कमी:सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन पर सुरक्षा साधन और अधिकारी नहीं:
दुर्घटनाओं और मौतों के जिम्मेदार हैं अधिकारी.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 22 सितंबर 2024.
सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन राजस्थान का महत्वपूर्ण विद्युत उत्पादन का केंद्र है जहां 6 इकाइयां साधारण और दो इकाइयां क्रिटिकल है लेकिन यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों अधिकारियों के लिए सुरक्षा और बचाव के साधन नहीं होने से दुर्घटनाएं और मौतें हो रही है।
* आश्चर्य जनक गंभीर मामला यह है कि इतने बड़े थर्मल प्लांट में सुरक्षा से संबंधित उपकरण ही नहीं अनुभवी और प्रवीण अधिकारी तक नहीं है।
** यहां पर जब दुर्घटना होती है मृत्यु हो जाती है तब अनेक नेता पैदा हो जाते हैं जो मुआवजे के लिए मांग करते हैं धरना प्रदर्शन करते हैं जिससे सारा सिविल प्रशासन और पुलिस प्रशासन सूरतगढ़ से लेकर जिले तक व्यस्त हो जाता है। दो-तीन दिन में जाकर के समझौता होता है तब तक सड़कें रोके जाने से स्थानीय लोग बहुत परेशान होते हैं। अनेक बार मुआवजे का समझौता होने तक मृतक का पोस्टमार्टम तक नहीं होने दिया जाता। नेताओं के रवैया से लगता है कि घटनाएं होने पर भी जागते हैं लेकिन किसी भी नेता ने राजस्थान सरकार से यह मांग नहीं की कि इतने बड़े थर्मल स्टेशन पर बिना सुरक्षा और बचाव उपकरणों के कोई भी कार्य नहीं होगा। सारे साधन होंगे अधिकारी पहले जांच करेंगे और उसके बाद में कार्य शुरू किया जाएगा। अभी तो मौके पर अधिकारी ही नहीं होते।
* आश्चर्यजनक तो यह भी है कि यहां पर सुरक्षा से संबंधित निपुण अधिकारियों और कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े हैं निपुण अधिकारियों कर्मचारियों को लगाया जाना चाहिए जिस पर किसी की भी दृष्टि नहीं है।असल में यहां पर होने वाली हर दुर्घटनाओं के पीछे अगर ऊंचे अधिकारियों की जिम्मेवारी मानी जाए तो मुख्य अभियंता परिचालक मुख्य अभियंता निर्माण और मुख्य महाप्रबंधक की पूरी जिम्मेदारी है। अभी भी लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बाद यह जांच का और समीक्षा का विषय है कि आधिकारिक रिपोर्ट तुरंत तैयार करें की कितने कर्मचारी कम है और कितने प्रकार के साधनों की कमी है। इन सब के अलावा मुख्य महाप्रबंधक का निरीक्षण बहुत जरूरी है।
थर्मल में कुल आठ बॉयलर लगे हैं क्या समय-समय पर जिला केंद्र से बायलर इंस्पेक्टर जांच करने पहुंचता है या केवल खाना पूर्ति होती है? सूरतगढ़ थर्मल में सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों या ठेकेदार कंपनी के अधिकारियों कर्मचारियों सभी के लिए सुरक्षा और बचाव के उपकरण बहुत जरूरी है और उनके बिना किसी भी प्रकार का कार्य नहीं किया जाना चाहिए। पहले सुरक्षा और बचाव के साधन पूर्ण है इसकी ओके की रिपोर्ट होनी चाहिए और उसके बाद कार्य शुरू किया जाना चाहिए। इसके अलावा जितने भी कर्मचारी अधिकारी है उन सब का दुर्घटना बीमा होना बहुत जरूरी है। अगर किसी का बीमा नहीं है तो उसे काम पर रखा ही नहीं जाना चाहिए। प्राइवेट कंपनियां ठेकेदारों की यह पूरी जिम्मेदारी है। सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह पहले हर कामगार का आईडी चेक करें कि उसका बीमा है या नहीं है?
क्या कार्यस्थल पर चिकित्सक और चिकित्सा स्टाफ भी होता है?
थर्मल में होने वाली दुर्घटनाओं और मौतों को बचाया जाना बंद किया जाना बहुत जरूरी है। इसके लिए सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाये जाने भी बहुत जरूरी है। ०0०
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार
( राजस्थान सरकार द्वारा अधिस्वीकृत)
सूरतगढ ( राजस्थान )
94143 81356
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