विवेकानंद स्कूल की भूमि पर राजनीति:ओम कालवा बहाली रिट में शामिल कर उठाने की कोशिश
* करणीदानसिंह राजपूत : राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार की लेटेस्ट रिपोर्ट.
सूरतगढ़ 5 सितंबर 2024.
सूरतगढ में शिक्षा विस्तार के लिए विवेकानंद पब्लिक स्कूल को आवंटित भूमि को राजनैतिक रूप देकर कांग्रेस ने 31 पार्षदों द्वारा रखे प्रस्ताव को गिराने में असफलता के बाद अब ओमप्रकाश कालवा के अध्यक्ष बहाली रिट में शामिल करवाने की कोशिश कर हाईकोर्ट में विरोध करने का आखिरी प्रयास शुरू किया है ताकि कालवा की बहाली को प्रभावित किया जा सके और भूमि आवंटन भी अधर में लटक जाए।
* ओमप्रकाश कालवा की राज्य सरकार द्वारा बहाली किए जाने के विरूद्ध राजस्थान उच्च न्यायालय में लगी हुई रिट पर तारीखें सरकते हुए 6 सितंबर 2024 को सुनवाई में नंबर आने की संभावना है। सूचना है कि कांग्रेस पार्षदों ने अखबारों की न्यूज कटिंग लगाई है लेकिन ये स्वतंत्र न्यूज नहीं है बल्कि इनमें कमेंट्स शामिल हैं जोकि प्रमाणित दस्तावेज नहीं है। न्यायालय नैसर्गिक न्याय के लिए प्रमाणित दस्तावेजों पर सुनवाई और निर्णय करते हैं और इसी कारण से भारतीय न्याय प्रणाली पर विश्वास किया जाता है।
यदि विवेकानंद स्कूल का भूमि आवंटन मामला कालवा बहाली रिट में किसी भी रूप में शामिल होता है तो उस पक्ष को भी सुने बिना कोई निर्णय संभव नहीं हो सकता। यहां आगे विस्तार देने से पहले यह बताया जाना जरूरी है कि विवेकानंद पब्लिक स्कूल राजनैतिक संस्था नहीं है और जाखड़ावाली में जहां एक स्कूल चल रहा है वहां सभी धर्मों जातियों और राजनीतिक लोगों के बच्चे पढते हैं और उसी का विस्तार सूरतगढ में हो रहा है। संस्था की समिति के अध्यक्ष संदीप कासनिया भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया के पुत्र हैं और कांग्रेस इसी का दुष्प्रचार करके भूमि आवंटन का विरोध कर रही है। संस्था को भूमि सन् 1997 में आवंटित है। यदि कांग्रेस इसमें किसी तरह से सफल होती है तो शहर एक शिक्षा संस्था से वंचित हो जाएगा जबकि भारत की शैक्षणिक हालात में शिक्षा संस्थाएं अधिक खुलनी चाहिए।
कांग्रेस पार्षदों का राजनीतिक खेल.
