शनिवार, 31 मई 2025

मृत सफाई कर्मियों का लाखों रूपया वारिसों को भुगतान नहीं हुआ.

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 31मई 2025.

नगर पालिका सूरतगढ़ में मृत सफाई कर्मचारियों  के वारिस वाल्मीकि  परिवारों का लाखों रुपया नगरपालिका में दबा पड़ा है। करीब 30 लाख से अधिक रूपया है। वाल्मीकि परिवारों को रुपया देने के लिए रिकॉर्ड तैयार नहीं किया जा रहा। स्थापना शाखा में रिकॉर्ड और एकाउंट्स मेंटेन में गड़बड़ी है जिसकी जिम्मेदारी वहां के प्रभारी की है और इस कारण से तीन चार साल से भुगतान के दस्तावेज नहीं बनाए जा रहे। बिना पैसे के काम करने को कोई राजी नहीं, यदि ईमानदारी से काम किया जाता तो वारिसों को रूपयों का भुगतान समय पर हो जाता।

हर मृतक परिवार के अनुमानित सात आठ लाख रूपये पड़े हैं और लापरवाही यह है कि जिम्मेदार अधिकारी स्टाफ पर एक्शन नहीं ले रहे। 

👌 इसके अलावा करीब 150 कर्मचारियों का जो रूपया वेतन में से काटा वह पीएफ,पेंशन फंड आदि में जमा नहीं करवाया गया। प्रत्येक कर्मचारी के 1लाख 50 से 2 लाख रूपये तक हैं।*

* स्थापन्न शाखा में सारा रिकॉर्ड संधारण होता है जहां मंत्रालयिक कार्य से एकदम अनजान दमकल की फायरमेन श्रीमती सुप्रभा को लगाया हुआ है। सरकारी आदेश है कि दमकल कर्मचारियों को अन्यत्र नहीं लगाया जाए,लेकिन यहां सरकारी आदेश की अवहेलना की गई। सुप्रभा स्थापन्न शाखा का क ख ग भी नहीं जानती। इस कमी को मृत कर्मचारियों के परिवार भोग रहे हैं।

* सेवा निवृत्ति से 6 माह पहले पेंशन आदि व रूपये संबंधी हिसाब के संपूर्ण कागजात तैयार कर दिए जाने का आदेश है मगर वह भी यहां पालन नहीं हो रहा है। सेवानिवृत्त भी संभाले देखे जाने जरूरी है। 

* सारा मिला कर करीब 1करोड़ से अधिक रूपयों का हिसाब किताब मेंटेन में कागजात बने नहीं हैं।

 इस घोर लापरवाही के लिए अधिशासी अधिकारी, लेखाधिकारी और स्थापन्न शाखा प्रभारी सीधे जिम्मेदार हैं। इनके ऊपर है क्षेत्रीय उपनिदेशक स्थानीय निकाय बीकानेर जिनकी भी है जिम्मेदारी।

* सूरतगढ़ में भाजपा सरकार का राजकाज योजनाएं की देखरेख करने वाले पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया की जिम्मेदारी बनती है कि मृत कर्मचारियों का रूपया अति शीघ्र उनके वारिसों को भुगतान हो तथा स्थापन्न शाखा से तुरंत ही सुप्रभा को हटाकर दमकल शाखा में भेजा जाए। यह गड़बड़ी उजागर होने के बाद अब आगे एक दिन भी नहीं चलनी चाहिए।


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पटवारी 1500 रू. रिश्वत लेते गिरफ्तार.

