* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ 22 सितंबर 2024.
आमजन का साधारण सा एक बड़ा मुद्दा है फल सब्जी में लोगों का सरेआम ठगी का शिकार होना। इस पर लोग ध्यान नहीं दे रहे।
* फुटकर सब्जी विक्रेता चाहे दुकानदार हो चाहे रेहड़ी व पाटा वाले हैं ,प्रत्येक फल सब्जी के दो रेट बताते हैं। किलो का अलग आधा किलो का अलग रेट। आश्चर्य जनक यह है कि फलों के रेट 100 रूपये से बताते हैं। केलों के रेट किलो से बताते हैं।
* तरबूज पपीता क्या अकेला व्यक्ति खा सकता है? जैसे पेठा कोला काट कर देते हैं वैसे ही तरबूज पपीता काट कर दिया जा सकता है।
* मान लें कि एक ही व्यक्ति है तो वह कितने फल सब्जी खरीदेगा? यदि दो हुए तो भी कितने फल या सब्जी खरीदेगा।
* बाजार में सबसे अनुचित यह भी है कि बहुत महंगे लगाकर भी सब्जियां ग्राहक को छांटकर नहीं लेने देते, जबकि उपभोक्ता अधिकार में चयन का अधिकार भी है। जब ग्राहक पूरी कीमत अदा कर रहा है तो अच्छी क्वालिटी की वस्तुएं प्राप्त करने का हक है, लेकिन सूरतगढ़ में सब्जी विक्रेता मनमाना आचरण कर उपभोक्ता को जबरदस्ती घटिया माल पूरी कीमत पर खरीदने पर मजबूर करते हैं। मोहल्लों में सब्जी छांट कर तो लेने देते हैं मगर वे रेहड़ी वाले भाव बाजार से भी अधिक लगाते हैं। तोल में लंगड़ी लगाते हैं वो अलग है। कानूनी रूप से अब साधारण कांटा इस्तेमाल नहीं कर सकते। इलेक्ट्रिक कांटा ही इस्तेमाल करना जरुरी है।
* रासायनों से पकाए फल और सड़े फलों सब्जियों को अधिकारी फिंकवा सकते हैं लेकिन यहां अभी कोई निरीक्षण नहीं हुआ है।०0०
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