* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 5 जुलाई 2024.
सूरतगढ़ सिटी थाने में प्रदीप शर्मा पर आर्म्स एक्ट में दर्ज मुकदमे (24 जून) को झूठा बताते विधायक डूंगरराम गेदर ने सरकार को धमकी भरी घोषणा की कि शनिवार 6 जुलाई तक थानाधिकारी सुरेश कस्वां को जांच के दौरान सूरतगढ़ से हटाया नहीं जाएगा तो वे धरने पर शामिल होंगे धरने पर बैठेंगे। महाराणा प्रताप चौक पर आज से अनिश्चित कालीन धरना शुरू हो गया है। आज दिन में 12 बजे तक बाजार बंद रहा। धरना स्थल पर भाषण हुए।
*आर्म्स एक्ट प्रकरण: सुरेश कस्वां के समर्थन में सभा
सूरतगढ़ में इंदिरा पार्क में भी एक सभा हुई जिसमें पुलिस का थानाधिकारी सुरेश कस्वां का समर्थन किया गया। सभा में घोषणा की गई कि समर्थन में सोमवार सुबह 10 बजे उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। इस सभा में
रतन पारीक, हरबक्श बराड़,किसान नेता राजेश भादू, हरी बेनीवाल, देवेंद्र बिश्नोई, संजय थोरी, कालू थोरी, आदि ने संबोधित किया।
भाषाओं में कहा गया कि कुछ लोग जाट बिरादरी के अधिकारियों को टारगेट कर रहे हैं लेकिन साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा।
👍 सूरतगढ़ सिटी थाने में प्रदीप शर्मा पर आर्म्स एक्ट में दर्ज मुकदमे (24 जून) को झूठा बताते
हुए ब्राह्मण धर्मशाला में 1 जुलाई को विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक हुई और उसी दिन एसपी गंगानगर को भेंट कर एक मांगपत्र जांच के लिए प्रदीप शर्मा की ओर से एसपी को दिया गया। बताया गया कि एसपी ने बडे ध्यान से सुना और उसी समय जाच सीओ गंंगानगर को सौप दी।एसपी ने कहा कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इसके अगले ही दिन 2 जुलाई को प्रदर्शन करते हुए अतिरिक्त जिलाकलेक्टर को एक मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया।
* एसपी को सौंपे गये पत्र और मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र के बाद जांच के लिए इंतजार भी नहीं किया गया। चार जुलाई को बंद की घोषणा कर दी गई कि 5 को सूरतगढ़ बंद और धरना शुरू किया जाएगा। आज पांच जुलाई को प्रदीप को न्याय दिलाने मुकदमे से निकालने की मांग से महाराणा चौक पर अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया गया तो दूसरी तरफ पुलिस के पक्ष में भी लोग मैदान में उतर आए।
👍 सवाल-झगड़ा होता है सरदारपुरा खर्था में दोनों पक्षों में तालमेल हो जाता है। आरोप लगता है की कनवानी गांव तहसील रावतसर के प्रदीप शर्मा को आर्म्स एक्ट में पुलिस ने फंसाया और बाजार बंद करवाते हैं सूरतगढ़ का। यहां के दुकानदारों ने क्या गुनाह किया जो नुकसान उठाएं? बाजार बंद करवाने वाले नेताओं लोगों की दुकान व्यवसाय नहीं। व्यापारिक संस्थाओं के अध्यक्ष सवालों के घेरे में हैं कि बताएं सूरतगढ़ के दुकानदारों को क्यों हुआ बंद का नुकसान और परेशानी? जांच शुरू होने से पहले ही बंद की स्वीकृति क्यों?
* विधायक डुंगरराम गेदर कांंग्रेस के हैं और सरकार को चेतावनी देने से मामला अजीबोगरीब हो गया है कि सरकार भाजपा की है। जांच की मांग की गई और जांच शुरू होने से पहले ही आंदोलन किस इशारे पर शुरू हुआ? प्रदीप शर्मा पुलिस की हवालात कस्टडी में नहीं और न जेल में था कि उसको बाहर निकालने के लिए आंदोलन जरूरी था। आखिर सूरतगढ़ को सुलगाने की राजनीति क्या है जिसमें अब डुंगरराम गेदर भी कूद गये हैं। भाजपा के नगरमंडल पदाधिकारी अध्यक्ष सुरेश मिश्रा आदि क्या कांंग्रेस के विधायक डुंगरराम गेदर के निर्देश आवाज नारे पर चलेंगे? भाजपा सरकार मुर्दाबाद के नारे लगे तब साथ देंगे?
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करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क सचिवालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356
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