 


* करणीदानसिंह राजपूत *
दि. 30 मई 2025.
ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर ए.सी.बी. (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) भीलवाडा-प्रथम द्वारा आज कार्यवाही करते हुये बबलू धोबी निवासी ग्राम कादीसहना पुलिस थाना शाहपुरा जिला भीलवाडा पटवारी पटवार हल्का लसाडिया तहसील शाहपुरा जिला भीलवाडा को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
* परिवादी से उसके पिता के नाम ग्राम लसाडिया में खसरा नम्बर 291, 414 एवं 535 कुल 6 बीघा भूमि का पिताजी की मृत्यु के उपरान्त परिवादी के परिजनों के नाम विरासत से इन्तकाल खुलवाने के लिये पटवारी बबलू धोबी पटवारी से दिनांक 22.04.2025 को तहसील कार्यालय में मिला था।
* पटवारी ने दस्तावेज ऑनलाईन करवाने एवं आगे की कार्यवाही करने के लिए  2000 रूपये रिश्वत की मांग की।
परिवादी ने एसीबी से संपर्क किया।  एसीबी ने रिश्वत राशि मांगने का सत्यापन करवाया।
* सत्यापन में पटवारी ने 500 रूपये ले लिए। शेष रिश्वत राशि 1500 रूपये दिनांक 30.05.2025 को  लिए । तहसील कार्यालय शाहपुरा में रिश्वत राशि बरामद की गई।
जिस पर एसीबी अजमेर रेंज के उप महानिरीक्षक श्री कालुराम रावत के सुपरवीजन में ए.सी.बी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भीलवाडा-प्रथम के नेतृत्व में आज दिनांक 30.05.2025 को श्रीमति कल्पना पुलिस निरीक्षक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भीलवाडा-प्रथम ने ट्रेप कार्यवाही करते हुए आरोपी द्वारा 1500 रूपये की रिश्वत राशि परिवादी से प्राप्त की गई जिसे आरोपी की पेन्ट की जेब से बरामद की गई ।

👌एसीबी से डरें.अपने वेतन पर ऐश करें.आपके पास कितने आवेदन महीनों से क्यों पड़े हैं? रिश्वत लेने के लिए हैं,दलाल के साथ ही नंबर लग जाएगा. गिरफ्तारी का।👌

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बालविकास विभाग लेखाधिकारी घूस लेते गिरफ्तार.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग द्वारा लगातार रिश्वत लेने वालों की गिरफ्तारियां जनता में चर्चा का विषय बनी हुई है। नया मामला गोगुंदा का है। 

* भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की टीम ने बाल विकास विभाग की लेखा अधिकारी नूतन पांड्या  को ₹5000 लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। एसीबी के इंस्पेक्टर नरपत सिंह ने यह कार्रवाई संपन्न की।

*  नूतन पांड्या ने बहुत बड़ी निर्दयता की आंगनवाड़ी में काम करने वाली दो कार्यकर्ताओं से रिश्वत ली। नौ हजार रूपये तय हुए जिसमें से 4 हजार रू. उसने पहले ले लिए और 5 हजार लेते ही पकड़ी गई।

आंगनबाड़ी की 2 कार्यकर्ताओं को  7 माह से अक्टूबर 2024 से वेतन नहीं मिला था। उन्होंने  कार्यालय से वेतन बनवाने के लिए  लेखा अधिकारी नूतन पांड्या से 23 मई को बातचीत की। नूतन पांड्या ने दोनों से कहा 4500-4500 कुल ₹9000 लगेंगे। उसने ₹4000 ले लिए और ₹5000 लेने के लिए दबाव डालने लगी। परेशान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एसीबी से संपर्क किया। एसीबी ने अपनी कार्रवाई शुरू की। बाल विकास विभाग के दफ्तर में लेखा अधिकारी नूतन पांड्या ने 30 मई को 5 हजार रू लिए उसी समय ईशारा होते ही एसीबी ने छापा मारा और पांड्या को गिरफ्तार किया।

👍एसीबी से डरें.अपने वेतन पर ऐश करें.आपके पास कितने आवेदन महीनों से क्यों पड़े हैं? रिश्वत लेने के लिए हैं,दलाल के साथ ही नंबर लग जाएगा. गिरफ्तारी का।👌

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शुक्रवार, 30 मई 2025

अरूट जयंती. हमारे बुजुर्ग हमारे आदर्श. सूरतगढ़ में शानदार कार्यक्रम.

 


* करणीदानसिंह राजपूत * 

सूरतगढ़ 30 मई 2025.

