शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024

मोदीजी को तीसरी बार पीएम नहीं चाहती जनता:भाजपा में नयी ताकत उभरना संभव.

 


* करणीदानसिंह राजपूत *


प्रधानमंत्री पद पर दो बार में 10 साल तक बैठे नरेन्द्र मोदी को अब तीसरी बार पीएम बनाने का जनता का मन बिल्कुल ही नहीं है। 

मोदीजी के 10 साल के काल में भ्रष्टाचार और घोटाले हुए हैं वे एक एक कर सामने आते जा रहे हैं। हालांकि इनके समाचारों को रोकने के भरसक प्रयास किए गये। अखबारों और चैनलों का मुंह बंद कर दिया गया। राष्ट्रभक्त लोगों ने मुकदमों और जेलों के फैलाये भय के होते निर्भिकता से घोटालों भ्रष्टाचारों की रिपोर्ट्स जनता के सामने इस तरह से एक एक करके खोलदी कि मोदी और भाजपा के प्रति आकर्षण कम होता जा रहा है। 

मोदीजी के भाषण नफरत फैलाने वाले माने जा रहे हैं।विज्ञापन रोकने का दबाव बना कर देश के अखबारों और चैनलों का मुंह   बंद कर दिया गया है जिसके कारण लोग सच्च के लिए विदेशी चैनल और अखबार देख रहे हैं।

मोदीजी को मालुम हो रहा है कि जनता में नाराजगी है और बढ रही है।वे इसे कांंग्रेस व अन्य दलों के आरोप बता रहे हैं मगर लोकसभा चुनाव 2024 में डरे हुए हैं। यह डर उनके विचलित भाषणों में झलक रहा है। 


प्रधानमंत्री के भाषण राष्ट्र के लिए बहुत गंभीर होने चाहिए जिनमें भविष्य की उन्नति की कोई बात हो। मोदीजी अपने भाषणों में विपक्ष को घटिया से घटिया शब्दों में कोसते हैं ओर नफरत फैलाने के शब्दों का उपयोग करते हैं। देश अनपढ और गंवारों का नहीं रहा है कि मोदीजी जो कहे उसे मानते रहें। लोगों के सब समझ आ रहा है। मोदी जी के भाषाओं की नफरत लोगों को भाजपा से दूर कर रही है। 

भाजपा के अन्य बड़े नेताओं को भी समझ आ रहा है और ऐसे नेताओं में नितिन गडकरी स्पष्टवादिता के कारण लोकप्रिय होते जा रहे हैं। मोदी जी के विरुद्ध भाजपा में अलग से ताकत का निर्माण हो सकता है। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद भाजपा संगठन में भी बड़ा बदलाव हो सकता है।


👌इस भय के कारण ही दो बार आसानी से जीतने वाली पार्टी नेता को तीसरी बार जीतने के प्रयास के लिए कांग्रेसियों,भ्रष्टाचारियों,दुष्कर्मियों तक का स्वागत करते हुए भाजपा में मिलाना पड़ रहा है। *अबकी बार चार सौ पार की घोषणा करने वाले मोदीजी को भाजपा की जीत पर शंका का डर क्यों सता रहा है? 


* सन् 2014 और सन् 2019 में मोदीजी आसानी से प्रधानमंत्री बने। उस समय किसी कांग्रेसी को और भ्रष्टाचारी को भाजपा में नहीं लिया था।

*** अब सन् 2024 के चुनाव में इतना अधिक डर है कि वे सभी कार्य कर रहे हैं जो संघ और भाजपा के संस्कारों के एकदम विपरीत है।

इस बार जीत में संशय है और इसलिए भाजपा में कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों, बैंकों का लाखों करोडो़ं कर्ज लेकर डकारने वालों, हत्याकांड आरोपियों,कालाबाजारियों को शामिल किया जा चुका है ताकि किसी तरह से हौवा खड़ा करके जीत जाएं। प्रधानमंत्री बनने की हैटट्रिक बनाने के चक्कर में ईमानदार चेहरा और बहुत खो दिया हैं? 

* मोदीजी की गलतियों से भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ताओं को कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों का स्वागत करना पड़ रहा है।

रेप आरोपों के अभियुक्तों तक को साथ बैठाना पड़ रहा है। महिला कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में कार्यक्रमों में भ्रष्ट व दुराचारी भी होंगे। यह सब इसलिए कि मोदीजी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाया जा सके।

👍 कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों पर भरोसा है कि ये वोट दिलाएंगे अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा क्यों नहीं रहा?अपने कार्यकर्ता दो बार जिता लाए लेकिन इसबार  शंका क्यों है?कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों के पास कौनसे वोट हैं? भ्रष्टाचारी लोगों से दुखी होकर ही जनता ने भाजपा का साथ दिया था। भाजपा यह सब 10 सालों में भूल गई। अब भाजपा  भ्रष्ट लोगों को मिलाने लगी है तो जनता भाजपा को वोट क्यों देगी ? जनता नाराज हो रही है।भाजपा नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेशों के अध्यक्ष आदि  खुश हो रहे हैं, लेकिन देश की जनता को कोई खुशी नहीं हो रही। 

👍👍 कांग्रेसी कह रहे हैं हर ओर चर्चा है कि कांग्रेस में जो भ्रष्टाचारी थे वे निकल गये अब कांग्रेस शुद्ध हो रही है और भाजपा भ्रष्टाचारियों को मिला कर अशुद्ध हो रही है। भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ताओं की नेता सुन नहीं रहे। नाराजगी भीतर भीतर बढ रही है।  भाजपा नेताओं  को भरोसा है कि देश भक्ति की भावनाओं में डूबे कार्यकर्ता भाजपा को छोड़कर और कहीं नहीं जा सकते। विधानसभा चुनाव 2023 में जहां हुए वहां यह सोच गलत भी हो गया। लोगों ने भाजपा को वोट न देकर अन्य को दिया।

👍 मोदीजी की सरकार दो बार बहुमत से बन जाती है तो अब तीसरी बार 400 सीटों से भी अधिक सीटों की आवश्यकता ही क्यों है?

👌 क्या संविधान में कोई बड़ा बदलाव करना चाहते हैं? हालांकि मोदीजी ने कहा है कि संविधान में कोई भी बदलाव नहीं कर सकता लेकिन अपने मन का नहीं कहा। मोदीजी ने यह नहीं कहा- मैं संविधान में कोई संशोधन नहीं करूंगा। लोग मोदीजी की बातों पर पहले विश्वास करते थे लेकिन अब उनके भाषणों को सुन सुन कर भाजपा से दूर हो रहे हैं।

26 अप्रैल 2024.

करणीदानसिंह राजपूत,।

पत्रकारिता 60 वर्ष.

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356.

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