर्मा, काजल छाबड़ा, जगदीश मेघवाल हैं।

* कासनिया और नागपाल एक पूर्व है तो दूसरा पश्चिम है। एक राय नहीं है इसलिए भाजपा यहां एक पार्टी तो है, इतना माना जा सकता है। भाजपा की इस हालत के कारण यहां लोगों के काम नहीं हो रहे। लोग दफ्तरों के चक्कर पर चक्कर लगाकर परेशान हैं। नगरपालिका अधिकारियों ने शहर की दुर्दशा कर रखी है। उपखंड अधिकारी कार्यालय में तहसील कार्यालय में,राजस्व विभाग से लोग निराश हैं। पुलिस भी चोरियां रोकने में नाकाम रही है।  डबल ईंजन सरकार में स्थानीय नेताओं, संगठन पदाधिकारियों की निष्क्रियता है। नगर मंडल और देहात मंडलों के अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों का किसी कार्यालय में जनहित कामों के लिए कोई पत्र नहीं है। पैसा दो और काम कराओ। यह जनता की मजबूरी है। अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन बहुत हैं लेकिन उससे संतुष्टि नहीं है। भाजपा नगर मंडल के अध्यक्ष और पदाधिकारियों को सरकारी विभागों और वहां जनता के कौनसे काम होते हैं कि जानकारी ही नहीं है। जब विभागों की जानकारी नहीं हो तब ये जनहित के लिए पत्र लिखेंगे की आशा ही व्यर्थ है। पार्टी ऊपर से प्रदर्शन बैठकें आदि की सूचना देगी, बस उतना ही काम कर, फोटो प्रकाशित प्रसारित करवा कर अपनी अपनी पीठ थप थपा लेंगे।

👌 आम लोगों के लिए दुखद समाचार यह है कि  नई-नई कॉलोनियों के गलत नियम विरुद्ध हो रहे निर्माण में नेताओं के पुत्र व परिवार जन हिस्सेदारी कर एकाकार हो रहे हैं, वहां कोई पार्टी नहीं है न कोई नीति है,न कोई आपसी विरोध है। सभी का खाना पीना साथ साथ होता है।अवैध निर्माणों पर बड़े घोटालों पर भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर हर नेता नेतियां चुप हैं। 

कांग्रेस के डुंगरराम गेदर,राजेंद्र सिंह भादु को भाजपा के रामप्रताप कासनीया और अशोक नागपाल को भ्रष्टाचार भ्रष्टाचारियों घोटालों और सरकारी विभागों के निकम्मे अधिकारियों से अव्यवस्थाओं से कोई शिकायत नहीं है।०0०

सूरतगढ़ की राजनीति.

17 मई 2025.

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