अरोड़ वंश के आदि प्रवर्तक महाराज अरूट की जयंती यहां हमारे बुजुर्ग हमारे आदर्श के रूप में मनाई गयी जिसमें बुजुर्गों का सम्मान किया गया। अरोड़ वंश कल्याण समिति की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में एक कल्याण रथ का उद्घाटन शराबबंदी नशामुक्ति आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा छाबड़ा से कराया गया। 

कार्यक्रम की शुरुआत अरूट जी के चित्र सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अरोड़ वंश कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक भाटिया, पूर्व विधायक अशोक नागपाल, पूजा छाबड़ा, नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष काजल छाबड़ा, नागरमल बाघला, सुरेंद्र छाबड़ा, डा.टी.एल.अरोड़ा पूर्ण कवातड़ा आदि अरूट जी के पूजन में शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रतिभावान विद्यार्थियों को भी सम्मान प्रदान किया गया।








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बड़ा घपला:सोशल मीडिया ब्रेकिंग न्यूज़ तारीख समय नहीं बताते.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

बड़े बड़े पत्रकारों के यूट्युब और फेसबुक पर न्यूज चैनल चलते हैं। ब्रेकिंग न्युज,अभी अभी,ताजा समाचार आदि से जो बताया जाता है जो सुनाया जाता है। उसमें घटना का दिन और समय कभी नहीं बताया जाता। कोई रिपोर्ट हो चाहे कोई अदालती फैसला हो।

वह कभी देखें उसमें अभी अभी ही आएगा।

30 मई 2025.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार,(राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत आजीवन)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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हिंदी पत्रकारिता में भी भ्रष्टाचार का प्रवेश.तथ्य प्रमाण.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *


हिंदी पत्रकारिता दिवस पर बधाईयों शुभकामनाओं  के संदेश पत्रकारों को दिए जा रहे हैं। पत्रकार भी एक दूसरे को शुभकामनाएं दे रहे हैं। इस दिवस पर  यह जानना भी जरूरी है कि हिंदी पत्रकारिता में भी अनेक प्रकार से भ्रष्टाचार प्रवेश करा दिया गया है।  खुद के लाभ के लिए अनेक प्रकार के गड़बड़ घोटाले करने में अनेक हिंदी समाचार पत्रों के मलिक कोई शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं। हिंदी अखबारों में आज संवाददाता ठेका पद्धति पर अनुबंध पर काम कर रहे हैं। समाचार पत्र उन्हें कोई वेतनमान देना नहीं चाहता इसलिए समाचार पत्रों के मालिकों ने अपनी ही अलग श्रमिक उपलब्ध कराने वाली कंपनियां बना दी है। अखबारी लाइन में जो काम करना चाहते हैं वे उन कंपनियों के माध्यम से अखबार में काम करते हैं। संपादक उप संपादक संवाददाता व अन्य कर्मचारी नियुक्त करते हैं। जिस दिन नहीं बनी उस दिन उसकी छुट्टी हो जाती है।* पत्रकारों के लिए वेतनमान तय करने के लिए जो आयोग गठित हुए उनकी रिपोर्ट समाचार पत्रों ने लागू नहीं की और अपने-अपनी कंपनियों बना दी। यह अनुबंध हर वर्ष कुछ राशि बढ़ाता है।

* समाचार पत्रों के प्रबंधन मालिकों के विरुद्ध कदम उठाकर संघर्ष किए जा सकते हैं। अपनी आवाज पर काम कराने के लिए एकता जरूरी है। सारे संवाददाता सारे संपादक विभिन्न समाचार पत्रों में काम करने वाले यदि एक निश्चित दिन तय कर अनिश्चित दिन मांग पूरी होने तक हड़ताल काम बंद करें तो सफलता मिल सकती है। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है जब तक एकता प्रदर्शित नहीं हो तब तक सफलता नहीं मिल सकती।

