सूरतगढ़:आयुर्वेद राजकीय चिकित्सालय में हर रोग का उपचार.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 21 दिसंबर 2024.
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति हिंदुस्तान की अत्यंत प्राचीन पद्धति है जिसमें सभी प्रकार के रोगों का उपचार होता है और व्यक्ति को स्वस्थ जीवन मिल जाता है। इस पद्धति से उपचार के लिए सूरतगढ़ में ए श्रेणी का राजकीय चिकित्सालय है जहां हर उम्र के लोग उपचार करवा रहे हैं।
* राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय सूरतगढ़ में अभी सर्दी के मौसम में जुकाम खांसी अस्थमा के रोगी अधिक पहुंच रहे हैं।
* इस चिकित्सालय और रोगों संबंधी जानकारी के लिए दिनांक 20 दिसंबर 2024 को चिकित्सालय में डॉक्टर योगेंद्र सरस्वती मिले।
* उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था के रोगियों को सर्दी का आक्रमण ज्यादा होता है इसलिए वृद्धा अवस्था के स्त्री और पुरुष हृदय मधुमेह जोड़ों के दर्द अस्थमा जुकाम खांसी आदि के लिए अधिक पहुंचते हैं।
* बवासीर भगंदर आदि का उपचार भी होता है।
*वृद्धावस्था में शारीरिक कमजोरी ज्यादा होती है इसलिए रोगों का आक्रमण भी अधिक होने की संभावना रहती है।
योगेंद्र सारस्वत ने जानकारी दी की राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय सूरतगढ़ में पंच कर्म चिकित्सा भी की जाती है। यह चिकित्सा बदन पर स्थानिक रूप से दी जाती है और करीब 150 प्रकार का इलाज पंच कर्म विधि से किया जा सकता है।
*सारस्वत ने बताया कि तनाव ग्रस्त रोगी भी आयुर्वेदिक इलाज के लिए पहुंच रहे हैं इनकी संख्या बहुत सीमित है। आयुर्वेद में तनाव से संबंधित इलाज भी संभव है।
* चर्म रोग खाज खुजली के रोगी भी उपचार करा रहे हैं।
*पेट जनित रोग विशेष करके यकृत संबंधी इलाज भी यहां संभव है। सारस्वत ने कहा कि आयुर्वेद में उपचार का कोई प्रतिक्रिया (साईड इफेक्ट)नहीं होता और उपचार रोग को पूर्ण रूप से खत्म करता है।
सूरतगढ़ के राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय में 2 चिकित्सक और अन्य स्टाफ है।
चिकित्सालय का पता यहां दिया है ताकि लोग आसानी से पहुंच सकें।
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