* करणी दान सिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 9 अगस्त 2023.
नगर पालिका अध्यक्ष परसराम भाटिया ने आज शाम को वार्ड नंबर 42 में श्री अरूट महाराज पार्क का शिलान्यास किया। इस विशाल पार्क के निर्माण पर 1 करोड़ रूपये व्यय किए जाएंगे। इस अवसर पर अरोड़वंश कल्याण समिति के अध्यक्ष व अरोड़ा समुदाय के प्रमुख अनेक लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर उपस्थित पूर्व विधायक गंगाजल मील ने कहा कि एक करोड़ रूपये निर्माण में लगाने की योजना है और आवश्यकता हुई तो अरोड़ा समुदाय बहुत बड़ा है उससे सहयोग लिया जाएगा।
* चुनावी वर्ष और अक्टूबर 15-20 तक चुनाव आचार संहिता लगने की संभावना है।
ऐसे में श्री अरूट महाराज पार्क के निर्माण को आचार संहिता लगने से पहले बहुत तेज गति से चलाना और पूर्ण करना आवश्यक है। निर्माण ठेकेदार कं को निर्माण शुरू करने का आदेश,डीएलबी की अनुमति आदि प्रक्रिया भी शीघ्र होना आवश्यक है।
👍चुनाव से पहले इसके निर्माण से राजनीतिक लाभ कांग्रेस टिकट लाने वाले टिकटार्थी को मिलने की पक्की संभावना होगी।
👍 समारोह में माननीय पूर्वविधायक गंगाजल मील,नगरपालिका कार्यवाहक अध्यक्ष श्री परसराम भाटिया, पार्षद मदन ओझा,वार्ड पार्षद सुनील सैनी,अरोड़वंश कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक भाटिया ने अपने भाषणों में एक पार्क महाराज अरूट जी पार्क का और 1 करोड़ की लागत का उल्लेख किया। एक करोड़ रूपये इस पार्क पर लगने के ही भाषण थे। पर्दा हटाया गया तब दो पट्टिकाएं रखी हुई सामने आई।
* एक पर महात्मा ज्योतिराव फूले एवं माता सावित्रीबाई फूले पार्क का शिलान्यास लिखा था।
* दूसरी पर महाराज अरूट पार्क का शिलान्यास लिखा था।
👍किस पार्क पर कितने रूपये लगेगें,कितना क्षेत्रफल होगा,ये कब तक बन जाएंगे के बोर्ड निर्माण स्थानों पर तुरंत लगाए जाने चाहिए। यह निर्माण नीति के तहत लगाए जाने जरूरी है जो नगरपालिका प्रशासन की अधिशाषी अधिकारी को तुरंत करना चाहिए। नियमानुसार तो शिलान्यास के वक्त ही होने चाहिए थे।
👍 नया बनाना अच्छा है मगर पुरानों को भी साफ सुथरा हरियाला बनाएं*
* शहर के गंदगी भरे केशव उद्यान, जेठमल मूंधड़ा पार्क,नया हाऊसिंग बोर्ड कालोनी पार्क,एक पार्क जिस पर हरियाणा एकेडमी नामक संस्था ने कब्जा कर रखा है,पर अलग से विचार रखे जाएंगे। केशव उद्यान संघ प्रमुख के नाम पर 2005 में स्थापित और करीब 20 लाख से अधिक खर्च भी हो चुके। पूर्व विधायक अशोक नागपाल द्वारा स्थापित। जेठमल मूंधड़ा पार्क सबसे पुराना है। इन पर नगरपालिका प्रशासन और सत्ता की अनदेखी होती रही है।०0०
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