महाभारत से भी बड़ा महाभारत जीतेंगे राजपूत क्षत्रिय चल पड़े युद्ध को 36 कौमों के साथ
* करणीदानसिंह राजपूत *
महाभारत से भी बड़ा महाभारत जीतने का संकल्प लेकर सत्ता को चुनौती देते पराजित करने को राजपूत क्षत्रियों एक आवाज राजस्थान से होती हर राज्य में फैली और यह एकता आजादी के बाद पहली बार देख रहा हूं। मेरे पत्रकारिता जीवन के 60 वें वर्ष में सन् 2024 में यह जयघोष इतिहास रचेगा।
*यह चुनावी युद्ध अब हर सीट पर हो गया है। युवा से लेकर जीवन के अंतिम पड़ाव के हर राजपूत नर नारी को धैर्य और कुशलता से लड़ना है।क्योंकि यह लड़ाई व्यक्तिगत नहीं सत्ता के साथ हर व्यक्ति के लिए है और राजपूत क्षत्रिय का जन्म ही आम जन की सुरक्षा रक्षा करने के लिए होता है।
* लोकतंत्र में सब अधिकार अपने में समाहित करने की पद्धति पर चलना और मैं 2024 में फिर आऊंगा और भयभीत करने के लिए कहना कि 2029 में भी हमारा ही राज होगा।हमने तो 2050 तक के लिए योजनाएं बना ली हैं।
* लोकतंत्र में कभी ऐसा अहंकारी दावा कोई नहीं कर सकता जैसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय नेता कर रहे हैं। सामने वाले को सदा के लिए खत्म कर देने के बोल हुए तो पीछे धकेले जा रहे राजपूतों ने सामने ललकार दी। स्वतंत्रता के बाद राजपूतों को राजनीति में दूर करते करते जीरो करने लगे तो राजपूत जाग उठा। राजपूत की ललकार से चुनाव युद्ध में कूदना मामूली नहीं होता। इसबार का युद्ध संसार में चर्चा बन गया है। मोदीजी 2014 में फिर दुबारा 2019 में प्रधानमंत्री बन गये और अब तीसरी बार फिर सत्ता की चाह में 400 पार का नारा लगा चुके हैं। एक योजना चलाई गई कि 75 वर्ष से बड़ों को टिकट नहीं और स्वयं तीसरी बार आते हैं तो अंत तक उम्र 79 वर्ष हो जाती है।
* संपूर्ण मंत्रियों के विभागों के शिलान्यास लोकार्पण योजनाओं की घोषणाएं केवल मोदीजी करते हैं। मंत्रियों की जरूरत ही नहीं तो फिर इस फौज का खर्चा ही क्यो?
* विधानसभा की टिकट मोदीजी तय करने लगे। मुख्यमंत्री परची से मोदीजी बनाने लगे। लोकसभा सीट की टिकट भी मोदीजी तय करने लगे। यह कैसा लोकतंत्र है?
** देश का पहला प्रधानमंत्री जो प्रेस कान्फ्रेंस नहीं करता। पत्रकारों से बात नहीं करता। गलतियों और घोटालों पर पत्रकार प्रश्न कर देंगे तब जवाब नहीं होगा। संसार भर में बदनामी होगी। लेकिन इलेक्ट्रोल बांड से चंदा लेने का राज इतना खुल गया कि देश को मालुम हो गया की कत्लकारखानों से भी चंदा ले लिया। बड़े घोटाले करने वालों से भी लिया। जिनको ठेके देने थे उनसे भी लिया। बहुत बड़ी सूची है। सोचा तो यही था कि यह कोई भी कभी नहीं जान पाएगा लेकिन संसार जान गया।
*** पीएम केयर फंड का राज भी ऐसे ही किसी दिन खुल जाएगा।
👌 बड़े अखबारों बड़े चैनलों को विज्ञापन की रोक की धौंस से शक्तिहीन बना दिया गया इसलिए मोदीजी के विरुद्ध एक पंक्ति छप नहीं सकती और न प्रसारित हो सकती है।
👌 बड़े बड़े कारोबारियों को करोड़ों रूपये देकर बट्टेखाते डाल दिया गया।
👌 विदेशों से काला धन लाया नहीं गया उल्टा स्विस बैंकों में कालाधन बढ गया। लेकिन आश्चर्य यह है कि खातों की संख्या कैसे बढ गई। यह सहायता सहयोग आखिर किसने किया?