* समाचार पत्रों के समूह मलिक यह कहते मिलते हैं कि सभी के लिए  वेतनमान लागू करने के लिए बहुत बड़ी रकम चाहिए जो नहीं है लेकिन उनकी खुद की धन संपदा हर साल करोड़ों रुपए बढ़ जाती है। वह कैसे बढ़ती है? क्या उसमें कर्मचारियों का कोई रोल नहीं होता? यह विचारणीय बिंदु है? इस बिंदु पर अखबारों के मालिक काम करना तो दूर रहा सोचना भी नहीं चाहते। यदि उन्हें भनक पड़े की कोई कर्मचारी सर उठा रहा है तो तुरंत उसका स्थानांतरण दूर कर देते हैं या फिर हटा ही देते हैं। कोई भी कमी निकाल कर हटा सकते हैं। एक ही शब्द वाक्य है कि आपकी परफॉर्मेंस ठीक नहीं है। 

👍अब हम एक और पक्ष को भी रखना चाहते हैं कि अखबारी लाइन में अनेक वे लोग भी आ गए हैं जिनकी समाचारों से कोई रुचि नहीं है। वे सरकारी स्तर पर जो लाभ मिलते हैं केवल वे लाभ विज्ञापन का बस यात्रा का चिकित्सा सुविधा का लेना चाहते हैं। भूखंड का भी लाभ ।

 समाचार पत्र निकालना प्रतिष्ठा भी माना जाता है और इसके लिए भी समाचार पत्र लाईन में प्रवेश कर लेते हैं। इनके अखबार उस संख्या में नहीं निकलते जो रिकॉर्ड घोषित है। आय व्यय सभी फर्जी।

सरकार ने अवैध कार्य रोकने के लिए नियम तो बहुत बनाए हैं लेकिन फिर भी चोर दरवाजे हैं। * डिक्लेरेशन यानि घोषणा पत्र में हिन्दी भाषा लिखा है लेकिन अखबार किसी और यानि दूसरी भाषा में छापा जा रहा है।

अखबार आजकल डिजिटल रूप से इंटरनेट पर डाल दिए जाते हैं और वास्तविक ग्राहक नहीं है। केवल फर्जी आंकड़े दिखाए जाते हैं। यहां प्रश्न है लघु दैनिकों का जो अधिकांश गड़बड़ में हैं। डिजिटल रंगीन डाला जाता है जबकि अखबार काली स्याही प्रिंट होता है। मतलब यह भी एक धोखा।

 * साप्ताहिक पाक्षिक अखबार हैं जो जितनी प्रतियां दिखाते हैं उतनी प्रिंटिंग प्रेस से निकलती नहीं है। 

* अधिस्वीकरण यानि मान्यता के लिए सरकार ने नियम निकाल रखे हैं लेकिन उन नियमों में भी तोड़मरोड़ करके किसी तरह से खुद को अधिस्वीकृत करा ही लेते हैं, अपने मित्रों को भी फर्जी अधिस्वीकरण के लिए चलाना चाहते हैं। 

* राजस्थान सरकार ने स्वतंत्र पत्रकार नवीनीकरण के लिए इस बार सख्ती की जिस कारण से 2 साल के समाचारों की 36 कटिंग अनिवार्य कर दी। जिन्होंने न्यूज़ की कटिंग पूरी नहीं की उन  400 से अधिक संवाददाताओं का  अधिस्वीकरण नवीनीकरण नहीं हो पाया था। अपुष्ट सूचनाएं और चर्चा भी है कि उस्ताद माने जाने वाले कुछ स्वतंत्र पत्रकारों ने गुप्त रूप से अपनी न्यूज़ बनाई और प्रिंटिंग प्रेस में अखबारी रूप में छपाई कि यह फलां अखबार में इस तारीख में छपी। असली अखबार से मिलान कराया जाए। पीआरओ से असली से मिलान की रिपोर्ट करवाई जाए,कुछ पूरे पृष्ठ मांग लिए जाएं तो यह होशियारी ठगी क्या दंड देगी?