नगरपालिका बोर्ड की बैठक में अन्य सामाजिक संस्थाओं को जमीन देने के प्रस्तावों में 31 पार्षदों की ओर से विवेकानंद स्कूल जमीन का प्रस्ताव था। 28 अगस्त 2024 को विवेकानंद स्कूल का जमीन प्रस्ताव भी भारी बहुमत 26 पक्ष और 7 विरोध में पारित हुआ। विरोध में कांग्रेस के तो केवल 5 पार्षद ही थे। कालवा की रिट लगाने वाला एक पार्षद भी भूमि प्रस्ताव के पक्ष में था।
* नगरपालिका की बैठक में पूर्व मंत्री रामप्रताप कासनिया के पुत्र संदीप कासनिया के जाखड़ावाली स्थित विवेकानंद पब्लिक सेकेंडरी विद्यालय को जमीन आवंटन संबंधी पारित प्रस्ताव को लेकर उच्च न्यायालय में दस्तावेज व अखबारों की कतरन प्रस्तुत की गई है। जिसमें गलत तरीके से जमीन आवंटन का प्रस्ताव रखने का आरोप लगाया गया है।
स्वामी विवेकानंद पब्लिक सेकेंडरी स्कूल जाखड़ावाली को भूमि आवंटन का मामला पिछले 27 वर्षों से चर्चा में बना हुआ है यह मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है। नगर पालिका बोर्ड के 31 पार्षदों की मांग पर रखे गए प्रस्ताव में 28 अगस्त को हुई चर्चा के दौरान याचिका दायर करने वाले कांग्रेस के पार्षद मोहम्मद फारूक, पार्षद परसराम भाटिया, पार्षद बसंत बोहरा, पार्षद श्रीमती तुलसी आसवानी में से पार्षद मोहम्मद फारूक ने बैठक में प्रस्ताव संख्या 7 विवेकानंद पब्लिक सेकेंडरी स्कूल को भूमि देने के प्रस्ताव का समर्थन किया था ।
28 अगस्त को नगर पालिका बोर्ड बैठक में कांग्रेस के पांच पार्षद परसराम भाटिया, बसंत बोहरा, संदीप सैनी, तुलसी आसवानी, कमला देवी और दो निर्दलीय पार्षद परमेश्वरी देवी पुरोहित, विमला मेघवाल ने प्रस्ताव संख्या 7 विवेकानंद पब्लिक सेकेंडरी स्कूल जाखड़ावाली को भूमि देने का विरोध किया था। भूमि देने के पक्ष में कांग्रेस के पार्षद मोहम्मद फारूक, मुमताज अली, रोहिताश धानका, शबनम बानो,लिछमा देवी, दिलीप स्वामी,सुरेश बिश्नोई ने मतदान किया था।
**जबकि कांग्रेस के नगर पालिका उपाध्यक्ष सलीम कुरैशी,परमेश्वरी देवी गोदारा, महेंद्र गोदारा,जसराम टाक, लखविंदर सिंह,भारतभूषण उपाध्याय,रोशनी बानो,मदनलाल बेनीवाल बैठक में अनुपस्थित रहे थे।
** यह मामला कोर्ट में पहुंचने से शहर में राजनीतिक गर्मी बनी हुई है ।
** नगरपालिका अध्यक्ष पद पर मास्टर ओमप्रकाश कालवा की बहाली को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्च न्यायालय में बुधवार को भी सुनवाई नहीं हो पाई,अब शुक्रवार
6 सितंबर को सुनवाई होने की संभावना है।
👍 इस बीच याचिकाकर्ताओं ने पूर्व मंत्री पूर्व विधायक राम प्रताप कासनिया के पुत्र संदीप कासनिया के विवेकानंद पब्लिक सेकेंडरी विद्यालय जाखड़ावाली को जमीन आवंटन संबंधी प्रस्ताव को लेकर हल्फनामा दायर करने की सूचना है।
* सीवरेज के एक भुगतान में गलती होने से न्यायिक जांच के बीच जवाब देने और जांच को प्रभावित नहीं होना मानते हुए निलंबित कालवा को राज्य सरकार ने पिछले दिनों फिर से बहाल कर दिया था। सरकार के इस आदेश को कांग्रेस पार्षद मोहम्मद फारूक, परसराम भाटिया, बसंत बोहरा व तुलसी आसवानी ने उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए याचिका दायर कर रखी है, याचिका पर मंगलवार को नंबर नहीं आने पर बुधवार को सप्लीमेंट्री लिस्ट पर सूचीबद्ध किया गया, लेकिन बुधवार को भी नंबर नहीं आने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई। अब गुरुवार को उच्च न्यायालय में अवकाश होने के कारण शुक्रवार को 6 सितंबर 2024 को सुनवाई होने की संभावना है।
👍 करणी प्रेस इंडिया ब्लॉग में विवेकानंद पब्लिक स्कूल के भूमि संबंधी प्रमाणिक तथ्य पूर्ण रिपोर्ट्स पूर्व में प्रकाशित भी जरूर पढें।
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* करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता 60 वर्ष.
सूरतगढ ( राजस्थान )
94143 81356.
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