👍 जो लोग करोडो़ं रूपये कर्जा लेकर विदेश भाग गये उनको लाने की घोषणाएं लुप्त हो गई।
👌👌 देश की सीमा में चीन ने अनेक गांवों के नाम बदल दिए लेकिन चुप्पी छाई है। सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोपों का जवाब नहीं है।
* सेना का पेंशन मुद्दा भी है जिसका जवाब नहीं।
👌 पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को छुड़ाने की चर्चा होती रहती है तो यह करते क्यों नहीं। जनता ने तो रोका नहीं।
👌 भाजपा राज्यों में बढते नारी अत्याचार पर कार्यवाही नहीं होती।
👍 ईडी सीबीआई का दुरूपयोग।
* भाजपा में कांग्रेसियों का प्रवेश और मोदी वाशिंग मशीन में सब दाग साफ। बलात्कार के आरोपियों तक को ले लिया।
👍 वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में छूट बंद कर दी और दुबारा शुरू नहीं की।
👌👌👌 घोटालों भरी सत्ता से 2024 का यह युद्ध है जिसके लिए राजपूतों क्षत्रियों ने चुनौती दी है और 36 कौमें राजपूतों के साथ खड़ी है कि असली आजादी चाहिए जो मोदीजी ने हड़प ली है।
* इस महाभारत के युद्ध के लिए महाराणा प्रताप को याद कराना चाहता हूं।
💐 हल्दीघाटी में से गुजरते समय मैं रोमांचित था और एक बड़ी ताकत मेरे बदन को जोश से झंकृत कर रही थी और लग रहा था कि महाराणा प्रताप आसपास ही है और वे रोमांचित कर रहे हैं। राजस्थान पत्रिका का राज्य स्तरीय पुरस्कार लेने के लिए मैं और संपादक प्रबंधक आदि कार में सवार थे। वह दिन 5 मार्च 1997 का जब यह रोमांच अनुभव हुआ और आजतक अनेक बार मेरे भाषाओं में व्यक्त कर चुका हूं। उदयपुर में मोतीडूंगरी पर चेतक सवार महाराणा की प्रतिमा हल्दी घाटी युद्ध के लिए रवाना होने से पहले का अहसास कराती। महाराणा का भाल और चेतक की एक एक नस उभरी हुई।
* बस यह युद्ध बड़े जोश से बड़े होश से लड़ना है। सामने पुराने अपने ही हैं जो अहंकार में डूबे हैं उन पर ही तीर चलाने हैं। यह कृष्ण का युद्ध भूमि कुरुक्षेत्र में दिया संदेश याद रखना है।
👌और यह कविता जो जुलाई सन् 2015 में लिखी गई आकाशवाणी से प्रसारित हुई। हर राजपूत के लिए।
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अर्जुन नहीं कर पाया,तुझे करना है
कविता- करणीदानसिंह राजपूत.
अर्जुन नहीं कर पाया,तुझे करना है
वक्त को जान वक्त को पहचान
क्यों सोया है,गहरी नींद
जाग उठ, सवेरा तुझे करना है
वक्त पल दर पल बदलता है।
अर्जुन कुछ नहीं कर पाया
गांडीव था पास
गोपियां लुटती रही
काल बड़ा बलवान
उठ,बदलदे ये कहावत
तूं धारण कर नया धनुष
मत रख गांडीव नाम
निशाने पर तीर चला
तेरे बाण से होगी रक्षा
बतलादे समाज को
दिखलादे शक्ति
पुरानी कथाओं को
सुनने सुनाने का
वक्त नहीं।
अब अर्जुन का वक्त नहीं
वक्त तेरा है
जागना तुझे है
जागते रहना भी तुझे है
कमान धारण भी तुझे करना है
तीर चलाना भी तुझे है
पुराना सब कुछ भूलना भुलाना है,
मगर कृष्ण को नहीं भूलना
दुष्टों का संहार करने को
तुझे ही तो तीर चलाना ।
मैं वक्त,
बनूंगा तेरे रथ का सारथी
काल बनूंगा
धरती पर आए
छली कपटी बगुला मनुषों का
मगर तीर तुझे चलाना होगा।
ये संगी साथी मित्र प्यारे
फुसलाऐंगे,
ये परिजन प्यारे दुहाई देंगे,
अपनों पर ही वार
करने को रोकेंगे टोकेंगे बतलाऐंगे
पीढी दर पीढ़ी के रिश्ते
तूं किसका करने वाला है संहार
वक्त तो सच्च में सोच को
बदलने को प्रबल होगा
कमान उठाने को
तीर चलाने को
तूं रथ पर चढऩे को तैयार न होगा
नाते रिश्तेदार सखाओं की भीड़
रोने लगेगी,आँसुओं की धारा
बनाएगी रिश्तों की गांठे।
लेकिन काल बड़ा बलवान
पुरानी कहावत बदल कर
संशोधित करके चल।
मैं वक्त, हां मैं वक्त
नए सिरे से लिखूंगा इतिहास
मैं वक्त हूं,
मेरी ताकत को ये नाते रिश्तेदार
संगी साथी पहचानते नहीं
मेरी ताकत को जानते नहीं
मैं वक्त,तुझे रथ तक लाऊंगा
मैं ही शक्ति से रथ पर चढाऊंगा
और मेरी ताकत से तूं
तीर चलाएगा दुष्टों पर
जिनको तूं भ्रम में अपने सखा संगी
नाते रिश्तेदार समझ बैठा है।
मैं वक्त, तुझे नया अर्जुन तो नहीं बनाऊंगा
अर्जुन और कृष्ण तो चेतना है,
लेकिन मैं तुझे उनसे कम भी नहीं रखूंगा।
तेरा नामकरण तो दुनिया करेगी
तेरा नाम तो दुनिया धरेगी
मैं वक्त,
शब्दकोश में रचूंगा नया नाम
जो दुनिया के हर इतिहास में
तुझको स्थापित करेगा।०0०
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करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता का 60 वां वर्ष
सूरतगढ़. ( राजस्थान)
मो. 94143 81356
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💐 जोश जगाए तो शैयर करें। सोशल मीडिया के ग्रुपों में प्रसारित करें।
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