 * जन संपर्क विभाग ने जब प्रपत्र भराए थे। उनमें स्पष्ट था कि जिस अखबार से अधिस्वीकरण करा रहे हैं उसके अलावा किसी अन्य में कोई जुड़ाव नहीं है। लेकिन दूसरे में भी कार्यरत हैं और अभी भी हैं। सरकार को झूठी रिपोर्ट भी दे रहे हैं। आखिर उस दूसरे की आय को किस तरह से छिपा रहे हैं। किसी अन्य को अधिस्वीकरण दिलाने के लिए अपने अखबारों में उनके नाम से न्यूज भी लगा रहे हैं। सवाल उठता है कि न्यूज का कितना पारिश्रमिक उक्त संवाददाता को भेजा गया। यह अखबार के खाते में दर्ज होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है। स्वतंत्र पत्रकार की आय भी तो अखबारी लाईन से होनी चाहिए। यदि आय नहीं है तो व्यवसायिक नहीं शौकिया छपना माना जाता है। इसमें अधिस्वीकरण नहीं हो सकता आय का स्रोत पत्रकारिता दिखना होता है।* यहां पर यह भी है कि अनेक अधिस्वीकृत स्वतंत्र पत्रकारों ने सरकार को प्रपत्र में लिखित दिया है कि कहीं पर भी उनका काम नहीं है आजीविका का अन्य स्रोत नहीं है। केवल पत्रकारिता है,लेकिन वे अन्य संस्थाओं में  नियुक्त होते हुए पैसा उठा रहे हैं। यदि सख्त जाचें हों तो फर्जी दस्तावेज पेश करने वाले ऐसे

पत्रकार धोखाधड़ी में आएंगे। ऐसे कुछ वरिष्ठ पत्रकार हर माह सम्मान राशि भी ले रहे हैं जो गड़बड़ी में आगे हैं। पकड़ में आए तब क्या होगा?


👌ऐसे फर्जीवाड़े वाले पत्रकार असल में पत्रकारिता को ही बदनाम कर रहे हैं।अनेक पत्र बाजार में कहीं भी दिखाई नहीं देते केवल गुप्त रूप से छपते हैं फाइल कॉपियां छपते हैं और सरकार से लाभ ले रहे हैं। कुछ लाभ लेना चाहते हैं। सालों से गुप्त। स्वतंत्र पत्रकार का अधिस्वीकरण और दूसरे अखबार में संपादक भी बने हुए। 

*असल में जितने अखबार बाजार में आने चाहिए  एक या दो प्रतिशत ही आ रहे हैं लेकिन सरकार से सारे लाभ लेना चाहते हैं। सच में कहा जाए तो हिंदी पत्रकारिता में भी भ्रष्टाचार का प्रवेश हो गया है। इस कारण से आम लोगों को हिंदी पत्रकारिता से जो लाभ मिलना चाहिए वह मिल नहीं रहा है क्योंकि भ्रष्ट पत्रकार जनता के मुद्दों को जनता की समस्याओं को उठाना नहीं चाहते। सरकार से लाभ लेना चाहते हैं। यह नेताओं और अधिकारियों की चाराजोई करके अपना घर भर रहे हैं। ये फर्जी फाईल कापियां निकालने वाले असली अखबारों का हिस्सा हड़प रहे हैं। ये जनता के हितों के लिए कोई काम नहीं करते।

 इन फर्जी अखबारों और पत्रकारों के विरुद्ध भी कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि भ्रष्टाचारी अखबारी लाइन को छोड़ दें।०0०

30 मई 2025. हिंदी पत्रकारिता दिवस.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकारिता 61 वां वर्ष.

