* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ विधानसभा सीट पर भाजपा ने 2013 और 2018 में लगातार 2 बार कांग्रेस को पछाड़कर जीत प्राप्त की। दोनों बार जीत का कमाल जनता ने किया था न कि प्रत्याशी अपने दम पर जीते। इस बार 2023 के चुनाव के लिए नये चेहरे के लिए आवाज उठी है और यह आवाज 1 साल से दमदार होती गई है। हर गांव और शहर में नये चेहरे की मांग है।
* भाजपा ने पुराने चेहरों में से किसी को थोपा या विधायक रिपीट किया तो तीसरी बार जीत की हैटट्रिक नहीं बना पाएगी बल्कि "हार" पहनेगी।
सबसे बड़ी बात है कि भाजपा जनता की वोटरों की मानेंगे या जयपुर दिल्ली की हाजिरी को मानेगी जो तिकड़म पुराने चेहरे धोक लगाने में लगे हैं।
* वर्तमान विधायक रामप्रताप कासनिया से लोग बेहद नाराज हैं और मुखरित हैं। कासनिया से नाराजगी गांव गांव और शहर के हर वार्ड में खुले रूप में प्रगट होने लगी है। लोग कासनिया से खार खाए हुए हैं। कासनिया 16 अगस्त 1952 को जन्मे इस समय 72 वर्ष के होते हुए चुनाव में उतारे जाते हैं तो जनभावना के विपरीत भाजपा कैसे जीत हासिल कर पाएगी। जनता में कासनिया दो साल पहले से अप्रिय होने लगे थे। यदि एकदम सही माने तो कोरोना काल से ही जनता से दूर हो गये। ऐसी स्थिति में और 72 की उम्र में रिपीट करना असंभव है और बड़े नेता बड़े संबंध निभाते हैं तो गिनती में एक सीट घटा लेनी चाहिए।
👍कासनिया के कारण नगरपालिका व पंचायत समिति दोनों में कमल राज खत्म हो गया।*
विधायक रामप्रताप कासनिया पर गंभीर आरोप है कि इनकी मनमानी और फ्री हैंड से उतारे गये प्रत्याशी हारे और भाजपा की सत्ता से नगरपालिका और पंचायत समिति कांग्रेस छीन ले गई। दोनों संस्थाएं बहुत बड़ी होती हैं जहां कासनिया के कारण "कमल" पुनः खिलने से रह गया।
* सन् 2013 में भाजपा टिकट पर जीत कर विधायक चुने गए राजेन्द्र सिंह भादू भी पुराने चेहरों में हैं। * 7 अगस्त 1953 को जन्में भादू भी 70 पार करते 71 वर्ष के हो रहे हैं। जनता वर्तमान विधायक कासनिया को नहीं चाहती और ठीक यही हालात भादू के हैं।
👍 जनता नहीं चाहती कि पुराने चेहरों रामप्रताप कासनिया और राजेन्द्र सिंह भादू को भाजपा चुनाव में उतारे।
* सूरतगढ नगर मंडल,सारे देहात मंडल, श्रीगंगानगर के भाजपा जिला अध्यक्ष स.शरणपालसिंह मान भी पुराने चेहरों की सिफारिश करदें तो भी जनता की आवाज को बंद नहीं कराया जा सकता। भाजपा के पास नये चेहरे नहीं हों तब तो पुराने को रिपीट करें लेकिन सूरतगढ सीट पर तो सक्रिय नये चेहरे हैं। लोगों की मांग नया चेहरा है। इस बार स्पष्ट है कि कोई भी पुराना चेहरा सीट नहीं निकाल सकता। अब पुराने चेहरे जिताऊ हालत में नहीं रहे। नया चेहरा ही सीट निकाल सकता है। भाजपा को चयन करना चाहिए नया चेहरा ताकि 2023 में भी जीत प्राप्त हो और हैट्रिक बन जाए। पुराने चेहरे अभी टिकट चाहते हैं लेकिन हालात को समझते उनको स्वयं ही पार्टी की जीत के लिए हट जाना चाहिए। कासनिया जी करीब 40 सालों से और भादू जी करीब 35 सालों सै चुनावी राजनीति कर रहे हैं। नये चेहरों को अब चुनावी राजनीति करने का मौका मिलना चाहिए और 2023 का विधानसभा चुनाव सही मौका है।
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* 29 अगस्त 2023.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ ( राजस्थान )
94143 81356.
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