ओमप्रकाश कालवा की बहाली शीघ्र:तुरंतकराने होंगे ये काम.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 2 अगस्त 2024.
नगर पालिका अध्यक्ष पद पर बहाल होने के तुरंत बाद ही ओमप्रकाश कालवा को कुछ काम प्राथमिकता से तुरंत ही करने होंगे।
शहर की बरसात की पानी निकासी की समस्या जिसमें नालों आदि की गाद निकाल कर सफाई करना और पट्टे बांटने हैं। यह दो काम सबसे पहले होने बहुत जरूरी हैं।पट्टे बांटने के कार्य में तो राजस्थान सरकार ने 8 अगस्त तक की तिथि घोषित कर रखी है लेकिन बरसात के मौसम को देखते हुए जो अव्यवस्था शहर में हुई है, दुकान घर डूबे हैं,उनके लिए नाले नालिया तुरंत साफ कराए जाने बहुत जरूरी है। सड़कें क्षतिग्रस्त हैं इंटरलॉकिंग उखड़े हुए हैं नालों के ऊपर फेरो कवर टूटे हैं उनको भी दुरुस्त करना जरूरी है ताकि बरसात के पानी में किसी को आवागमन परेशानी ना हो और कोई दुर्घटना ना हो।
* उचित समय पर नगर पालिका के ठेकेदारों को भुगतान भी करना बहुत जरूरी है जिसके लिए कहा जाता है कि करीब 8 करोड़ से अधिक की राशि ठेकेदारों की नगर पालिका में बकाया पड़ी है। सूरतगढ़ में जो ठेकेदार हैं उनके लिए यह भुगतान होना बहुत जरूरी है वहीं ठेकेदारों पर अंकुश भी लगाया जाना जरूरी है कि कार्य सही हों।
ंज निर्माण कार्य बीच में ठप्प पड़े हैं उनको भी शुरू करवाया जाना बहुत जरूरी है।
👍 नगर पालिका कार्यालय में जो अव्यवस्था चल रही है उसको भी शक्ति के साथ अधिशासी अधिकारी को आदेशित कर सुधार किया जाना बहुत जरूरी है। अभी हालात यह है कि कांंग्रेसियों की कोई भी मांग हो उसका निस्तारण ऐसे किया जाता है जिससे लगता है कि कांंग्रेसियों का दफ्तर है,उनकी गड़बडिय़ों पर पकड़ होनी और कार्यवाही जरूरी है।
** ओमप्रकाश कालवा को बहाल किए जाने के अलावा सरकार के पास में अन्य कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जिसके कारण और अधिक दिन सस्पेंड रखा जाए। पहले भी बहुत समय बीत चुका है, जिसका नुकसान इस शहर को हुआ है।
* कालवा के विरुद्ध शिकायतें करने वाले खुद प्रमाणित आरोपों से घिरे हुए हैं बल्कि उन पर आरोप भी प्रमाणित हैं। भाजपा के ही दो चार कार्यकर्ता जिनमें कोई अधिक पावर नहीं मानी जा रही उन लोगों ने कांग्रेसियों के साथ मिलकर ओमप्रकाश कालवा का विरोध किया और अभी सरकार के ऊपर भी दबाव डालने की कोशिश की लेकिन उनकी चालें सफल नहीं हो पाई।
* राजस्थान उच्च न्यायालय के डबल बेंच की ओर से ओमप्रकाश कलवा की याचिका पर जो फैसला दिया गया उसके अनुसार राजस्थान सरकार को एक फ्रेश आदेश जारी करना है। फ्रेश आदेश ओमप्रकाश कालवा के अलावा किसी अन्य का नहीं हो सकता। किसी भी समय ओमप्रकाश कालवा के पक्ष में अध्यक्ष पद पर बहाली के आदेश स्वायत शासन विभाग द्वारा जारी किए जा सकते हैं। ओमप्रकाश कालवा के बहाली आदेश से कालवा किसी भी समय कुछ घंटों बाद ही चेयरमैन की कुर्सी पर बैठ सकते हैं। इससे विरोधियों विधायक डुंगरराम गेदर कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष परसराम भाटिया को बड़ा झटका लगेगा। परसराम भाटिया को 120 दिन अध्यक्ष पद मिला और उसमें अनेक गलत कार्य किए जिससे नगरपालिका कोष को हानि हुई। भाटिया ने फर्जीवाड़े में अनेक पट्टे जारी किए।ओमप्रकाश कालवा बहाल होने के बाद भाटिया के भ्रष्टाचार उजागर करेंगे यह संभावना मानी जा रही है।०0०
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