(राजस्थान सरकार से अधि स्वीकृत आजीवन)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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सूरतगढ़ में भ्रष्टाचार भ्रष्टाचारी दलाल बढे.इनके विरुद्ध सख्त नीति.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 30 मई 2025. सूरतगढ़ शहर में विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार बहुत बढ गया है और बिना रिश्वत के सही काम भी महीनों तक लटकाए जा रहे हैं और किए भी नहीं जा रहे। भ्रष्टाचारियों और बिचौलिए दलालों की भी संख्या बढी है क्योंकि इनको पकड़ाने के काम में  लोग अपने स्वार्थों, जानकार होने, रिश्तेदार होने, जाति समाज का होने के कारण आगे आना नहीं चाहते। असल में यहां काम करने जनता को जगाने की आवश्यकता है। इसमें सारा काम ही गुप्त होता है। पीड़ित लोगों का साथ और जन जागरण में लगना आवश्यक हो गया है। 

*साफ सफाई, नाले नालियां, सड़कें,स्ट्रीट लाइट,सड़क अतिक्रमण, सब्जी मंडी अतिक्रमण, आदि उन लोगों पर छोड़ते हैं जो आगे नगरपालिका चुनाव, विधानसभा चुनाव में पद चाहते हैं। वैसे भी ये कार्य सत्ताधारी दल के नेताओं नेतियों कार्यकर्ताओं, विपक्ष आदि को करने की जिम्मेदारी है। इनमें कोई बड़ा होगा तो करेंगे। जनता भी जागे। ०0०





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गुरुवार, 29 मई 2025

सूरतगढ़ में महाराणा प्रताप 485 वीं जयंति. कार्यक्रम.

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 29 मई 2025.

सूरतगढ़ में महाराणा प्रताप की 485 वीं जयंती पर अनेक कार्यक्रम हुए। महाराणा प्रताप चौक पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण हुए। वक्तव्य हुए। क्षत्रिय राजपूत समाज के अलावा विभिन्न समाज और राजनीतिक व्यक्तियों की ओर से कार्यक्रम में भाग लिया गया। मुख्य अतिथि रणवीरसिंह गुढा, सूरतगढ़ के विधायक डूंगरराम गेदर, पूर्व विधायक अशोक नागपाल,राजपूत क्षत्रिय संघ के अध्यक्ष भीखसिंह शेखावत,खुशालसिंह राठौड़, प्रेमसिंह राठौड़ आदि ने माल्यार्पण किया।

  मुख्य अतिथि रणवीर सिंह गुढा,सूरतगढ़ के विधायक डूंगर राम गेदर और पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादु ने वक्तव्य दिया जिसमें महाराणा प्रताप की जीवनी पर अपने विचार रखे। 





*महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर हर्ष शिक्षा ग्रुप के अनिल धानुका,पूजा छाबड़ा, एडवोकेट पूनम शर्मा सहित अनेक लोगों ने माल्यार्पण किया। महाराणा प्रताप जय के नारे नारे लगाए गए। 


*महाराणा प्रताप की जयंती पर राजपूत क्षत्रिय संघ करणी माता मंदिर के प्रांगण में कार्यक्रम आयोजित हुआ। वहां से शोभा यात्रा विभिन्न मार्गो से होती हुई महाराणा प्रताप चौक पर पहुंची। ०0०





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महाराणा प्रताप जयंति.घूस न लेने की सौगंध लें.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

महाराणा प्रताप जयंति ऐतिहासिक दिवस पर घूस न लेने की सौगंध लें.

हम क्षत्रिय राजपूत, सभी वर्गों,सभी जातियों के राज्य कर्मचारी अधिकारी घूस नहीं लेंगे। अपने अपने पदों पर आम जनता का काम पूरी ईमानदारी नेकनियती से नियमानुसार निर्बाध करेंगे,रोकने का प्रयास नहीं करेंगे।

* किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं करेंगे।भ्रष्टाचार  और भ्रष्टाचारी, बदमाश, अपराध लिप्त को किसी प्रकार से सहयोग नहीं देंगे।

* गौ वंश पर अत्याचार करने ,मारने पीटने,वध करने,कत्ल कारखाने चलाने वालों का मांस निर्यातकों का साथ नहीं देंगे। सरकार से कत्लखाने बंद करवाएंगे। नंदियों को दूध मुंहे बछड़ों को घर से बाहर असहाय गलियों में नहीं छोड़ेंगे।

दि. 29 मई 2025.महाराणा प्रताप की 485 वीं जयंति.

* करणीदानसिंह राजपूत.

पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत आजीवन)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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