पूजा छाबड़ा के मन में राजनीति और चुनाव के नाम पर क्या है!
* करणीदानसिंह राजपूत *
पूजा छाबड़ा राजनीति और चुनाव के नाम पर चुप है। लेकिन लोगों को आशंका हो रही है कि पूजा के नाम पर सूरतगढ की सारी राजनीति ही बदल जाएगी।
पूजा भारती छाबड़ा के नाम से नेताओं के चेहरों पर चिंताओं की लकीरें खिंचती है। चुनाव 7 महीने पर और अपने आपको जनता के तथा अपनी अपनी पार्टी के सामने प्रस्तुत करने के लिए दो से तीन महीने। असल में इतना ही समय बचा है।
राजनीति करने वालों को आशंका है कि पूजा छाबड़ा के नाम पर भाजपा और कांग्रेस में बहुत उलट पुलट हो जाएगा। भाजपा और कांग्रेस के चुनावी टिकटार्थियों को आशंका है कि लोग पार्टियों की परवाह नहीं करेंगे और पूजा छाबड़ा के साथ खड़े हो जाएंगे। इस भय का आधार है
पूजा छाबड़ा की शराबबंदी नशामुक्ति अभियान की जो घर घर हर इलाके में पहुंची हैं।
लोग नर नारी युवा पूजा छाबड़ा के अभियान से जुड़ रहे हैं। इस जुड़ाव से पुराने नेताओं को और चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे नये नेताओं व कार्यकर्ताओं को भय लग रहा है।
पूजा छाबड़ा ने शराबबंदी नशामुक्ति अभियान की शुरुआत की तब हंसी उड़ाई गई और कहा जाता रहा कि ऐसे अभियान नहीं चलते। कुछ दिन हो हल्ला कर थक हार जाएगी। यह सोच विचार धूलधूसरित होते गए और पूजा छाबड़ा का अभियान जोर पकड़ता गया। आज पुराने नेताओं के साथ जोर लगाने पर भी बीस पच्चीस आदमी नहीं जुड़ते वहीं पूजा छाबड़ा के साथ सैंकड़ों की संख्या तुरंत खड़ी हो जाती है। लोगों को पूजा छाबड़ा में भरोसा विश्वास भविष्य दिखाई देता है।
पूजा छाबड़ा राजनीति और चुनाव के नाम पर चुप है। सूरतगढ जिला बनाओ अभियान में 17 अप्रैल 2023 संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक से वार्ता कर लौट रहे थे तब बड़ी महत्वपूर्ण बातें हुईं।
* पूजा छाबड़ा ने कहा कि मेरे चुनाव लड़ने और किसी भी पार्टी की टिकट लाने की चर्चाएं की जा रही है। यह टिकट ले आएगी तो हमारा क्या होगा?
** पूजा छाबड़ा ने बताया कि शराबबंदी नशामुक्ति सामाजिक अभियान है जिसके लिए मेरे ससुर गुरूशरण छाबड़ा जी ने अपने प्राणोत्सर्ग कर दिए शहीद हो गए। हमारा घर एकमात्र वह स्थान है जहां कांग्रेस भाजपा सत्ता गैरसत्ता के वरिष्ठ नेताओं का आना होता रहा है और अब भी होता है।
*** सूरतगढ क्षेत्र मेरे ससुर शहीद गुरूशरण छाबड़ा जी की कर्मभूमि रही है इसलिए मैंने इस क्षेत्र में कर्म करने को प्रमुखता दी है।
**** सूरतगढ जिला बनाओ अभियान शुरू हुआ जो मुझे विकास के लिए और जनभावनाओं से जुड़ा हुआ लगा तो इसमें भी जुट गई और आमरण अनशन किया। सरकार से वार्ता का निमंत्रण मिलेगा और आशा करते हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी अच्छा निर्णय करेंगे।
👍 पूजा छाबड़ा ने राजनीति और चुनाव के नाम पर चुप्पी ही धारण किए रखी। ०0०
18 अप्रैल 2023.
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